(4) चौथे जुआ कभी नहीं खेलो।

संत पुरुषों ने कहा- जुए में आसक्त व्यक्ति के धन का नाश हो जाता है। जुआ चाहे छोटा हो या बड़ा, वह जहरीला कांटा ही है। जुआरी हमेशा बड़े-बड़े सपना देखता है रातों-रात लखपति करोड़पति बनने की कल्पना करता है। धीरे-धीरे उसका मानस दिवास्वप्न देखने लगता है। जुए से नल राजा और पाण्डव राजा भ्रष्ट हो गए।
जुआरी के सिर पर गरीबी की तलवार हमेशा लटकी रहती है जुए का भयानक परिणाम।

Recent Posts