राजस्थान:–दिनांक 24 सितम्बर को गागूड़ा में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया एवं धर्म सभा का आयोजन किया गया एवं बांडेरुओं द्वारा पूर्ण भक्ति भाव से श्री आई माताजी के इतिहास को सुना।

सोजत तहसील मुख्यालय से 16 किमी दूर झूपेलाव,मोडावास, सुरायता,संडारडा,हिंगावास,वीरावास और बरियाला के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – *गागूड़ा।*

छत्तीस कौम के लगभग 450 घर की बस्ती गागूड़ा में सीरवी, देवासी, कुम्हार, माली, वैष्णव, राजपूत, कारीगर, चौकीदार, सरगरा, मेगवाल,राव एवं हरिजन जाति के लोग निवास करते हैं।

सीरवी समाज के लगभग 125 घर है जिनमें गहलोत, सोलंकी, हाम्बड़,बरफा राठौड़, परिहारिया और आगलेचा गौत्र के सीरवी यहां निवास करते हैं।

गागूड़ा में बहुत ही भव्य रूप में श्री आई माताजी मंदिर बडेर बना हुआ है। मंदिर में बहुत ही सुन्दर नक्काशी की हुई है तथा शानदार रंग रोगन व चित्रकारी की हुई है।

यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर की *प्राण प्रतिष्ठा* विक्रम संवत २०७८ माघ सुदी नवमी, गुरुवार, *10 फरवरी 2022* को श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल के भव्य बधावे के साथ आई पंथ के धर्मगुरु परम आदरणीय दीवान साहब श्री माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई।

इस बडेर के वर्तमान में कोटवाल श्री छैलाराम जी हाम्बड़, जमादारी श्री कुन्नाराम जी बरफा एवं पुजारी श्री नेनाराम जी गहलोत अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।

सरकारी नौकरी में इस गांव का स्तर अच्छा है डाक्टर श्री प्रताप राम जी सोलंकी सोजत नगर चिकित्सालय में अपनी सेवा दे रहे हैं, श्री तारारामजी मेल नर्स सोजत नगर,टीकमराम जी सोलंकी व्याख्याता जीव विज्ञान देवली कलां,चेतन जी सोलंकी देहरादून में मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, मदनलाल जी गहलोत रिषिकेश AIMS में मंत्रालयिक कर्मचारी, श्री कन्हैयालाल जी सोलंकी जोधपुर AIMS में मेल नर्स, तिलोक राम जी हाम्बड़ विदेश में साफ्टवेयर इंजीनियर, ललिता धर्मपत्नी चेतन जी सोलंकी ग्रामीण कृषि अधिकारी एवं देवाराम जी गहलोत हिंगावास विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रुप में सेवा दे रहे हैं इस प्रकार सभी तरह की नौकरी में यहां के सीरवी बंधुओं ने अपना तथा अपने गांव का नाम रोशन किया है और कर रहे हैं।

यहां से सर्वप्रथम श्री छैलाराम जी हाम्बड़ ने सरपंच बन कर राजनीति में पहचान बनाई, स्वर्गीय बोहराराम जी गहलोत उप सरपंच रहे, नारायण लाल जी गहलोत ग्राम सेवा सहकारी समिति के उपाध्यक्ष रहे हैं।

गागूड़ा से दक्षिण भारत में चैन्नई, बंगलौर, मैसूर, कोयम्बतूर, हैदराबाद, पूना, वापी एवं अहमदाबाद में सीरवी बंधु सफलतम रूप में व्यापार व्यवसाय कर रहे हैं। यहां से सर्वप्रथम रास्ता बनाने वालों में श्री नारायण लाल जी सोलंकी, भींयाराम जी गहलोत, रतनलाल जी सोलंकी एवं गुणाराम जी गहलोत बंगलौर तथा भंवरलाल जी सोलंकी ने चेन्नई मुकाम किया।

स्थानीय ग्राम विकास में सीरवी समाज का पूरा योगदान रहा है जिनमें श्री छैलाराम जी हाम्बड़ द्वारा विद्यालय में कम्प्यूटर, प्रिंटर, साउण्ड सिस्टम, प्रधानाचार्य टेबल कुर्सी एवं विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे में सहयोग किया गया, श्री खींवाराम जी सोलंकी द्वारा विद्यालय में सरस्वती माता मंदिर निर्माण करवाया, श्री रतनलाल जी सोलंकी द्वारा विद्यालय में ट्यूबवेल खुदवाया एवं सीपीयू भेंट किया, रतनलाल जी और घेंवरराम जी गहलोत ने गांव के मुख्य द्वार का निर्माण करवाया, स्वर्गीय लखाराम जी सोलंकी द्वारा विद्यालय में टेबल स्टूल सेट एवं माईक सेट भेंट किया, श्री भोमाराम जी सोलंकी ने तीन ग्रीन बोर्ड, तीन पंखे एवं टेबल स्टूल सेट भेंट किये श्री लादूराम जी हाम्बड़ द्वारा विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे में सहयोग तथा चिकित्सालय में आक्सीजन मशीन व वाटर कूलर भेंट किया, श्री मानाराम जी गहलोत ने ग्राम पंचायत को टेबल सेट भेंट किया।

सीरवी समाज बडेर हेतु श्री रतनलाल जी गहलोत ने अपने हिस्से की लगभग 150 वर्ग फीट भूमि निःशुल्क भेंट की।

यहां पर सीरवी सेवा संस्था गागूड़ा का गठन किया हुआ है जिसके अध्यक्ष श्री रतनलाल जी सोलंकी, सचिव श्री नेकाराम जी गहलोत और कोषाध्यक्ष श्री थानाराम जी सोलंकी है।

श्री भेराराम जी सोलंकी स्थानीय विद्यालय में एसएमसी अध्यक्ष पद पर आसीन है।

दक्षिण भारत की संस्थाओं में श्री ओमप्रकाश जी हाम्बड़ कन्नूर बडेर के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे हैं।

दिनांक 24 सितम्बर को गागूड़ा में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया एवं धर्म सभा का आयोजन किया गया एवं बांडेरुओं द्वारा पूर्ण भक्ति भाव से श्री आई माताजी के इतिहास को सुना।

मां श्री आई माताजी से गागूड़ा गांव की खुशहाली की कामना करते हैं – दीपाराम काग गुड़िया।

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