भावना सीरवी

किसी विद्वान ने लिखा है कि..
यदि अम्बर नहीं होगा तो चाँद सितारे क्या करेंगे?
यदि समुद्र नहीं होगा तो किनारे क्या करेंगे?
यदि मन मन्दिर में श्रद्धा की ज्योति नहीं जली तो..
मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरुद्वारे क्या करेंगे
सरल सौम्य स्वभाव, मुदुभाषी, मिलनसार, व्यवहार कुशल, लेखनी की धनी, स्पष्टवादी और समाज-सेवा को समर्पित भावना सीरवी का जन्म पाली जिले के एक साधारण किसान परिवार में श्री भीकारामजी सीरवी के घर 25 अप्रैल 1994 को हुआ, माता श्रीमती लक्ष्मी देवी के स्नेह-आँचल में पलकर बड़ी हुई। सुश्री भावना ने शिक्षा के क्षेत्र में M.A उत्तीर्ण किया। आपने स्कूल की पढाई M.B.M. स्कूल व बालिया बालिका स्कूल से की ।स्नातक व स्नातकोत्तर की पढाई JNVU जोधपुर से की ।आपको कम्प्यूटर शिक्षा में भी बहुत रूचि थी, इसलिए आपने कम्प्यूटर की शिक्षा Jeet Computer से ली व वहीं पर दुसरों को भी कम्प्यूटर सिखाना शुरु कर दिया आपको Accounting का भी Knowledge था। कॉलेज की छात्राओं को Tally Account सिखाने का काम भी किया करती थीं ।
आपका संगीत सफर –
संगीत में आपको बचपन से ही विशेष रूचि थी । कहते है कि मन में अगर कुछ ठान ऐ तो कोई काम मुश्किल नहीं। बड़े भाई हरीश सीरवी के विशेष प्रोत्साहन और सहयोग से आज आपने संगीत के क्षेत्र में उम्दा नाम कमाया । साथ ही भाई मोहनजी व अन्य परिवार जनों का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा । संगीत की शुरुआत आपने सर्वप्रथम माही बीज पर भजनों कि प्रस्तुति देकर की । इसके बाद शिवरात्रि की भजन संध्या पर भी प्रस्तुति दी । आपका पहला एल्बम गजबन फागन था, जो आपने स्वयं लिखा व गाया। इसके बाद आपने कृष्णा स्टुडियो से ही शादी, ढुंड व फागण के अन्य गाने भी रिकार्ड किये। आपने हाल ही में ही अराध्या देवी श्री आई माता जी का गीत स्वयं लिख कर रिकॉर्ड किया जिसका नाम “मां अम्बे रो अवतार जी” है|
केशरदात्री अखण्ड ज्योति स्वरूपा माँ श्री आईजी एवं माँ श्री सरस्वतीजी की अपार कृपा दृष्टि सुश्री भावना पंवार और इनके परिवार पर सदा बनी रहे तथा आपके हृदय में उच्च विचार और समाज सेवा की ज्योति सदैव प्रज्ज्वलित रहे।
प्रस्तुति- मनोहर राठौड़ मैसूर , श्रीमती भारती परीहारिया
प्रषेक- सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम

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