श्री देवाराम जी मेरावत
बेरा मेरावतो का नोखड़ा, उचियार्डा बिलाड़ा
को शारीरिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति होने पर हार्दिक बधाई एवं अभिनंदन।
प्रेरणात्मक दृष्टि एवं जानकारी के तौर पर अवगत करवाना चाहूँगा कि हमारे समाज के प्रतिभावान छात्र श्री देवाराम जी मेरावत अध्ययन के साथ-साथ खेलो में भी विशेष रुचि रखते हुए राजस्थान के जालोर के रा. उ.मा. वि. जालोर में राज्यस्तरीय पर आयोजित पुरूष वर्ग 19 वर्ष में फुटबॉल खेल प्रतियोगिता में भाग लिया।
इन्होंने वर्ष 2007 में बी.पी.एड का डिप्लोमा कोटा विश्वविद्यालय कोटा के अंतर्गत भारत माता शारीरिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रथम श्रेणी से उतीर्ण किया।
स्कूली शिक्षा के साथ ही इनका जीवन संघर्षरत हो गया था जब इन्होंने 12वी कक्षा व्यवसायिक शिक्षा से उतीर्ण की तब तत्कालीन सरकार ने व्यवसायिक शिक्षा को बन्द कर दिया था तो इन्होंने वापस कला वर्ग से 12वी कक्षा उतीर्ण की थी।
इसके बाद इनको बैंगलोर जाना पड़ा था कहीं वर्षो तक बैंगलोर में नोकरी करते रहे इसी बीच इन्होंने J.N.V.U.जोधपुर से प्राइवेट (स्वयंपाठी) छात्र के तौर पर तीन वर्षों तक बैंगलोर से आकर परीक्षाएं दी और अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इस प्रकार इन्होंने बैंगलोर में कमाने के लिए जाने पर भी अपनी पढ़ाई को जारी रखा इसी का यह परिणाम है कि आज इन्होंने सरकारी नौकरी प्राप्त की।
इसके बाद आपने निजी विद्यालय आर.डी. शिक्षण संस्थान में 5 वर्षो तक अपनी सहरानीय सेवा दी फिर पारिवारिक परिस्थितियों के चलते आपने लंबा संघर्स किया इसके बीच घर की सारी जिम्मेदारियां भी इनके कंधो पर आ गई थी। फिर भी इन्होंने हार नही मानी और सरकारी नौकरी के लिए इनके मन मे एक चिनगारी सी जलती रही। जब इन्होंने वर्ष 2015 की भर्ती में परीक्षा दी तब मात्र 2 अंको पीछे रहने के कारण सरकारी नोकरी नही मिल सकी। इससे इनको बड़ा धक्का लगा। इसके बाद जब भर्ती आई तब उम्र भी बढ़ती जा रही थी तथा याद रखने की क्षमता भी कमजोर होती जा रही थी। और तो और घर की जिम्मेदारी भी बढ़ती जा रही थी। फिर भी इन्होंने हिम्मत नही हारी और बड़े जोश के साथ सरकारी नौकरी के लिये लगे रहे और अंततः इन्होंने सरकारी नोकरी प्राप्त की।
सामाचार प्रेषक:- महेंद्र सिंह मेरावत