पाली:– तहसील मुख्यालय रानी से 25 किलोमीटर दूर खौड़, इटन्दरा मेड़तियान, ओडवाड़िया, हिरणखुरी और पादरली तुर्कान के बीच इटन्दरा मेड़तियान पंचायत का छोटा सा गांव है – *सेदरिया*।

तहसील मुख्यालय रानी से 25 किलोमीटर दूर खौड़, इटन्दरा मेड़तियान, ओडवाड़िया, हिरणखुरी और पादरली तुर्कान के बीच इटन्दरा मेड़तियान पंचायत का छोटा सा गांव है – *सेदरिया*।
छत्तीस कौम के 200 घर की बस्ती में कुम्हार,चारण, राजपूत, सीरवी, सरगरा, मेघवाल वैष्णव और वादी जाति के लोग यहां निवास कर रहे हैं।
वर्तमान समय में यहां पर सीरवी समाज के *केवल काग और देवड़ा गौत्र के 31 घर है*।
*यहां पर श्री आई माताजी का अलग से बडेर बना हुआ नहीं है,* पिछले 100 वर्षों से श्री वचनाराम जी पन्नाजी देवड़ा की गवाड़ी में पाट स्थापना की हुई है,उस समय प्राण प्रतिष्ठा की वर्तमान में किसी को जानकारी नहीं है। एक मकान के उस पार मुख्य बाजार में ही सीरवी समाज द्वारा 30 गुणा 70 फीट का भूखंड लिया हुआ है चारदीवारी हो चुकी है अब शीघ्र ही मंदिर बडेर निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।
वर्तमान में यहां पर *कोटवाल श्री मांगीलाल जी रुपाजी काग, जमादारी एवं पुजारी श्री चुन्नीलाल जी पन्नाजी देवड़ा* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां से *श्री कानाराम जी मांगीलाल जी काग (कोटवाल) AIIMS जोधपुर में नर्सिंग आफिसर के रूप में सेवा दे रहे हैं साथ ही आपकी धर्मपत्नी श्रीमती इंदिरा कानाराम जी काग भी AIIMS जोधपुर में नर्सिंग आफिसर* के पद पर आसीन है।
सेदरिया से सीरवी समाज का राजनीति से मोह ही नहीं रहा अतः किसी पद को प्राप्त नहीं किया है।
यहां से व्यापार व्यवसाय हेतु रानी, पाली, अंकलेश्वर, मुंबई, पूना और रात्नागिरी में अपनी सफलता के परचम लहरा रहे हैं।
सेदरिया से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय श्री हीरालाल जी खरताजी काग और श्री रामलाल जी पन्नाजी देवड़ा पूना, श्री मांगीलाल जी रुपाजी काग और चुन्नीलाल जी पन्नाजी देवड़ा मुंबई गये थे।
*ग्राम विकास कार्य में श्री चुन्नीलाल जी पन्नाजी देवड़ा द्वारा विद्यालय में बरामदा निर्माण और विद्यालय में माईक सेट भेंट किया गया है।*
बूसी होते हुए इटन्दरा मेड़तियान के रास्ते में सेदरिया गांव एवं मुख्य मार्ग पर श्री आई माताजी का बडेर आया हुआ है लेकिन यहां पर भैल का विश्राम नहीं होता है। सेदरिया से बांडेरु इटन्दरा मेड़तियान आकर जात करवाते हैं या बाबा जी यहां से जात इक्ट्ठी कर ले जाते हैं।
इस बार इटन्दरा मेड़तियान से उमाराम जी परमार को साथ लेकर सेदरिया जात भी की एवं वहां से यह जानकारी प्राप्त की।
*सीरवी बंधुओं की श्री आई माताजी के प्रति पूर्ण आस्था देखने को मिली डोरा बन्द सरगरा समाज से भी 16 परिवारों ने जात करवा कर माताजी के प्रति अपनी आस्था प्रकट की। यहां बांडेरुओं को श्री आई माताजी के बेल के नियम की सार्थकता बताई सभी ने खुशी प्रकट की*।
सीरवी समाज सेदरिया के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।

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