राजस्थान:– पाली जिले के धामली गांव में 25 अक्टूबर 2023 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया

मारवाड़ जंक्शन से 16 किमी दूर सुगालिया, हिंगोला कला, प्रतापगढ़, भिंवालिया, बांता, नयागांव, कराड़ी के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है- *धामली।*
छत्तीस कौम के लगभग 1200 घर की बस्ती में सीरवी घांची, राजपूत, दरोगा, देवासी, मेघवाल, सरगरा, बावरी, मेणा, नायक, नाई, दरजी, सुनार,जैन, ब्राह्मण और मुसलमान भी यहां पर बसते हैं।
सीरवी समाज के यहां पर लगभग 350 घर है, जिनमें गहलोत, काग, भायल, बरफा, सैणचा, चोयल, सोलंकी, परिहारिया, परिहार और लचेटा यहां पर निवास करते हैं।
यहां पर श्री आई माता जी का मंदिर (बडेर) बहुत प्राचीन था जिसे अभी पिछले महीने में ही पूरी तरह गिराकर सफाई की गई है, अब नव निर्माण प्रारंभ किया जाएगा।
यहां पर सीरवी समाज की एकता और सूझबूझ का यह फल है कि धामली गांव के पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ 12000 – 12000 वर्ग फीट में शानदार दो समाज भवन बनाये गये हैं, दोनों समाज भवन सभी सुविधाओं से युक्त और शानदार भवन है,जो सराहनीय और अन्य गांवों के लिए प्रेरणादाई है। *धामली गांव के सीरवी समाज के पश्चिमी भवन में श्री आई माताजी का अस्थाई मंदिर स्थापित किया गया है, यहां पर बिलाड़ा और बिठौड़ा दोनों गादी की स्थापना की हुई है।* इस बार श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल आगमन पर धामली गांव के पश्चिमी सीरवी समाज के भवन में भैल को रुकवाया गया।
यहां पर इस समय *कोटवाल श्री नेमाराम जी भीकाजी गहलोत, जमादारी श्री औगड़राम जी कूपाजी काग और पुजारी श्री मूलारामजी कसाजी गहलोत है।*
यहां पर सरकारी नौकरी में सज्जारामजी लालाजी गहलोत प्रधानाध्यापक से सेवानिवृत है, श्री बालुराम जी रूपा जी काग ड्रग इंस्पेक्टर थे, श्री रूपारामजी घीसारामजी सोलंकी कलेक्टर ऑफिस में अकाउंटेंट के पद पर कार्य कर रहे हैं।
राजनीति में इस गांव से *श्री जेठाराम जी महिंगजी काग एक बार धामली के सरपंच रहे, श्री भीकाराम जी पोकरजी गहलोत भी एक बार सरपंच रहे। धन्नाराम जी गणाजी गहलोत वर्तमान में उप सरपंच है।* बगाराम जी चेलाजी गहलोत, श्री रामलाल पेमाजी गहलोत,और कालूरामजी पेमाजी गहलोत कोपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष रहे रामलाल जी डेयरी के भी अध्यक्ष रहे हैं।
व्यापार व्यवसाय में यहां से हैदराबाद, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु, सूरत, वापी, सिलवासा आदि नगर में सीरवी अपना व्यापार सफलतम रूप से संचालित कर रहे हैं।
*सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में स्वर्गीय पूसाराम जी स्वर्गीय रूपाराम जी पुत्र श्री कसाराम जी काग और पुखजी मन्नाजी काग पुणे गए।*
दक्षिण भारत के बडेरों के संगठन के पदाधिकारी रूप में *श्री पूसाराम जी कसाजी काग कासरवाड़ी बडेर के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे। श्री हरिराम जी पन्नाराम जी गहलोत मलाड बडेर के 20 वर्ष तक अध्यक्ष रहे। श्री छोगारामजी दीपाजी काग एवं श्री नारायणलाल जी अमराजी गहलोत नेहरु नगर पूना बडेर के अध्यक्ष रहे हैं। तारा राम जी दल्लाजी गहलोत निगड़ी पुणे बडेर के अध्यक्ष रहे।*
