सत्संग से मन का बदलाव तभी बदल सकेगा समाज, शास्त्री

बेंगलुरु । सीरवी समाज आई माता मंदिर बडेर में संत राजाराम ने सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि एक सत्संग में संत कह रहे थे जो मनुष्य सच्चे हृदय से भगवान की शरण चला जाता है भगवान उसके संपूर्ण पापों को माफ कर देते हैं जो एक बार भी मेरी शरण में आकर ‘मैं तुम्हारा हूं, ऐसा कह कर रक्षा की याचना करता है उसे में सम्पूर्ण प्राणियों से अभय कर देता हूं, यह मेरा व्रत है। इसकी व्याख्या करते हुए संत ने कहा, जो भगवान का हो गया, उसका मानो दूसरा जन्म हो गया। अब वह पापी नहीं रहा, साधु हो गया। सत्संग समाप्त हुआ। लोग उठकर बाहर जाने लगे सत्संग में एक चोर भी था। उसका हरदोई परिवर्तन हो गया। उन्होंने कहा की आज के युग में मनुष्य का मन बदलने की आवश्यकता है। मन बदलेगा तभी समाज बदल सकेगा और मन बदलने के लिए सत्संग की महती भूमिका है। गायक महेंद्र नाथ, अन्नाराम, कमलेश पुरी ने भजनों की प्रस्तुति दी सीरवी अध्यक्ष हेमाराम पवार सचिव ओमप्रकाश बर्फा ने धर्मसभा में विचार व्यक्त किए।

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