श्री आई माताजी के मंदिर समीप नवरात्र के पावन पर्व पर नो दिन की “श्रीराम कथा अायोजन, साध्वी अनुभूति जी ने कहा कि श्रीराम कथा मनोरंजन का साधन नही हैं,

तमिलनाडु कोयम्बटूर। लिंगापा चेट्टी स्ट्रीट श्री आई माताजी के मंदिर समीप नवरात्र के पावन पर्व पर नो दिन की “श्रीराम कथा”को सम्बोधित करते हुए मानव उत्थान सेवा समिति की साध्वी अनुभूति जी ने कहा कि रामकथा हमे जीवन जीना सीखाती है। राम के चरित्र से हम अपने जीवन में कैसे जिए भाई कैसा ,हो पति कैसा हो ,पत्नी कैसी हो ,ओर भक्त कैसे हो यह सीखने को मिलता है। रामायण हमें ऐसे जीवन बनाने को कहता है ऐसा मानव जो रावण का वध करें बुराई का नाश करें और समाज में धर्म सुख शांति स्थापित करें।नो दिन इस कथा सुनने के लिए सेकड़ो की संख्या में भक्त महिलाओं ने आकर सुन्ना इस मौके पर सीरवी समाज की महिला मंडल सदस्य लीला सीरवी,सैनी देवी,केली देवी,रुकमा,भगवती,प्रेम सीरवी ओर कन्या ने बताया कि हमारे यंहा बहुत ही अन्य समाज की महिलाओं ने भी इस आयोजन कथा में आकर साध्वी अनुभूति जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया।

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