राजस्थान:– मारवाड़ जंक्शन तहसील मुख्यालय से मात्र 06 किमी दूर अब नरसिंहपुरा पंचायत की 100 घर की छोटी सी बस्ती है गांव -कारोलिया।

चार गौत्र के सीरवी, जामेअट्ठारह घर।
नौकरी जो कभी करते नहीं।
सूरत पुणे हैदराबाद में है जिनका व्यापार।
आईजी रो मिंदर बणियो भल सोवणो।
जठै है अब लापसी खावण री आश।
मारवाड़ में है धिन धिन कारोलियो गांव ।
मारवाड़ जंक्शन तहसील मुख्यालय से मात्र 06 किमी दूर अब नरसिंहपुरा पंचायत की 100 घर की छोटी सी बस्ती है गांव -कारोलिया।
जहां सीरवी समाज के अलावा राजपूत देवासी वैष्णव राजपुरोहित, कुम्हार, मेघवाल और नायक जाति के लोग बसे हुए हैं
सीरवी समाज के केवल 18 परिवार है जिनमें सर्वाधिक सोलंकी है बाकी में काग,भायल और सानपुरा गौत्र है।
फिलहाल पुराना बडेर जमादारी श्री लादूराम जी काग के घर में है नया मंदिर बडेर बहुत भव्य बनाया गया है जिसकी आगामी महीनों में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी है, वर्तमान में यहां कोटवाल एवं पुजारी श्री पेमाराम जी सानपुरा, जमादारी श्री लादूराम जी काग है।
राजनीति में यहां से श्री लुंबाराम जी की पुत्रवधू एवं बगड़ी नगर के भंवर जी सैणचा की पुत्री बुद्धि देवी वर्तमान में जिला परिषद की सदस्य है
नौकरी का यहां नामोनिशान नहीं है युवा पीढ़ी ने मात्र तीन नगर सूरत, पुणे और हैदराबाद को अपनी मंजिल बनाया और यहां पर व्यापार व्यवसाय में अपने गांव कारोलिया का नाम रोशन कर रहे हैं।
इस गांव से व्यापार में श्रीगणेश करने वालों में 1970 में श्री पेमाराम जी सानपुरा मुम्बई, भाणाराम जी काग पहले मुम्बई फिर पूना, खूमाराम जी सोलंकी पूना मुख्य है वर्तमान में इस गांव की लगभग 20-25 दुकान इन नगरों में है।
श्री लूम्बाराम जी सोलंकी सूरत बडेर कार्यकारिणी में सह कोषाध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में कार्यकारिणी सदस्य है।
छोटे से खुशहाल गांव में फिलहाल श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है यहां के सीरवी बंधु नरसिंहपुरा आकर जात करवाते हैं या एक बाबाजी यहां आकर जात लेकर जाते हैं इस बार मुझे जात लेने हेतु मौका मिला, यहां धर्म सभा का आयोजन किया गया सभी बांडेरुओं ने प्रेम भाव से माताजी का इतिहास सुना एवं प्रसन्न हुए। कारोलिया गांव की खुशहाली की कामना के साथ शीघ्र परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से नव निर्मित श्वेत मार्बल के श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजन में लापसी खाने की आशा करते हैं -दीपाराम काग गुड़िया।

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