सिर्वी इंटरनेशनल स्कूल बड़वानी ,म.प्र. में हर्षोल्लास से मनाया गया गणतंत्र दिवस

बड़वानी /म.प्र.:-सिर्वी इंटरनेशनल स्कूल बड़वानी ,म.प्र. में हर्षोल्लास से मनाया गया गणतंत्र दिवस सिर्वी इंटरनेशनल स्कूल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। छात्र-छात्रोंओ ने कार्यक्रम का प्रारंभ देश भक्ति से ओत-प्रोत एक सुविचार से किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को देश भक्ति की भावना से परिपूर्ण करना एवं गणतंत्र के मुख्य उद्देश्य से अवगत कराना है। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मनोहरलाल जी मुक़ाती ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुऐ कहा कि,भारत देश गणतंत्र देश है, जहाँ देशवासियों को उनके विकास एवं उनकी उन्नति के लिए अनेक अधिकार प्रदान किए गए हैं, जिससे देश के प्रत्येक नागरिक का सर्वांगीण विकास हो साथ ही यह समझाया गया कि भारत की संस्कृति भी अखंड है। कार्यक्रम में भारत के संविधान को बहुत ही अच्छे व सुंदर ढंग से दर्शाया गया।
कक्षा आठवीं के छात्र मा. सुजल मुलेवा ने संविधान पर अपने ओजश्वी विचार प्रस्तुत किए।
नन्हें-मुन्नें बच्चों ने सुंदर देश भक्ति के गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके उपरांत एक लघुनाटिका भी प्रस्तुत की गई जिसमें देशवासियों के मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी वर्णन किया गया। साथ ही एक नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की गई, नृत्य के माध्यम से भारत की अनेकता में एकता को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया, वहीं विभिन्नता में भी एकता व संस्कृति की संपन्नता को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने अपने उद्देश्य को स्पष्ट किया कि भारत में अलग-अलग संस्कृति, धर्म व भाषा बोली जाती है, परन्तु इतनी विभिन्नताओं में भी एकता एवं प्रेम कायम है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के विशेष अतिथि डॉ. बी.एल.लछेटा(MD) ने उपस्थित सभी छात्रों एवं अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी भारत माता की संतान हैं,और एक परिवार के सदस्य हैं। सर्वप्रथम हमें परिवार के प्रति कर्तव्यों की भावना के लिए सोचना चाहिए। अपने अधिकारों का प्रयोग भी एक मर्यादा में रहते हुए करना चाहिए। यदि हम अधिकार और कर्तव्यों में संतुलन बनाए रखेंगे तो अवश्य ही यह संतुलन हमारे देश के लिए लाभकारी सिद्घ होंगे। कार्यक्रम के इस दौरान श्री कालूराम जी लछेटा,श्री दिनेश जी चौधरी,श्री गोविंद जी भायल सर,श्री दिनेश जी देवड़ा,श्री सुरेश जी मुक़ाती,श्री विनोद जी परमार आदि उपस्थित थे ।

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