जीवन का रास्ता पार करने सत्संग का होना जरूरी, शास्त्री

बेंगलूरु । सीरवी समाज आई माता मंदिर परिसर में चातुर्मास प्रवचन के दौरान पुष्कर के संत राजाराम शस्त्री ने कहा कि भगवान् ने मनुष्य को सब कुछ दिया है, लेकिन वह उसका उपयोग सही ढंग से नही कर पाता है। यही कारण है कि वह जीवन भर दुखी रहता है। उसके दुख की वजह भौतिक साधनों की कमी नहीं है, बल्कि स्वभाव है। मनुष्य अपने दुखों को पिछले जन्म का दोष देता है। लेकिन ऐसा नहीं है, मनुष्य का स्वभाव सत्संग सुनने से सुधर सकता है। मनुष्य सत्संग सिर्फ सुनें ही नहीं, बल्कि उसका महत्व समझें। कथा मन को निर्मल कर देती है। आपको कोई भी, किसी भी प्रसंग या समारोह शुरू करने से पहले गुरु की वंदना करनी चाहिए । गुरु बोध कराने वाला होता है। इससे पहले उन्होंने कहा कि जीवन को महान बनाना है तो सत्संग हमें अच्छा रखना होगा। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध कहावत है संग जैसा रंग। मनुष्य के व्यक्तित्व की पहचान उसकी संगति से होती है। संगति के अनुसार ही उसके अच्छे या बुरे जीवन का निर्माण होता है। सीरवी समाज वडेर के अध्यक्ष हेमाराम पंवार, सचिव ओमप्रकाश बर्फा ने सभा को संबोधित किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे।

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