पाली:–तहसील मुख्यालय बाली से लगभग 15 किमी की दूरी पर गुड़ा लास, रमणिया, फतापुरा, धाणदा, मोकमपुरा, खीमेल और धणी के मध्य मोकमपुरा पंचायत में छोटा सा गांव है – *बमणिया।*

तहसील मुख्यालय बाली से लगभग 15 किमी की दूरी पर गुड़ा लास, रमणिया, फतापुरा, धाणदा, मोकमपुरा, खीमेल और धणी के मध्य मोकमपुरा पंचायत में छोटा सा गांव है – *बमणिया।*
छत्तीस कौम के लगभग 250 घर की बस्ती में सीरवी समाज के अलावा देवासी, गोस्वामी, वैष्णव, कुम्हार, जणवा, राजपूत, जोगी, मेघवाल, सरगरा,नट और हाटिया यहां पर बसे हुए हैं।
*बमणिया में सीरवी समाज के 42 घर है* जिनमें परमार, लचेटा, चोयल, गहलोत, हाम्बड़, काग और मुलेवा यहां निवास कर रहे हैं।
*यहां पर श्री आई माताजी का बडेर श्वेत मार्बल में बहुत शानदार बना हुआ है, मंदिर के सामने हाॅल बना हुआ है आवश्यक सुविधाऐं उपलब्ध है।*
बमणिया में श्री आई माताजी बडेर की *प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०७२ की शुभ मिति जेठ सुदी पांचम शुक्रवार दिनांक 22 मई 2015* को श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई थी।
यहां पर *वर्तमान में कोटवाल श्री श्री मांगीलाल जी चेलाजी गहलोत, जमादारी श्री भोलाराम जी समाजी परमार और पुजारी श्री कानाराम जी रामाजी लचेटा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
*सरकारी सेवा में यहां से स्वर्गीय श्री कूपाराम जी लूम्बाजी वन विभाग में वन पाल थे, श्री बदारामजी रामाजी परमार फतापुरा में वरिष्ठ प्रबोधक के पद पर कार्यरत हैं, सुश्री सोनू पुत्री श्री मांगीलाल जी परमार बीडीएस है, श्री भानाराम जी लच्छाजी चोयल मुंबई में सीए है,आपकी पुत्र वधू श्रीमती किरण धर्मपत्नी मोहित जी चोयल भी सीए है। श्री जगदीश जी मांगीलाल जी परमार और श्री उत्तम जी मांगीलाल जी परमार ने एमबीबीएस कर रहे है, श्री मोहित जी भानाराम जी चोयल एलएलबी कर रहे हैं। श्री अनिल कुमार जी शेषाजी परमार एमपीएड है।*
बमणिया गांव से सीरवी समाज का राजनीति में बिल्कुल ही हिस्सा नहीं रहा है एवं किसी तरह का पद प्राप्त नहीं किया है।
व्यापार व्यवसाय में बमणिया से रानी, अहमदाबाद, सूरत, मुम्बई, पूना और बंगलौर में सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री जस्साराम जी कूपाजी परमार पूना और श्री दरगाराम जी लच्छाजी चोयल मुम्बई गये थे।
सीरवी समाज बमणिया के बन्धुओं द्वारा अब तक ग्राम विकास में स्थाई सहयोग में नाम दर्ज नहीं है।
दक्षिण भारत की संस्थाओं में पदाधिकारी रूप में *श्री मोतीलाल जी लच्छाजी परमार कमोठे मुम्बई बडेर के अध्यक्ष* पद का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।
बमणिया हर दूसरे वर्ष भैल का आगमन होता है इस बार भैल का दौरा नहीं हुआ तब मोकमपुरा भैल के ठहराव पर श्री पन्नालाल जी बरफा को साथ ले जाकर जानकारी प्राप्त की।
सीरवी समाज बमणिया के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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