प्रवासी नारायण सीरवी ने तीन वर्ष की मेहनत से लहलहा दिया ओरण मे बगीचा

प्रवासी नारायण सीरवी ने तीन वर्ष की मेहनत से लहलहा दिया ओरण मे बगीचा पेड़-पौधेसे इतना लगाव कि बैंगलौर से गांव लेकर पहुंचे पौधे  परिवार भी कर रहा सहायता।

धनला गांव के बेरा केरिया हाल निवासी बैंंगलौर व्यवसायी नारायणलाल सीरवी का पर्यावरण संरक्षण और पेड़ पौधों की सेवा और इनसे लगाव का जज्बा इस कदर है कि बैंगलौर से विभिन्न किस्मों के 120 पौधे लेकर गांव आकर गांव के खेतलाजी ओरण में परिवार सहित पौधारोपण को जुट गए। यह सिलसिला पिछले 3 वर्ष से जारी है। उनकी मेहनत का नतीजा है कि ओरण में कई पौधे लहलहा रहे हैं। पिता दुदाराम, माता कन्यादेवी, भाई सुरेश, गणेश, बहिन कमला सहित पूरा परिवार पेड़-पौधों की सेवा में लगा हैं। आज यहां बड़, उमण, आम, गुलमोहर, नीम, चीड़, नींबू, रायण, बादाम सहित कई प्रकार के पेड़-पौधे बढ़ रहे हैं।

सिंचाई के लिए पाइप और सुरक्षा के लिए करवाई तारबंदी

पेड़-पौधों को लगाने से पूर्व नारायणलाल ने स्वयं के खर्चे से जेसीबी की सहायता से नदी किनारे ओरण से कंटीली बबूल की झाड़ियां कटवाई तथा तारबंदी करवाई उसके बाद पौधारोपण करवाया ताकि पेड़ पौधों को किसी प्रकार से बचाया जा सके। अपने बेरे से पाइप लाइन बिछाकर सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की। बगीचे में खरपतवार और अवांछित घास को काटने के लिए मशीन भी स्वयं बेंगलुरु से लेकर आए हैं।

श्रद्धालुओं को मिले राहत
गांव के नदी किनारे स्थित प्राचीन खेतलाजी मंदिर क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है। हर जाति वर्ग के लोगों की वहां धोक लगती है। वे चाहते थे कि यहां लोगों को राहत मिले और श्रद्धालुओं को शीतल छाव मिले।

पेड़ पौधे से लगाव
नारायणलाल ने बताया कि पेड़ पौधों से मुझे बेहद लगाव है और मैं एक किसान का बेटा हूं मुझे इनकी नियमित सार संभाल और सेवा करने में खुशी महसूस होती है। जब भी बेंगलुरु से गांव आता हूं तो साथ में नर्सरी से पौधे खरीद कर लाता हूं तथा यहां आकर सेवा कार्य में जुट जाता हूं।

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