राजस्थान:– रानी तहसील मुख्यालय से 35 किमी दूर टोकरला के बीच पंचायत मुख्यालय का गांव है- केरली

रानी तहसील मुख्यालय से 35 किमी दूर डायलाना, केसूली, निपल, गावांड़ा, रामाजीगुडा, गेनड़ी, सिवास और टोकरला के बीच पंचायत मुख्यालय का गांव है- *केरली।*
छत्तीस कौम के लगभग 350 घर की बस्ती में सीरवी, राजपूत, देवासी, कुम्हार, नाई, वैष्णव, ब्राह्मण, मालवीय लोहार, रावना राजपूत, नायक, मेघवाल, सरगरा, जोगी आदि जातियां यहां पर बसी हुई है।
केरली में सीरवी समाज के लगभग 40 घर है, जिनमें चोयल, सोलंकी, आगलेचा, हाम्बड़, परमार, काग, भायल और परिहार यहां पर बसे हुए हैं।
केरली में पुरानी बडेर बहुत ही दयनीय हालत में सोचनीय है, पर *केरली सीरवी समाज ने समय रहते नये बडेर का शानदार निर्माण करवाया है*, केवल प्राण प्रतिष्ठा बाकी है जो अतिशीघ्र करवाई जाएगी।
यहां पर *कोटवाल जमादारी और पुजारी तीनों ही जिम्मेदारी श्रीमान उदाराम जी ओटाजी आगलेचा* को दी हुई है।
यहां पर *श्री आई माताजी का धर्म रथ भैल का आगमन नहीं होता है*, और शुरू से ही यहां भैल कभी नहीं आई। कोई समय में टोकरला भैल का आगमन होता था तब वहां पर यहां के सीरवी बंधुओं द्वारा जात करवाई जाती थी। पिछले कुछ वर्षों से टोकरला में भी भैल बन्द है। अब केरली के बन्धु डायलाणा से बेलें लाकर के बांधते हैं और कई वर्षों से जात बन्द है।
सरकारी नौकरी में यहां से श्री नगारामजी कूपाजी आगलेचा डायलाणा में अध्यापक है।
राजनीति में यहां से किसी सीरवी बंधु ने कोई चुनाव नहीं लड़ा एवं कोई पद प्राप्त नहीं किया है।
व्यापार व्यवसाय में यहां से मुंबई, पुणे और गुजरात में सीरवी बंधु सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम स्वर्गीय खरताराम जी नवलाजी चोयल गुजरात गए। मुलजी जीवाजी हाम्बड़ जोधपुर गए।
यहां पर विकास कार्य में मूलाजी जीवाजी हाम्बड़ की स्मृति में पुत्र श्री नारायण जी हाम्बड़ ने विद्यालय में कमरा निर्माण करवाया और शमशान में 30 गुणा 30 फीट का शेड बनवाया।
यह सूचना बेरा ढीमरा केरली के पुनाराम जी चोयल ने प्रदान की आपका बहुत-बहुत आभार।
केरली में शीघ्र श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा की मां श्री आईजी से कामना करते हुए गांव की खुशहाली और चंहुमुखी विकास की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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