(21) सीरवी आगलेचा गौत्र का उद्भव :–

सीरवी आगलेचा गौत्र का उद्भव :–
आगलेचा – मुहणोत नैणसी की ख्यात पृष्ठ १७२ जालोर के सोनगरा चौहान में विक्रमी संवत १३६८ वैशाख सुदी ५ बुधवार को जालोर का गढ़ टूटने पर वीरगति को प्राप्त हुए कान्हड़देव के सैनिकों की सूची में कान्हा ओलेचा लिखा गया | जो समय के साथ ओलेचा से आगलेचा होना जान पड़ता हैं | समाज के राव-भाट अपनी बही से आगलेचा गौत्र का निकास चौहान से बताते हैं |

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