बिलाड़ा के बाद अब तिरुपति में बनेगा सीरवी समाज का दूसरा धाम देश में आठ सौ से अधिक आईमाता वढेर, दीवान

चेन्नई. सीरवी समाज का सबसे बड़ा धाम राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा में हैं। अब दक्षिणी भारत के तिरुपति में दूसरा बड़ा धाम बनेगा। तिरुपति में जमीन की खरीद कर ली गई है और इसके लिए नई कार्यकारिणी का गठन भी कर लिया गया है। तिरुपति में आईमाता वडैर एवं भवन बनाया जाएगा। इससे दक्षिणी भारत के राज्यो में निवास कर रहे सीरवी समाज के लोगों को सुविधा होगी। अगले दो से तीन साल में यहां मंदिर एवं भवन का निर्माण पूरा किया जाएगा।
सीरवी समाज के धर्मगुरु दीवान माधोसिंह ने राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आईपंथ के अनुयायी सीरवी समाज के लोग आज करीब आधे भारत में फैले हुए हैं। देशभर में आईमाता की आठ सौ वढ़ेर (मंदिर) है। सीरवी समाज के लोग दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आन्ध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में बड़ी संख्या में निवास कर रहे हैं। समाज का हर व्यक्ति बिलाड़ा धाम तक नहीं पहुंच पाता हैं। ऐसे में तिरुपति में नया धाम बनने से समाज के लोगों को सुविधा हो सकेगी।
पांच सौ वर्ष से धर्म के लिए लोग योगदान
सीरवी समाज के धर्मगुरु दीवान माधोसिंह ने कहा कि जहां भी सीरवी समाज के लोगों की 15-20 दुकानें हुईं। वहां जमीन लेकर वढ़ेर का निर्माण करवाया जाता है। यह परम्परा वर्षों से चल रही है। यही वजह है कि देश में आज आठ सौ से अधिक आई माता वढ़ेर बन चुकी है। यह सिलसिला लगातार जारी है। यह एक तरह का वेजेटेरियन क्लब की तरह है। सभी वढेर में सामूहिक योगदान रहा है। पांच सौ वर्ष से धर्म के लिए लोग योगदान करते रहे हैं। आई माता आगे बढ़ने का रास्ता अपने आप बनाती है।
पांच गुण सीरवी समाज की पहचान
दीवान माधोसिंह ने कहा कि सीरवी समाज पांच गुणों ईमानदारी, सहनशीलता, मेहनत, धर्म के प्रति आस्था तथा मां-बाप का आशीर्वाद को अंगीकार करते हुए आगे बढ़ रहा है। यह पांच गुण सीरवी समाज की पहचान है। इनका पालन समाज के लोग निरन्तर कर रहे हैं। सीरवी समाज का धर्म यही सिखाता है और इन्हीं उसूलों पर समाज के लोग चलने का प्रयास करते हैं। पांच सौ साल से सीरवी समाज को यही पांच बातें सिखाई गई।
बिजनस के क्षेत्र में सफलता हासिल की
दीवान ने कहा कि सीरवी समाज के लोग बिना पैसे, बिना पढ़ाई एवं बिना तजुर्बे के दक्षिण भारत में आए और बिजनस के क्षेत्र में सफलता हासिल की। समाज में ऐसे गुण पैदा होने का ही यह परिणाम रहा कि वे सफलता के पायदान पर चढ़ पाए। हमें लोगों को कामयाबी की राह पर ले जाना है। व्यापार के क्षेत्र में आज समाज आगे बढ़ रहा है। इसी गुण को अपनाकर न केवल बिजनेस में सफलता हासिल हो सकती है बल्कि राजनीति या अन्य क्षेत्र में भी यह गुण काफी मायने रखते है। यदि आई पंथ के गुण देश के हर व्यक्ति में आ जाएं तो देश को बहुत आगे ले जाया जा सकता है। अब समाज के होनहार छात्रों को आगे ले जाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। समाज के छात्रों को गाइडेंस देने एवं उन्हें कम्पीटिशन की तरफ मोड़ा जा रहा है।
राजनीति में लम्बे समय तक सक्रिय
दीवान माधोसिहं ने बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग की शिक्षा हासिल की। बाद में कुछ समय तक जापान में रहे। राजस्थान की राजनीति में लम्बे समय तक सक्रिय रहे। पांच बार विधायक रहे। यानी 25 वर्ष तक विधायक रहे। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। अब गृहस्थी जीवन जीते हुए समाज को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रतिष्ठा को कभी आंच नहीं आने दी। माता के सेवक के रूप में काम कर रहे हैं। हरेक के लिए सुझाव खुले हैं।

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