श्रीमानजी वआदरणीय पदाधिकारियों दानदाताओं व समाजबंधुओ संपूर्ण सिरवी समाज को नमन करते हुए।
मुझे हमारे समाज को ये बताते हुए अत्यंत खुशी व गम दोनों ही हो रहा हैं, कि हमारे समाज में बङे बङे मन्दिर व बडेर बनाये जाते हैं! और धूमधाम से प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न करते हैं, फिर हम साल दर साल भादवी बीज, मही बीज और 5-7 भजन संध्या का आयोजन व ऐसे अनेकों धार्मिक व प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में मन्दिरों व बडेरो से सभी दानदाताओं के सहयोग से एक बङी धन राशि बडेरो में बचत के रूप में जमा होतीं हैं। इस तरह से बडेरो का नाम समाज में रोशन होना स्वाभाविक हैं! परन्तु हमारे समाज को ये सोचने कि आवश्यकता हैं! कि समाज में ऐसे धार्मिक व समाजिक महोत्सव हो जिसमें हमारे धर्म का प्रचार हो, हमारे संस्कारों से समाज में एक ही रित एक ही रिवाज हो। जिससे हमारे समाज में एकता एवम् अखंडता से सदैव भाईचारा बनें रहें! ताकि समाज में समाज के विकास कार्य कि नींव रख सकें हैं। और हमारे समाज का नाम देश विदेश में रोशन हो सकें। लेकिन फिलहाल ऐसा देखने को नहीं मिल रहा हैं समाज भी कहीं न कहीं केवल धार्मिक महोत्सव से समाज का नाम रोशन करने में लगा हैं? जिसके कारण आज हम समाज के लिए विकास व राहत कार्य करने बहुत पीछे रह गयें हैं! कुछ कार्य समाज के द्वारा संपन्न भी हुए हैं! लेकिन ये हमारे समाज की विडंबना हीं हैं, कि बडेरो व मन्दिरों कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव या धार्मिक महोत्सव में जितना पैसा समाज के दानदाताओं एवम् दान पात्रों से बङी राशि के रूप में धन जमा होता हैं, उन पैसों का आधा हिस्सा मन्दिर व बडेरो के रखरखाव,धार्मिक महोत्सवों में खर्च और थोड़ा बहुत समाज कार्य के लिए खर्च हो जाता हैं, परन्तु बाकी के आधे पैसों से समाज में किसका और क्या विकास हुआ? समाज में आज तक देखने को नहीं मिल रहा हैं! जिससे हमारे समाज पर गर्व महसूस कर सकें !शायद ऐसा कभी देखने को मिला ही नहीं हैं? आखिर कब तक ऐसे ही होते रहेगा? अब तो कम से कम हमारे समाज के पदाधिकारियों व समाजबंधुओ को समाज में जागरूकता लाने की भरपूर कोशिश शुरू करनी होगी है! (बिना मनभेद के साथ) और गंभीरता दिखाने की आवश्यकता हैं! उसी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए में सिरवी समाज के सभी पदाधिकारियों व समाजबंधुओ को में नम्रता से अनुरोध करता हूं कि आप सब अपनी अपनी बडेरो में नीचे दिये गये सुझाव से एक नयी पहल समाज में शुरू करें।
1 समाज हित के लिए समाज में (अलग राहत बजट हो) जिससे राहत कोष राशि अलग से जमा हो सकें (समाज में मदद के लिए)
2 एक या उससे अधिक राहत दान पात्र (दान पेटी)धार्मिक महोत्सव में लगायें और हो सकें तो एक राहत दान पात्र हमेशा के लिए बडेरो में लगा दे।
3 (एसे समाज राहत कार्यों पर बडेरो में विचार विमर्श हो)
और इस तरह से समाज में समाजिक विकास कार्य के लिए अलग से राशि जमा करने की आवश्यकता हैं। क्योंकि हमारे समाज में इसके अनेक उदाहरण मौजूद हैं, जैसे गरीब को शिक्षा, व शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय कालेज,अस्पताल छात्रावास और समाज में गरीबी किसी गरीब के घर में बेटी व बेटे की शादी समय पर हो सकें और एक अति आवश्यक समाज कार्य हैं, ईशवर न करें किसी परिवार के साथ (अकस्मात दुर्घटना,)ऐसी अनेक घटनाएं हमारे समाज में हुई हैं, और एक दुर्घटना तो पुना में एक महीने पहले कि हैं उस घटना में दो परिवार में से एक परिवार कि दो बच्चियों के सिर से मा बाप का साया उठ गया हैं, अब उनके सिर हाथ रखने वाले कोई नहीं हैं, दुसरे परिवार में उसी तरह की घटना घटी हैं जिससे बाप का साया परिवार से उठ गया हैं। अब ऐसे समय में पुना समाज के कुछ लोगों ने मदद भी की ताकि बच्चियों का इलाज हो सकें ।परन्तु बच्चियों के भविष्य की चिंता कोन करेंगा?
