पाली:– तहसील मुख्यालय रानी से 22 किमी दूर ढारिया, डुठारिया, इटन्दरा मेड़तियान, खौड़, सांगवा, कल्याणपुरा, गुड़ा गागाण, नादाणा जोधान, नादाणा भाटान और सालरिया के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है *-जवाली*।

तहसील मुख्यालय रानी से 22 किमी दूर ढारिया, डुठारिया, इटन्दरा मेड़तियान, खौड़, सांगवा, कल्याणपुरा, गुड़ा गागाण, नादाणा जोधान, नादाणा भाटान और सालरिया के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है *-जवाली*।
छत्तीस कौम के लगभग 1800 घर की बस्ती जवाली में लगभग सभी जातियों का यहां पर निवास है।
जवाली में सीरवी समाज के लगभग 300 घर है जिनमें परमार, काग, सोलंकी,बरफा, लचेटा, सिन्दड़ा, मुलेवा,भायल, आगलेचा, हाम्बड़ और परिहार गौत्र के सीरवी यहां पर निवासरत है।
यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से दिनांक 23/05/2011 को सम्पन्न हुई थी।
बडेर श्वेत मार्बल में बहुत भव्य बना हुआ है,पास में हाॅल बना हुआ है, सभी आवश्यक सुविधाओं की पूर्ण व्यवस्था है अलग से और न्याति नौहरा बना हुआ है।
यहां पर *वर्तमान में कोटवाल श्री पूनाराम जी रुघनाथ जी परमार, जमादारी श्री वक्ताराम जी हरनाथ जी परमार* और पुजारी श्री दीपाराम जी घांची अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में यहां से श्री रुपारामजी पोमाजी परमार सेवानिवृत एमपीडब्ल्यू है, श्री गुणारामजी राजाजी परमार सेवानिवृत अध्यापक हैं, स्वर्गीय हीरालाल जी जेठाजी मुलेवा क्लर्क थे, श्री अशोक जी मगाजी परमार सीआरपीएफ में कर्नल है, श्री रुपारामजी वेनाजी आगलेचा डी फार्मा, श्री महेन्द्र जी चेलाराम जी सोलंकी उत्तराखण्ड रिषीकेश में कम्पाउन्डर है। श्री जगदीश जी डायाराम जी सोलंकी पूना में सीए है।
जवाली की राजनीति में भी सीरवी समाज की हिस्सेदारी रही है यहां से श्री गमनाराम जी भीकाजी परमार उप सरपंच रहे, *श्री रुपारामजी पोमाजी परमार सरपंच रहे, श्री गणारामजी राजाजी परमार सरपंच रहे, श्री हरीश जी मगाराम जी परमार भी सरपंच रहे।* श्रीमती नेनू पूनारामजी सोलंकी उप सरपंच रहे।
*श्री दल्लाराम जी चेनाजी काग रानी के उप प्रधान रहे।*
यहां से व्यापार व्यवसाय में अहमदाबाद, नवसारी, सूरत, मुंबई, पुणे, नाशिक और रत्नागिरी में सीरवी बंधु सफलतम रूप से आगे बढ़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम स्वर्गीय वजारामजी दौलाजी परमार पूना, स्वर्गीय भानारामजी इन्दाजी परमार मुम्बई, श्री धन्नाराम जी पेमाजी काग मुंबई और श्री पूनाराम जी रहिंग जी मुलेवा ने अहमदाबाद में सीरवी समाज जवाली का नाम रोशन किया।
यहां से विकास कार्य में श्री मोडाराम जी पूनाजी सोलंकी एवं श्री पुखराज जी दीपाजी काग द्वारा नारलाई में हाॅल निर्माण करवाया, श्री दल्लाराम जी चेनाजी काग, श्री पुखराज जी दीपाजी काग, श्री मूलारामजी पूनाजी सोलंकी, श्री मानाराम जी, जगाराम जी भलाजी परमार, श्री जगाराम जी लूम्बाजी सिन्दड़ा और श्री मांगीलाल जी पेमाजी सोलंकी द्वारा श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में कमरे निर्माण करवाये गये। श्री गमनाराम जी भीकाजी द्वारा 30 गुणा 40 फीट के प्लाट में ट्यूबवेल करवा कर श्री आईजी विद्यापीठ को पेयजल आपूर्ति की एवं यह प्लाट श्री आईजी विद्यापीठ को भेंट किया गया। श्री घीसारामजी करमाजी सोलंकी, श्री चन्दूलाल जी चूनाजी सोलंकी, श्री डायाराम जी दीपाजी सोलंकी और अचलारामजी गमनाजी काग द्वारा कमरे निर्माण करवाये गये।
श्री सीरवी समाज जवाली के द्वारा श्री आईजी विद्यापीठ जवाली को एक स्कूल बस भेंट की गई।
श्री देवाराम जी भीकाजी बरफा द्वारा महादेव मंदिर के पास कबूतरों का चबूतरा बनवाया गया आप धार्मिक कार्यों में सदैव अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
जवाली के सीरवी बंधुओं का दक्षिण भारत के संगठनों में भी योगदान रहा है एवं सामाजिक कार्य में अग्रणी रहे हैं। श्री जगाराम जी लूम्बाजी सिन्दड़ा बिबवेवाडी पुणे बडेर के सचिव रहे, श्री दल्लाराम जी चेनाजी काग इसी बडेर के उपाध्यक्ष रहे। श्री मांगीलाल जी पेमाजी सोलंकी नाशिक बडेर के अध्यक्ष रहे, श्री मोडाराम जी पूनाजी सोलंकी भी इसी बडेर के अध्यक्ष रहे।आप श्री आईजी विद्यापीठ जवाली के भी अध्यक्ष रहे। श्री लालाराम जी दरगाजी आगलेचा भी नाशिक बडेर के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में श्री पुखराज जी दीपाजी काग नाशिक बडेर के अध्यक्ष हैं।
श्री मोडाराम जी नगाजी सोलंकी नालासोपारा बडेर के अध्यक्ष रहे, श्री मानाराम जी रुपाजी सोलंकी बदलापुर मुंबई बडेर के अध्यक्ष रहे। श्री मोहनलाल जी रताजी परमार बदलापुर मुंबई बडेर के युवा अध्यक्ष हैं।
जवाली बडेर का श्री आईजी सीरवी विकास संस्था जवाली के नाम से संगठन बना हुआ है जिसके अध्यक्ष श्री मांगीलाल जी पेमाजी सोलंकी, सचिव श्री जगाराम जी लूम्बाजी सिन्दड़ा एवं कोषाध्यक्ष श्री अचलारामजी गमनाजी काग अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
जवाली में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात में धर्म सभा का आयोजन हुआ जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने पूर्ण मनोयोग से धर्म सभा का लाभ लिया।
श्री आईजी विद्यापीठ जवाली सीरवी समाज की एक महत्वपूर्ण परिकल्पना हैं जवाली का अहोभाग्य है कि बालिका शिक्षा के क्षेत्र में सीरवी समाज के इस मिशन को यहां स्थान मिला। श्री आईजी विद्यापीठ जवाली का भी अवलोकन का अवसर मिला, प्रधानाचार्य श्री जस्साराम जी बरफा की दूरगामी सोच के साथ अपनी विद्वत्ता के निर्देशन में विद्यापीठ नित नई ऊंचाइयों को छूते हुए नये आयाम स्थापित करेगी ऐसी कामना करता हूं।
सीरवी समाज जवाली के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

Recent Posts