राजस्थान :- मुम्बई से गाँव लौटे परिवार ने खेत पर ही किया क्वारंटाइन

राजस्थान के पाली जिले में दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी लोग क्वारंटाइन को लेकर बेहद सतर्क हैं। ऐसे ही एक परिवार की बात कर रहा हूँ जो मुंबई से आये रानी गाँव के पूर्व सरपंच के बेटे बालू सीरवी जो खुद को पूरे परिवार सहित अपने बेरे पर क्वारंटाइन किया ।

रानी गाँव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर अपना बेरा है। बालू सीरवी ने सोचा कि यदि हम लोग गाँव मे क्वारंटाइन हुए तो अपनी बूढ़ी माँ, अपने छोटे भाई का परिवार और छोटे-छोटे बच्चों को भी संक्रमण फैलने का खतरा होता। इसलिए पूरे परिवार सहित अपने गांव से दूर बेरे पर क्वारंटाइन होने का फैसला लिया।
यहां तक कि कई गाँवो में लोगों को अपने बेरो पर जगह मिल पा रही है उसके बावजूद भी वे खुद को अपने घरों पर क्वारंटाइन कर रहे हैं। बालू सीरवी का कहना है कि वे गांव लौट आए, यही बड़ी बात है। अब उनकी वजह से गाँव में या अपने आसपास किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए और ना ही ये कोरोना महामारी फैलनी चाहिए।
दरअसल पाली जिले के काफी लोग गुजरात और महाराष्ट्र में रहते हैं। कुछ लोग वहां मजदूरी के लिए गए हुए हैं तो कुछ अपने व्यापार के सिलसिले में वहां रहते हैं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी प्रवासी अपने गांव लौटना चाहते हैं। यहां आने के बाद ये प्रवासी पूरी सजगता बरत रहे हैं और स्वंय को क्वॉरेंटाइन करने के लिए सभी नियमों का शिद्दत से पालन कर रहे हैं। बालू सीरवी ने संक्रमण को रोकने के लिए परिवार और गांव वालों से दुरी बनाकर स्वयं को अपने बेरे पर क्वॉरेंटाइन किया। हॉटस्पॉट वाले इलाकों से प्रवासियों के गांव में आने से ग्रामीणों में भी भय व्याप्त था। ग्रामीण भी ऐसे लोगों को पंचायत के मार्फत अपने घरों तक नहीं आने देना चाहते थे। गांव में जाकर ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के बजाय इस परिवार ने गांव से दुर अपने बेरे पर ही अपना डेरा बना लिया। अब 14 दिनों के लिये यहीं इनका निवास रहेगा। इन्होंने अपने खाने के लिये भी बेरे पर चूल्हा और खाने -पीने की वस्तुओं की व्यवस्था कर ली हैं और ये सभी से दुरी बनाये रखते हुए अपने लिये भोजन की भी व्यवस्था खुद ही कर रहे हैं।
इन सब परेशानियों के बावजुद ये परिवार अपनी बूढ़ी माँ और छोटे भाई के परिवार से तभी मिलता चाहते हैं जब इनसे कोरोना संक्रमण की सभी संभावनाएं खत्म हो जाये। बाहर से आने के बाद खुले आसमान के नीचे डेरा जमाये इस परिवार का मानना हैं कि इनकी वजह से दूसरे लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिये।ये जानकारी रमेश सीरवी द्वारा दी गई है।

समाचार संवाददाता:-दुर्गाराम सीरवी कोयम्बटूर तमिलनाडु।

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