(3) सीरवी काग गौत्र का उद्भव :-

सीरवी काग गौत्र का उद्भव :-
काग – मुहणोत नैणसी की ख्यात भाग 3 पृष्ठ 176 के अनुसार काग (कागवा) परमारों (पंवार) की शाखा हैं। बत्तीस राजकुल में कागवा कुल का गढ़, कलहट गढ़ हैं। समाज के भाटों के अनुसार काग गौत्र का निकास पंवार में से ही हुआ।

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