स्थानीय ग्राम विकास के कार्य में *श्री कूकाराम जी शेराजी गहलोत ने साढ़े चार बीघा जमीन स्थानीय गांव के अस्पताल बनाने के लिए निशुल्क दान में दी। काग परिवार के द्वारा स्थानीय गांव धामली विद्यालय और पशु चिकित्सालय के लिए तीन बीघा भूमि दान में दी थी। श्री कूपाराम जी, रूगाराम जी,जेठाराम जी पुत्र श्री महिंगजी काग तथा श्री कालूजी पुत्र श्री मूलाजी काग ने सीरवी समाज को गांव के पश्चिमी सभा भवन के लिए भूखंड अपनी तरफ से निःशुल्क भेंट किया था। इसी प्रकार गहलोत परिवार बेरा वसवा वालों ने धामली के पूर्वी भाग में सीरवी समाज भवन के लिए भूमि निःशुल्क भेंट की थी। श्री हरिराम जी पन्ना जी गहलोत ने स्थानीय चिकित्सालय में डॉक्टर निवास का निर्माण करवाया, गढ़ हिंगलाज माताजी गौशाला पर अवाला बनवाया आपने यहां पर मंदिर निर्माण करवाया*। आप सीरवी संदेश के भी स्तंभ रहे हैं।(मुंबई में सीरवी समाज के प्रथम उद्योगपति की तिकड़ी हरिराम जी गहलोत धामली, चेनाराम जी परमार गुड़ा जैतसिंह और चतराराम जी बरफा बाणियावास ) *महिंगजी काग* ने चिकित्सालय में कमरा निर्माण करवाया। *श्री सुखारामजी रुग जी, रामलालजी घीसाराम जी काग, लूम्बाराम जी भेराजी गहलोत* ने स्कूल में एक-एक कमरे का निर्माण करवाया। घीसारामजी तेजाजी गहलोत ने नदी किनारे अवाला निर्माण करवाया, घीसाराम जी गोमा जी सोलंकी ने सुगालिया मार्ग पर पाबूजी मंदिर के पास अवाला निर्माण करवाया।
*श्री तेजाराम जी हरजी जी गहलोत, मानाराम पीथाजी गहलोत, जेठाराम जी महिंगजी काग, फुआजी जेठाजी परिहार, रामलालजी जैराजी गहलोत और भगाजी हरजीजी गहलोत इस गांव के माने हुए अच्छे विचारों के पंच थे*, जिन्होंने इस गांव की तीन अलग-अलग बडेरों को एक कर सभी को एक साथ बिठाया।इन सभी का आज भी गांव बड़े मान और सम्मान के साथ नाम लेता है और नमन करता है।
मैं अपनी दादीजी, पिताजी और मां से बचपन से सुनता रहा कि *मेरे पूर्वज धामली के थे।* श्री आई माताजी धर्म रथ भैल के साथ धामली गांव में मुझे सुकून की अनुभूति हुई यहां सभी के द्वारा बहुत ही अच्छा भाव रखते हुए धार्मिक आस्था का परिचय दिया। यहां भैल के आगमन पर भव्य बधावा किया गया सभा भवन में ही भोजन बनवाया गया जिसमें *कोटवाल जमादारी एवं खूंटियां पंच उपस्थित रहे, धर्म सभा में भी माताओं बहनों और बांडेरुओं ने पूर्ण मनोयोग से श्री आई माताजी के इतिहास को सुना* एवं प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने आप को धन्य भागी माना।
भैल आगमन पर तो सभी जगह भव्य बधावा होता है यहां पर विदाई में भी बस स्टैंड तक माताओं बहनों और बांडेरुओं ने ढोल थाली के साथ विदाई की विदाई में यहां विराजमान राजा बलि के मंदिर में नारियल चढ़ाना अनिवार्य होता है वह भी चढ़ाया गया। प्रवासी सीरवी बंधुओं ने भी श्री आई माताजी धर्म रथ के प्रति विशेष भाव दिखाया।
सम्पूर्ण सीरवी समाज धामली की खुशहाली की मां श्री आई माताजी से कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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