मेरे प्रिय सीरवी बंधुओ हमे बहुत ही गर्व है की हमारी समाज आज आईजी की कृपा से बहुत ही अच्छे मुकाम पर है। पर समाज मे कुछ कमियों की वजह से हमे और समाज के आगे शर्मिंदा होना पड़ता है। इन छोटी छोटी कमियों को अगर हम युवा पिढ़ी सुधारने की कोशिश करे तो सीरवी समाज के मुकाबले और कोई समाज नही हो सकती।जैसे कि आप सभी को पता है कि खारड़िया सीरवी पहले खारड़िया राजपूत के नाम से जाने जाते थे। लेकिन आज हमें खुद को पता नही की हम किया है। जब कोई पूछता है। कि आप कौन है कोई चौधरी तो कोई पटेल कहते है। तो कोई अपनी गौत्र बताते हैं। पर अपनी जाति नही बता पाते है।इसलिए आप सभी से अनुरोध है। कि कृपया नाम के साथ चौधरी, गोत्र व अन्य उपनाम को न लगाये ।और अपनी पहचान सीरवी लगाकर दे।नही तो आने वाली पीढ़ी को समझ मे नही आयेगा की हम कौन है।
1- आप जब भी किसी को सम्मान या अभिवादन करते है।तो कृपया `जय आईजी री सा बोल के करे ताकि हमारी एक अलग पहचान बने
2- समाज के अन्दर एक बड़ी कमी यह देखी गयी की हम आपस मे एक दूसरे के नाम हल्के बोलते है। जैसे -प्रकाश नाम है तो हम उसको पकिया बोलते है यह बहुत ही भद्दा लगता है । जिस तरह से राजपूत समाज मे सा या जी लगते है। वैसे आप भी जी या सा से सम्मान दे। अगर छोटा है तो सही नाम से पुकारे। हल्के ना बोले कियोंकि वाणी में मधुरता होगी तो समाज की पहचान होगी।
3- दोस्तो जब हम अपने पूर्वजो की गाथा सुनते है। या आज जो बुजुर्ग हमारे साथ है। उनका शरीर को देखते है। तो ऐसा लगता ही कि हम तो उनके सामने पुतले है। कियोंकि हमने घी दूध खाना छोड़ दिया । और चाय बीड़ी अमल को ही अपनी खुराक बना लिया है ।कई लोग लखपति बनने के लिए खाना ही छोड दिया। रुपयों की बोरिया भर रहे है। पर उनको नही पता कि पहला सुख निरोगी काया। कृपया शरीर पे ध्यान दे आप ठीक तो परिवार ठीक।
4- मुझे नही लगता कि समाज मे कोई गरीब है। लगभग सभी सीरवी बिजनेसमैन है जमींदार है माताजी की कृपा से कोई कमी नही है। फिर भी ऐसा लगता है की बहुत पिछड़े हुए है। सब कुछ सम्पन्न होते हुए भी हमारी समाज के लोग अच्छे कपड़े नही पहनते है। अगर बोलो तो बोलते है हम तो चौधरी है ऐसे ही है। जो लोग सबकुछ होते हुए भी अच्छा नही पहन सकते अच्छा नही रह सकते। समाज को बदनाम करते है । औरतो के बारे कहना चाहूंगा कि फैशन के जमाने मे ऐसे कपड़े ना पहने जो आपको अच्छे लग रहे होंगे। पर लोग पीछे से हॅंसते है। आप सलवार कुर्ता राजपूती पोशाक जीन्स कुर्ता पहने । पर वो कपड़े पहनना बंद करे जिसमे आपकी कमर पीठ छाती दिखाई दे।
5- जमाने के साथ औरत को बराबर का दर्जा देना जरूरी है। जहाँ नारी का सम्मान होता है वहाँ अपने आप ही सुख-समर्दी होती है। लड़कियों को अच्छी शिक्षा दे औरतो को समान दे। उनको आज़ादी दे। पर 2रुपये ज्यादा कमाने के लिए उनको दुकानों में खड़ा न करे अगर मजबूरी नही है। तो मजदूरी पर ना भेजे औरत घरेलू काम में अच्छी लगती है पराये लोगो से कैसे बात करते है उनके साथ कैसे बर्ताव करना है उनको समजाये। ना कि पराये लोगे के साथ हंसी मजाक करना
6- आज सीरवी समाज मे सबसे बड़ी बीमारी चल रही वो है रिश्ते बदला बदली(साठा) और तलाक ।इन बीमारी की वजह से समाज स्तर गिरा दिया समाज की बदनामी हो रही है। दूसरी समाज के आगे हम बोल नही सकती। कृपया साठा करना बंद करे बच्चों को अच्छी शिक्षा दे बच्चों को बड़े होने के बाद देख के सगाई करे लड़कियों का रुपये न ले। तलाक की बात करे तो समाज में तलाक नाम का खेल हो गया इसपे रोक लगाओ । रिश्ते सोचसमझ करे और करने के बाद जो तोड़ता है उसे दंड दे । जो लडकिया दो बच्चों की माँ बनने के बाद भी तलाक देती और दूसरा घर करती है वो इंसान नही पशु है।जो अपने बच्चों को छोड देती है ।वह किसी की अच्छी पत्नी भी नही बन सकती है।
7- समाज एक और बुराई है । जिसको हम ठिकाना और बगैर ठिकाना कहते है हम उस घर खाना खा सकते है पर रिश्ता करने में डरते हैं। यह अंधविश्वास है इनको दूर करो तब कोई समाज का लड़का कुंवारा नही रहेगा। उस घर में कभी रिश्ता मत करो जो लोग रुपया लेते साठा करते बात बात पे रिश्ते तोड़ते है उनको यह सजा दो।
प्रस्तुति – राहुल सीरवी बर्फा इंदौर
सह संपादक- सीरवी समाज संपूर्ण भारत डॉट कॉम