राजस्थान:– 18 अगस्त 2023 को श्री आई माताजी भैल (धर्म रथ)का भव्य बधावा पाली जिले के ग्रांम गुड़ा मोकमसिंह में हुआ…….

राजस्थान:– 18 अगस्त 2023 को श्री आई माताजी भैल (धर्म रथ)का भव्य बधावा पाली जिले के ग्रांम गुड़ा मोकमसिंह में हुआ…….

छत्तीस कौम में आराध्य देवी के रुप में पुनागर माताजी को मानने वाला गांव है- गुड़ा मोकम सिंह।
इस गांव में लगभग 500- 600 घर की बस्ती है, जिसमें सीरवी समाज का बाहुल्य है, सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, देवासी, कुम्हार, दर्जी, मेघवाल, नायक सहित 36 काम के लोग बसते हैं इस गांव में सीरवी समाज के लगभग ढाई सौ घर है जिसमें लचेटा, सोलंकी, मुलेवा, परिहार, राठौड़, सानपुरा, गहलोत, चोयल और भायल मुख्य कर रहते हैं, गुड़ा मोकम सिंह में श्री आई माताजी का मंदिर बडेर बहुत पुराना है जिसमें बिलाड़ा की लाल गादी पाट के साथ बिठौड़ा की सफेद गादी पाट की स्थापना सन 1966 में उस समय के जति मोती बाबा जी एवं बिठौड़ा पीर श्री जोरसिंह जी के कर कमल से संपन्न हुई थी।जो आज दिन तक एक ही मंदिर में साथ साथ स्थापित है एवं एक ही पुजारी द्वारा सेवा पूजा की जा रही है। अब इस मंदिर के पास सभा भवन भी बनाया गया है लेकिन भैल के रुकने पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है एवं आसपास के घर में सुविधा का सहारा लेना पड़ता है,अब सीरवी समाज ने हिम्मत कर धनला रोड पर दो बीघा है जमीन क्रय की है जिस पर भविष्य में भव्य मंदिर के साथ मैरिज गार्डन भी बनाने की योजना है।
गुड़ा मोकम सिंह बडेर के कोटवाल श्री रामलाल जी सोलंकी है पर वे पूना रहते हैं अतः श्री मानाराम जी सोलंकी कामकाज देखते हैं जमादारी भारम जी लचेटा है तथा पुजारी नारायण जी लचेटा है।
गुड़ा मोकम सिंह गांव के श्री देवाराम जी परिहार ने बीस साल तक इसाली ग्राम पंचायत के सरपंच रूप में विकास के कार्य करवाए एवं काकू खंगार सिंह जी के समय आपका इस क्षेत्र में बड़ा नाम था,पर इस समय राजनीति में सीरवी समाज का कोई बंधु सक्रिय नहीं है।
इस गांव से नौकरी में श्री राम मनोहर जी उर्फ़ मोटाराम जी परिहार तहसीलदार के रूप में अपनी सराहनीय सेवा देकर सेवानिवृत हो चुके हैं, श्री तारा राम जी परिहार एयर फोर्स से सेवानिवृत्त है। परन्तु अब सीरवी समाज में सरकारी नौकरी में कोई भी कार्यरत नहीं है।
यहां से दक्षिण भारत के सभी प्रमुख नगरों में सीरवी बंधु अपने व्यापार व्यवसाय में गुड़ा मोकम सिंह का नाम रोशन कर रहे हैं जिनमें स्वरूप राम जी मुलेवा, चिकमंगलूर, तिलोक राम जी भायल, ढलाराम जी लचेटा, फूसाराम जी मुलेवा और मोतीराम जी सोलंकी मुख्य है इस समय इस गांव के सीरवी बंधु की एक दुकान अवश्य है।
ज्ञइस गांव के युवा पीढ़ी में श्री रामलाल जी मुलेवा पुनागर माताजी मंदिर जीर्णोद्धार से लेकर प्राण प्रतिष्ठा करवाने में अग्रणी रहे हैं और कोषाध्यक्ष पद पर रहते हुए छत्तीस कौम के चहेते हैं,आपके साथ तेजाराम जी मुलेवा तथा हैदराबाद से खंगार रामजी मुलेवा सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं आपने श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल बधावे तथा बडेर में धर्म सभा की व्यवस्था में पूर्ण मनोयोग से सहयोग किया।
रात में साढ़े ग्यारह बजे तक धर्म सभा में महेन्द्र जी कापसी और दीपाराम काग गुड़िया द्वारा सीरवी समाज इतिहास, श्री आई माताजी इतिहास और संस्कार निर्माण पर उद्बोधन दिया सभी ने प्रेम पूर्वक सुना- दीपाराम काग गुड़िया।

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