(बच्चियों की मदद के लिए सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम वेबसाइट टीम से सम्पर्क करें सकते हैं)
शायद समाज को ही करनी होगी!अब ऐसे राहत कार्यों के लिए आप सब से फिर अनुरोध करता हूं,कि आप सब अपनी अपनी बडेरो ऐसे समाज कार्यों के लिए समाजिक महोत्सव करवाये हो सकें तो आपकी बडेर सीमा में जितनी भी दुकानें हैं,एक राशि तय कर सकते हैं,1100/- रू.2100/- रूपये के रूप में या अपनी श्रद्धा अनुसार जितना सहयोग देना चाहते हैं इस तरह से समाज के पास एक बङी धन राशि जमा हो सकती हैं।ऐसे कार्य करने के लिए बङी धन राशि व समाज में एकता एवम् अखंडता बहुत जरूरी हैं।जैसे हम घर में एक परिवार के रूप में रहते हैं,ठीक उसी तरह हमारा समाज भी एक बङा परिवार हैं,अब अगर बङे परिवार (समाज) में मतभेद (मन मुटाव) भी हो जाएं तो बात मनभेद (थे अलग में अलग) तक नहीं पहुंचनी चाहिए!क्योंकि हम सब एक साथ रहेंगे,तबी तो समाज बनेगा और समाजिक कार्य में सफलता हाथ लगेंगी।क्योंकि एकता ही एक सफल समाज की सबसे बङी पूंजी हैं, इसी एकता व सफलता का एक उदाहरण हमारे सामने हैं, सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम का मंच हैं, अगर हमारे समाज कि बडेर वाले चाहें तो सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम वर्ष के मंच को साथ में लेकर या सहयोग देकर काम करें तो समाज के लिए ज्यादा अच्छा होगा। क्योंकि सीरवी समाज सम्पूर्ण भारत डॉट कॉम के मंच के संस्थापक व संचालन हमारे समाज के दो होनहार तेजस्वी युवा नौजवानों के साथ संपूर्ण भारत वर्ष में एक बहुत बड़ी टीम हैं,जो एकता के साथ समाज में बदलाव के लिए दिन-रात कार्य कर रहीं हैं। इसका फल भी समाज में बहुत देखने को मिल रहा हैं आप भी उनकी वेबसाइट पर देख सकते हैं,व आप चाहें तो अपने विचार भी रख सकते हैं,में समाज एवं बडेरो से फिर अनुरोध करता हूं आप बडेर के माध्यम से आप इस मंच का सहयोग करें ताकि समाज में बदलाव हो सकतें हैं,अब मुझे आप सबसे एक ही उम्मीद है कि आप सब एक बार इस पर विचार विमर्श करेंगें !
आखिर में सब इतना ही कहूँगा कि
हमारे समाज कि जो बडेरो का उद्घाटन हो गया हैं,आज कुछ बडेरो में सुबह शाम कि आरती में मुश्किल से दो-चार लोग ही नजर आयेंगे?यही हमारे समाज कि हकीकत।
उक्त ये सभी विचार लेखक के अपने हैं ।
अब समाज को समाज कि परिभाषा क्या हैं? इस पर भी समाज में विचार विमर्श होना चाहिए ?
लेखक कभी ये सोच कर नहीं लिखता हैं,उसकी हर लकीर सही हैं
लेखक केवल समाज में सच्चाई पहुंचाने मदद कर सकते हैं
ये सब मेरे निजी विचार हैं,अगर कहीं मेरे द्वारा लिखे शब्दो ने समाज में किसी को ठेस पहुंचाने का काम किया हो तो उस गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूं व माफी चाहता हूं
प्रस्तुति- चुन्नीलाल सैणंचा मरूधर में बेरा भुटीया गाँव पीपलाद वा.बगङी नगर जिला पाली राज (सोलंकी ज्वेलर्स वडगाँव शिंदे रोङ लोहगाँव पूना महाराष्ट्र फोन )नंबर-9766560859