आजकल सीरवी समाज को Pre-wedding photoshoot की घातक बीमारी लगी तो पिछले एक-दो सालों से ही हैं लेकिन ये समाज में बहुत तेजी से spread हो रही हैं। Pre-wedding photoshoot की शुरुआत होने का कारण बड़ा ही interesting हैं। जैसे interior design वाले अपना importance साबित करने के लिए, कुछ नई design बताने के लिए हमारे घर के छोटे से hall में इतने light’s लगवाते हैं कि उतने lights की हमें requirements ही नहीं रहती। ठीक वैसे ही अपना importance साबित करने के लिए events managment वालों ने मालदार पार्टियों को कुछ नया event बताने के लिए Pre-wedding photoshoot की शुरुआत करवाई। जैसे हमारे घर के छोटे से हॉल में इतने सारे light’s की आवश्यकता ही नहीं रहती ठीक वैसे ही शादी जैसे पवित्र संस्कार में ऐसे बेहुदा events की आवश्यकता ही नहीं हैं। Pre-wedding photoshoot में होने वाले दूल्हा-दुल्हन अपने परिवार वालों की सहमती से शादी से पहले फोटोग्राफर के एक समुह को अपने साथ लेकर शादी के बाद पति-पत्नी honeymoon मनाने जाते हैं ऐसी सुंदर जगहों पर जाकर photoshoot करवाते हैं। कई फोटो दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे की बांहों में समाए हुए हैं ऐसे भी लिए जाते हैं। कई बार दुल्हन कम से कम कपड़ों में होती हैं। शादी के दिन एक बड़ी स्क्रीन लगा कर इसे दिखाया जाता हैं। हम किसी की भी शादी में जाते हैं दूल्हा-दुल्हन के जीवनसाथी बनने के साक्षी बनने एवं उन्हें आशिर्वाद देने। कल्पना कीजिए कि आप किसी की शादी में गए और वहां पर बड़ी सी स्क्रीन पर दूल्हा-दुल्हन पहले से ही एक-दूसरे के बाहों में समाए हुए हैं तो ये दृश्य देख कर आपको कैसा लगेगा?
यहीं लगेगा न कि इन लोगों को हमारे साक्षी होने की आवश्यकता ही नहीं हैं फ़िर हमें शादी में बुलाया ही क्यों? क्योंकि हमारी हिंदू संस्कृती में शादी से पहले इतना खुलापन acceptable नहीं हैं। ये western culture हैं।
ये photoshoot करवाने के लिए 1 से 5 लाख रुपए तक का खर्चा होता हैं। इस फोटोशूट को सही कहने वालों का कहना होता हैं कि शादी हमारे बच्चों की है, पैसा हमारा है तो हमारे बच्चों की खुशी के लिए यदि हम 5 लाख रुपए खर्च करते हैं तो गलत क्या हैं? जिसके पास पैसा नहीं हैं वो ये photoshoot न करवाए। लेकिन जिसके पास पैसा हैं उन्हें क्यों नहीं करने देते? बात बराबर हैं। इंसान बच्चों की खुशी के लिए ही सब कुछ करता हैं। यदि हम बच्चों की खुशी के तौर पर इसे देखेंगे तो इसमें कुछ भी गलत नहीं हैं। लेकिन कोई भी event सही हैं या गलत इस बात का फैसला इसी से होता हैं कि समाज पर उसके क्या परिणाम हो रहे हैं। कई research बताते हैं कि Pre- wedding photoshoot से कई शादियां टूट रही हैं। कहीं-कहीं तो दुल्हन ने दूल्हे की बजाय Photographer से ही शादी कर ली! बच्चों की खुशी के लिए ही आम इंसान जिसके पास इतना पैसा नहीं हैं वो loan लेकर भी यह photoshoot करवाएगा। इससे शादी के खर्च को लेकर पहले से टेंशन में जी रहे आम इंसान का टेंशन और बढ़ेगा। टेंशन इंसान को अंदर से खोखला कर देता हैं। जिस photoshoot से समाज के ज्यादातर लोग टेंशन में जिएंगे वो photoshoot एक danger बीमारी ही हुई न?
Pre-wedding Photoshoot से समाज पर हो रहे harmful effect को देख कर आजकल कुछ जगहों पर इस पर बंदिश लगाई जा रही हैं।
Friends, आप सभी से रमेश कोटवाल का निवेदन हैं कि Pre-wedding photoshoot जैसी danger बीमारी को समाज में फैलने न दे, तभी हमारा समाज happy रहेगा और समाज में नैतिकता के उचित मापदंड स्थापित होंगे।
लेखक:- रमेश सीरवी s/o. तगाराम जी कोटवाल
Senior Nursing Educator, Mumbai
गाँव-चाणोद, जिला-पाली,
राजस्थान।