दिनांक 31 जुलाई 2023 सोमवार को ठाकरवास में श्री आई माताजी भैल का भव्य बधावा किया गया,

दिनांक 31 जुलाई 2023 सोमवार को ठाकरवास में श्री आई माताजी भैल का भव्य बधावा किया गया,

दिनांक 31जुलाई 2023 सोमवार को राणावास के पास ठाकरवास में श्री आई माताजी भैल का भव्य बधावा किया गया, शाम को भैल पर भावपूर्ण संध्या आरती का आयोजन हुआ जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने भावविभोर हो कर आरती में भाग लिया। रात्रि में माताओं बहनों एवं बड़े बुजुर्गो को दीपाराम काग गुड़िया द्वारा रात में साढ़े ग्यारह बजे तक सीरवी समाज का इतिहास एवं श्री आई माता जी का इतिहास सुनाया गया सबने भाव विभोर हो कर इतिहास को सुना। प्रातः काल में छः बजे भैल पर आरती की गई।बांडेरुओं के पधारने पर महेंद्र जी कापसी ने वर्तमान समय में संस्कार निर्माण पर बल दिया।
ठाकरवास गांव 500 घर की बस्ती है जिसमें लगभग 200 सीरवी परिवार बसते हैं जिनमें से चोयल भायल, परिहार और मुलेवा गोत्र के 60 परिवार डोरा बंद हैं। जिनमें से लगभग 60-70 दुकान दक्षिण भारत में है यहां से भीकाराम जी मुलेवा इंजिनियर, घीसाराम जी चोयल व्याख्याता खिंवाड़ा है जो पूरे भारतवर्ष में आई माताजी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मंच संचालन और बोलियों के लिए आईजी आर्केस्ट्रा ठाकरवास के नाम से जाने जाते हैं। वर्तमान में हेमाराम जी भायल कोटवाल एवं वनाराम जी परिहार जमादारी है दोनों निरक्षर हैं लेकिन जोड़ी के साथ समाज सेवा में तत्पर रहते हैं। पिछले चार साल से मांगीलाल परिहार पुजारी के रूप में सेवा दे रहे हैं।15 खूंटियां पंच है।
यहां पर सन 1963 विक्रम संवत 2025 में पहली बार जति मोती बाबा जी के कर कमलों से पाट रखा गया। श्री आई माताजी के साथ खेतला भेरुजी की स्थापना भी की हुई है
लगभग पच्चीस साल पहले मंदिर में अप्रत्याशित हादसा होने पर मंदिर का पुनः जीर्णोद्धार करवाकर परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से प्राण प्रतिष्ठा सम्पूर्ण हुई।
ठाकरवास मलसाबावड़ी पंचायत में आता है जहां इस ग्राम से रमा देवी मुलेवा सरपंच और आपके पुत्र सज्जन जी पंचायत समिति सदस्य है। भंवरी देवी राणावास से पंचायत समिति सदस्य है।

प्रस्तुति:– दीपाराम जी काग गुड़िया

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