राजस्थान:– गांव- आउवा में दिनांक 31/08/2023 की शाम को श्री आई माताजी की भैल का भव्य बधावा किया गया रात में माताओं बहनों और बांडेरुओं ने बारह बजे तक धर्म सभा का पूर्ण मनोयोग से लाभ लिया,

झलै आउवो।
आउवो धरती रो थंबो रे। झलै आउवो।
सन १८५७ की क्रांति में पूरे भारतवर्ष में आउवा के ठाकुर खुशाल सिंह जी द्वारा अंग्रेज़ अधिकारी सांडर्स के सिर को धड़ से अलग कर अपने किले की पोल पर लटकाने की घटना को याद कर आज भी मारवाड़ के हर नागरिक का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है एवं आज भी फागुन मास में गाये जाने वाले गीत में पहला गीत – “आउवा ने आसोप धणियों मोतीयों री माला हो।” गाया जाता है धन्य धन्य है गांव- आउवा।
मारवाड़ जंक्शन से मात्र 12 किमी दूर एतिहासिक गांव आउवा पंचायत मुख्यालय ग्राम है जिसमें लगभग 2000 घर की बस्ती में सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, रावणा राजपूत, देवासी, मेघवाल, जटिया और मुस्लिम बाहुल्य गांव है बाक़ी छत्तीस कौम यहां पर बसे हुए हैं।
सीरवी समाज के लगभग 225 घर है जिनमें देवड़ा, परिहार, चोयल,काग, गहलोत, सोलंकी, हाम्बड़, राठौड़, सिन्दड़ा, सानपुरा, पंवार एवं बरफा बसे हुए हैं।
आउवा में श्री आई माताजी मंदिर बडेर बहुत प्राचीन है जो लगभग 70 वर्ष पूर्व निर्मित है उस समय श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और जति श्री लूम्बा बाबाजी के कर कमलों से प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई थी।बडेर के निमित्त अभी तक दीवान साहब माधव सिंह जी का इस गांव में पदार्पण नहीं हुआ है।
इस बडेर के अलावा थोड़ी दूरी सौ कदम पर मैन रोड़ पर सीरवी समाज का शानदार सभा भवन सन् 2004 से बना हुआ सीरवी समाज के उपयोग में आ रहा है जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो समाज के लिए अच्छी उपलब्धि है।
इस समय इस गांव के कोटवाल श्री शेराराम जी सोलंकी, जमादारी श्री अमराराम जी परिहार एवं पुजारी श्री चेनाराम जी चोयल अपनी सराहनीय सेवा दे रहे हैं।
स्थानीय ग्राम से परिहार परिवार का सरकारी नौकरी में डंका रहा है जिनमें जोराराम जी 2008 के BSNL से सेवानिवृत SENIOR A O है, आपके छोटे भाई जगदेव जी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य एवं जगदेव जी की धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला सेवानिवृत्त अध्यापिका है, पोकरराम जी परिहार सेवानिवृत्त RMGB MANAGER है, जगदेव जी का पुत्र रवि भरतपुर में A En civil के पद पर कार्यरत हैं,अनुपम परिहार एवं इनकी धर्मपत्नी ललिता परिहार जर्मनी में सोफ्टवेयर इंजिनियर है। परिहार परिवार से अलग कालूराम जी देवड़ा पंचायत विभाग से बाईस वर्ष पूर्व सेवानिवृत मुंशी जी है।
राजनीति में इस गांव से सीरवी समाज की विशेष उपलब्धि नहीं है मात्र भंवरलाल जी परिहार एक बार उप सरपंच रहे हैं बाक़ी राजनीति में यहां अकाल ही रहा है।
यहां से व्यापार व्यवसाय के लिए हैदराबाद, बेंगलुरु मुंबई पुणे सूरत में सीरवी बंधु सफलतम रूप में अपना व्यवसाय फैला रहे हैं जिनमें सर्वप्रथम राह बनाने वाले श्री जीवाराम जी परिहार, लखाराम जी सोलंकी, देवाराम जी हाम्बड़ ने मुम्बई, धन्नाराम जी परिहार, रतनलाल जी परिहार, लच्छाराम जी देवड़ा बंगलौर, अशोक जी परिहार,राजेश जी परिहार, वीरेन्द्र जी परिहार एवं नत्थाराम जी देवड़ा ने हैदराबाद में भावी पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
श्री शंकर जी चोयल ने श्री कृष्ण गोपाल गौशाला आउवा में शेड निर्माण, श्री गणेश राम जी सोलंकी ने अवाला निर्माण कर गौ माता के लिए पुण्य कार्य किया है।
दिनांक 31/08/2023 की शाम को श्री आई माताजी की भैल का भव्य बधावा किया गया रात में माताओं बहनों और बांडेरुओं ने बारह बजे तक धर्म सभा का पूर्ण मनोयोग से लाभ लिया, धर्म सभा के बाद माताओं बहनों ने हरजस कर मां श्री आई माताजी के प्रति अपनी आस्था और भक्ति का परिचय दिया। एतिहासिक गांव आउवा के खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं – दीपाराम काग गुड़िया।

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