- “कैसे बचेंगी बेटियां”
“Save the girl child”
पृथ्वी पर मानव जाति का अस्तित्व , आदमी और औरत दोनों की समान contribution के बिना possible नहीं होता है। दोनों ही पृथ्वी पर मानव जाति के अस्तित्व के साथ-साथ किसी भी देश के development के लिए समान रूप से responsible है। महिलाएं पुरुषों से अधिक महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि महिलाओं के बिना मानव जाति की निरंतरता के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं क्योंकि महिलाएं ही मानव को जन्म देती हैं। नर्सिंग एजुकेटर रमेश सीरवी ने कहा कि
लडकियाँ प्राचीनकाल से भारत में बहुत type के crime से पीड़ित हैं। सबसे बड़ा अपराध कन्या भ्रूण हत्या (female feticide) है जिसमें Sonograpghy के माध्यम से sex determination के बाद लडकियों को माँ के गर्भ में ही मार दिया जाता है। बेटी बचाओ अभियान को सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के साथ-साथ बालिकाओं के विरुद्ध अन्य अपराधों को समाप्त करने के लिए शुरू किया गया है। समाज में लडकियों की स्थिति बहुत समय से विवाद का विषय बनी हुई है। सीरवी ने कहा
आमतौर पर प्राचीन समय से ही देखा जाता है कि लडकियों को खाना बनाने और गुड़ियों के साथ खेलने में शामिल होने की मान्यता होती है जबकि लडके शिक्षा और अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल होते हैं। ऐसी पुराणी मान्यताओं की वजह से लोग महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने को आतुर हो जाते हैं। इसके परिणाम स्वरूप समाज में बालिकाओं की संख्या लगातार कम होती जा रही है।
कन्या भ्रूण हत्या Hospital में sex determination के बाद गर्भपात के माध्यम से किया जाने वाला एक बहुत ही danger crime है। यह danger कार्य समाज में लडकियों की अपेक्षा लडकों की अधिक चाह की वजह से उत्पन्न हुआ है। इस समस्या ने समाज में बहुत हद तक कन्या शिशु लिंग अनुपात में कमी की है।
यह समस्या देश में USG की वजह से ही संभव हो पाया है। इस समस्या ने समाज में भयानक दानव का रूप ले लिया है।ये जानकारी रमेश सीरवी S/O तगाराम जी सीरवी Designation:- Senior Nursing Educator
Mumbai गाँव-चाणोद,तहसील -सुमेरपुर, पाली
प्रेषक:-दुर्गाराम सीरवी तमिलनाडु.