जय मां आईजी री सा। उदयपुरराजस्थान का एक विश्व प्रसिद्ध एवं खुबसुरत पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, संस्कृति और अपने आकर्षक स्थलों के लिये प्रसिद्ध है। इसे पूर्व के वेनिस के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर अपनी अनेक विश्व प्रसिद्ध झीलों के कारण झीलों की नगरी city of lakes के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान का यह खूबसूरत शहर देश विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए एक सपना सा लगता है। यह शहर ऐतिहासिक वीर भूमि, शैक्षिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अनुपम है।
राजस्थान के प्रमुख शिक्षा में अग्रणी शहराे में से एक, उदयपुर में बहुत सी अग्रणी सरकारी व गैर सरकारी उच्च स्तर के शैक्षिक संस्थाए है, जहां अपनी समाज के भी 300 से 400 छात्र अध्ययनरत है।
उदयपुर रहने के लिए एक मंहगा शहर है, जहां छात्राें काे रहने के लिए एक कमरे के 3 से 5 हजार रुपये खर्च करने पडते है व इसके साथ ही कई खर्चे।
पैसाे वालाे का ताे ठीक है पर आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए यहां पढाना एक सपना सा है। ऐसे में उदयपुर में छात्र हित में समाज का छात्रावास हाेना बहुत जरुरी ही नही बल्कि अति आवश्यक है।
इसी बात काे ध्यान में रखते हुये लगभग हर समाज ने यहां छात्र हीत में छात्रावास बनवाये है। कई समाजाें के ताे 2-2 व 3-3 छात्रावास बने हुए है।
जैन समाज, जाट, राव, मेघवाल, रेबारी, भील-मीणा, कायस्थ, वैश्य और लगभग हर समाज के छात्रावास यहा पर हैै। ऐसे में हर तरह से सक्षम व बुद्धि जीवियाे, शिक्षा प्रेमी दानवीर भामाशाहाे की अपनी समाज का छात्रावास नही हाेना हम सभी के लिए साेचने वाली बात है।
अतः एक बार पुनः आप सभी से छात्रावास निर्माण में तन, मन व धन से सहयोग कर समाज काे शैक्षिक रुप से आगे बढाने में अपना योगदान अवश्य देवे।
दाैलाराम साेलंकी, उदयपुर