‘सीरवी समाज का सांस्कृतिक इतिहास एक अध्ययन (18वीं शताब्दी से वर्तमान तक )विषय पर शोध पूरा किया।
गोडवाड़ में जन्मे तुलछाराम जी सीरवी जो वर्तमान में सीबीईओ मंडोर हैं। इन्होंने सीरवी समाज का सांस्कृतिक इतिहास एक अध्ययन (18वीं शताब्दी से वर्तमान तक) पर शोध कार्य जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से डॉक्टर तेजेंद्र व्यास (शोध निर्देशक) के सान्निध्य में किया। आप मूल रूप से गजनीपुरा निवासी हैं। इन्होंने प्रारंभिक अध्ययन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खिंवाड़ा से पूरा किया। उन्होंने बताया कि समाज को शिक्षा के साथ संस्कारों की अधिक जरूरत है। समाज जितना अधिक अध्यात्म में लीन रहेगा उतना सर्वांगीण विकास करेगा।
आपका मानना है कि समाज के सभी लोगों को रोज अपने जाति के ईष्ट आई माता मंदिर (बडेर) अवश्य जाना चाहिए। हमेशा शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ बालिका शिक्षा को अधिक बढ़ावा देने के पक्षधर रहे हैं। आपने जोधपुर में धर्मपत्नी ललिता सीरवी के निर्देशन में समाज की बालिकाओं के अध्ययन के लिए बालिका छात्रावास खोल रखा है। इस शोध कार्य में बताया की हम श्री आई माता जी के बताए 11 नियमों का पालन करेंगे। तो जीवन स्वतः खुशहाल हो जाएगा। अपनी जड़ों से जुड़ा रहने के लिए वर्ष में 4 बीज (शुक्ल पक्ष की दूसरा दिन, भाद्रपद, माघ, चैत्र और वैशाख) को धूमधाम से मनाना चाहिए।
आप श्री का परिचय…………………….
तुलसाराम सीरवी गोत्र देवड़ा पिता श्री स्वर्गीय कूपाराम देवड़ा माता श्री स्वर्गीय जमनी बाई, ग्राम गजनीपुरा पंचायत समिति रानी जिला पाली जन्म 10 अगस्त 1982, आरंभिक शिक्षा ग्राम गजनीपुरा, बरी और खिंवाड़ा, कॉलेज शिक्षा जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर आर्ट में स्नातक इतिहास विषय में पोस्ट ग्रेजुएट, B.Ed, शुरू से ही संघर्ष का साथ रहा माताजी का निधन बचपन में भी हो गया इस वजह से घर का समस्त बोझ मेरे कंधों पर था खेत के काम के साथ-साथ स्कूली शिक्षा भी ली आरंभ से ही मैं किताबे पढ़ने और ज्ञान परपती का पिपासु रहा कि मुझे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना है इसलिए मैं परिस्थितियों से ऊपर उठकर काम करता रहा जोधपुर में अध्ययन के दौरान आर्थिक तंगी थी इसलिए 3 वर्ष तक वाणिज्य कर अधिकारी ओंकार सिंह आशिया के घर में रहकर झाड़ू पोछा का कार्य किया। वर्ष 2008 में मैं अध्यापक के रूप में राजकीय सेवा ,राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हनुमान नगर फीस पंचायत समिति लूणी जोधपुर से आरंभ की तत्पश्चात वर्ष 2012 में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत हेड मास्टर पद पर चयनित हुआ और मेरी पहली पोस्टिंग प्रधानाध्यापक के रूप में राजकीय माध्यमिक विद्यालय आना देसूरी पाली में हुई तत्पर पछात जोधपुर जिले के राजकीय माध्यमिक विद्यालय रोहिल्ला कला मंडोर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दहिजर मंडोर,राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पाटोदी जिला बाड़मेर में प्रिंसिपल की पहली पोस्टिंग हुई,फिर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जाजीवाल कला मंडोर में प्रिंसिपल रहा,30 सितंबर 2019 को मेरा ट्रांसफर झालावाड़ जिले के पंचायत समिति ससुनेल के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल dhroniya उपखंड पिड़ावा में हो गया जहां पर मैंने कोरोना काल में रहते हुए संपूर्ण उपखंड का कार्यभार जिला कलेक्टर महोदय झालावाड़ के अनुसार संभला, जिसकी विभिन्न खबरें भी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय अखबारों में प्रकाशित हुई 6 जनवरी 2021 से मुझे मंडोर के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का कार्यभार मिला जो वर्तमान में निभा रहा हूं मेरी सोच रही है कि हमेशा शिक्षा और संस्कार से ही व्यक्ति और समाज उन्नति कर सकता है इसलिए सभी अभिभावकों को इन दोनों कर्मों पर अधिक से अधिक जोर देना चाहिए साथ ही आई माता का नित्य ध्यान सपरिवार करना चाइए