श्रीमती दीपिका सीरवी को “शारीरिक शिक्षिका” के पद पर नियुक्ति होने पर हार्दिक बधाई एवं अभिनन्दन

खेल प्रतिभा..
श्रीमती दीपिका सीरवी धर्मपत्नि स्व. श्रीमोहन जी राठौड़
बेरा रेवालिया, रनिया चौराहे के पास बिलाड़ा।
सुपुत्री श्री हनुमानराम जी हाम्बड़
सेवानिवृत “वरिष्ठ अध्यापक” (हिन्दी)
निवासीः- बेरा हाम्बड़ो का धुम्बा बिलाड़ा, को “शारीरिक शिक्षिका” के पद पर नियुक्ति होने पर हार्दिक बधाई एवं अभिनन्दन

प्रेरणात्मक दृष्टि एवं जानकारी के तौर पर अवगत करवाना चाहूँगा कि.
हमारे समाज की प्रतिभावान छात्रा श्रीमती दीपिका सीरवी अध्ययन के साथ-साथ खेलो मे भी विशेष रुचि रखते हुए हैदराबाद (तेलंगाना), गंगेव रीवा (मध्यप्रदेश) व गंगानगर (राजस्थान) मे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित महिला वर्ग मे वालीबॉल खेल प्रतियोगिता मे भाग लिया।

आपने वर्ष 2006 मे बिलाड़ा मे आयोजित “राजस्थान स्टेट जुनियर एथेलिटिक चेम्पियनशिप” मे 5000 मीटर मे रनर (बीस वर्ष आयु वर्ग मे) प्रतियोगिता मे भाग लेते हेतु द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
अध्ययन के साथ स्काउट गाईड मे भाग लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर वर्ष 2006 मे “राष्ट्रपति गाईड” पुरस्कार (स्काउट एण्ड गाईड) से सम्मानित किया गया।

वर्ष 2007 से 2009 तक “जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर” की वालीबॉल टीम कैप्टीन रहते हुए विजयवाड़ा (आन्ध्र प्रदेश), कोट्टायम (केरल) व कन्नूर (केरल) मे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इन्टर युनिवर्सिटी वालीबॉल खेलकूद प्रतियोगिता साउथ वेस्ट जोन मे भाग लिया।
2008 मे एनसीसी (नेशनल कैटेड कोर) मे भाग लेकर आर्मी विंग मे “बी” सर्टिफिकेट प्राप्त किया।
इसी के साथ..
भारतीय वालीबॉल संघ द्वारा गुड़गांव हरियाणा मे आयोजित “जुनियर नेशनल वालीबॉल चेम्पियनशिप”, देवास- मध्यप्रदेश मे आयोजित “सब जुनियर नेशनल वालीबॉल चेम्पियनशिप” तथा विशाखापट्टनम- आन्धप्रदेश मे आयोजित “सीनियर नेशलन वालीबॉल चेम्पियनशिप” मे भाग लिया।
खेल प्रतिभा श्रीमती दीपिका सीरवी ने “शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक ग्रेड तृतीय परीक्षा 2018” मे सफलता हासिल कर कल दिनांक 11.12.2019 को “राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जैतिवास बिलाड़ा” मे पदभार ग्रहण किया है।

प्रेरणात्मक दृष्टी से विदित रहे कि..
सत्य निष्ठा एवं कठोर परिश्रम का परिणाम श्रेष्ठ ही होता है।
अभिभावको को छात्रो के साथ छात्राओं को भी रुचि के अनुरुप अध्ययन एवं अन्य प्रतियोगिताओं मे भाग लेने अवसर प्रदान करना चाहिए जिससे महिलाऐं भी स्वावलम्बी बन सके।

दीपिका बहन के माता-पिता को भी बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होने अपनी पुत्री को स्वावलम्बी बनाने मे अस्मरणीय योगदान दिया। आपके योगदान व माताजी की कृपा से दीपिका बहन की सरकारी नोकरी लगी जिससे आज प्राकृतिक विपदा (दि. 13.07.2017 को कर्नाटक के टुमकुर जिले के किपटूर गांव मे आकस्मिक सड़क दुर्घटना मे पति की मृत्यु होने) की स्थिति मे भी दीपिका बहन सरकारी रोजगार के सहारे अपने पांवो पर खड़ी होकर स्वंय के साथ अपने बच्चो का पालन पोषण कर आसानी से जीवन यापन कर सकती है।

विकट परिस्थितियों मे शिक्षित नारी घर का स्तम्भ बन जाती है।
अतः नारी शिक्षा नितान्त आवश्यक है।
विद्या ददाति विनयमः
अर्थात
विद्या से विनय – विनय से पात्रता / योग्यता – योग्यता से धन – धन से धर्म एवं धर्म के पालन से सुख की प्राप्ति होती है।
समाचार प्रेषकः- ओमप्रकाश सीरवी पंवार, जोधपुर

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