राजस्थान:– 26 अक्टूबर 2023 के पाली जिले के बूसी गांव में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात में धर्म सभा का आयोजन हुआ जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने श्री आई माताजी के इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल की विदाई भी ढोल थाली के साथ माताओं बहनों द्वारा हरजस के साथ की गई।

तहसील मुख्यालय रानी से 25 किमी दूर सापुनी, प्रतापगढ़ निंबाड़ा, हिरणखुरी, पादरली, टेवाली और सोडावास के मध्य *हनुमान बालाजी के मुख्य धाम रुप में पंचायत मुख्यालय का गांव है- *बूसी।*
लगभग 1200 घर की बस्ती बूसी में जाटों के अलावा छत्तीस कौम का निवास है, पहले यहां पर जाट भी थे आज भी नई बडेर जाटों के बास की बडेर कहलाती हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 250 घर है जिनमें बरफा, हाम्बड़, सोलंकी, परिहार, गहलोत, आगलेचा, लचेटा और चोयल गौत्र के सीरवी यहां बसे हुए हैं।
*बूसी में वर्तमान में दो बडेर है* आश्चर्य की बात यह है कि दोनों बडेर की प्राण प्रतिष्ठा 2017 में सम्पन्न हुई थी।
पुरानी बडेर की प्राण प्रतिष्ठा *विक्रम संवत् २०७३ माघ सुदी तीज, सोमवार दिनांक 30 जनवरी 2017 को एवं नई बडेर की प्राण प्रतिष्ठा मात्र ढाई माह बाद विक्रम संवत् २०७४ वैशाख बदी आठम बुधवार दिनांक 19 अप्रैल 2017 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से संपन्न हुई थी।*
वर्तमान में यहां पर नई और पुरानी बडेर में *कोटवाल श्री ओगड़राम जी पदमाजी गहलोत तथा वरदाराम जी पेमाजी हाम्बड़, जमादारी श्री वजारामजी चौथाजी चोयल तथा श्री डूंगाराम जी मन्नाजी परिहार एवं पुजारी श्री जोगाराम जी रुगाजी बरफा तथा श्री पेमारामजी चौथाजी चोयल सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।*
इस बार भैल का आगमन नई बडेर में हुआ था,बडेर के पास में सीरवी समाज का सभी सुविधाओं से युक्त समाज भवन बना हुआ है। पुरानी बडेर में भी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं साथ ही बड़ा न्याति नौहरा बना हुआ है।
यहां से सरकारी नौकरी में *श्री हीरालाल जी मोटाराम जी सोलंकी मारवाड़ जंक्शन में नायब तहसीलदार* के पद पर आसीन है, *श्री रुपारामजी* मेगाराम जी बरफा लाम्बिया में कम्पाउन्डर है, *श्री उम्मेदाराम जी* केसाराम जी हाम्बड़ देवली पाबूजी में कम्पाउन्डर है, डॉक्टर *गुणेशराम जी* उम्मेदाराम जी हाम्बड़ जैतारण तहसील में डॉक्टर है, श्री *गणपत लाल जी* हीरालाल जी सोलंकी जवाली में डाक्टर है, श्री *रणजीत जी* हीरालाल जी सोलंकी पंजाब में, तथा श्री *मुकेश जी* रुपाराम जी बरफा नागपुर में कम्पाउन्डर रुप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। श्री ललित भीकाराम जी लचेटा, श्री वीरेन्द्र पाल मोहनलाल जी बरफा और श्री हितेश दौलाराम जी बरफा MBBS कर रहे हैं।
राजनीति में बहुत समय पहले के चुनाव में *श्री नवलो बा बरफा* हाथ खड़े करवा कर सरपंच निर्वाचित हुए। श्रीमती शिमला बरफा धर्मपत्नी श्री भूराराम जी बरफा वर्तमान में *बूसी पंचायत की सरपंच* है। श्रीमती *कन्या* धर्मपत्नी धन्नाराम जी चोयल *पंचायत समिति सदस्या* रही है।
यहां से व्यापार व्यवसाय में सीरवी बंधु बूसी के साथ अंकलेश्वर, वापी, मुंबई और पूना में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री धन्नाराम जी रुपाजी चोयल और मगनाराम जी धीराजी लचेटा मुख्य है।
ग्राम विकास के कार्य में श्री *उम्मेदाराम जी केसाराम जी एवं नारायणलाल जी केसाराम जी हाम्बड़* ने श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में विशेष योगदान किया है। आपने इस विद्यापीठ में जमीन क्रय करने में विशेष योगदान किया तथा स्थानीय बालिका विद्यालय निर्माण हेतु बूसी में एक बीघा जमीन भेंट की। श्री *मांगीलाल जी वरदाजी बरफा* ने श्री आईजी विद्यापीठ जवाली में एक कमरा और जमीन क्रय करने में योगदान किया।
संगठनों के पदाधिकारी रूप में *श्री धनाराम जी रूपा जी चोयल* नेरुल, मुंबई बडेर के अध्यक्ष हैं। *श्री भूराराम जी गंगाराम जी बरफा* राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के सचिव हैं। आप सुमेरपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी की दौड़ में हैं। *श्री पूनाराम जी वरदाजी बरफा* भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष रहे हैं। *श्री मोहनलाल जी वरदाजी बरफा* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कर्मठ कार्यकर्ता है,आप आसपास के एरिया में हर कार्य में अग्रणी भूमिका निभाते हैं।
26अक्टूबर 2023 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल आगमन पर बूसी में भव्य बधावा किया गया रात में धर्म सभा का आयोजन हुआ जिसमें माताओं बहनों और बांडेरुओं ने श्री आई माताजी के इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल की विदाई भी ढोल थाली के साथ माताओं बहनों द्वारा हरजस के साथ की गई।
*बूसी के बालाजी महाराज* को नमन करते हुए श्री आई माताजी से सीरवी समाज बूसी की खुशहाली की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

Recent Posts