1.हे श्री आई माताजी .मेरी इच्छा कभी पूर्ण न हो सदैव आपकी ही इच्छा पूर्ण हो.क्योंकि मेरे लिए क्या सही है ये मुझसे बेहतर आप जानते हैं.
2.हे आई माताजी !मेरे मन,कर्म और वचन से कभी किसी को भी थोड़ा सा भी दुःख न पहुँचे यह कृपा बनाये रखे.
3.हे आई माताजी !मैं कभी न पाप करूँ, न होता देखूं सुनू और न ही कभी किसी के पाप का बखान करूँ.
4.हे आई माताजी !शरीर के सभी इन्द्रियों से आठो पहर केवल आपके बताये हुये मार्ग का ही आस्वादन करता रहूँ.
5.हे आई माताजी !प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थिति में भी आपके मंगलमय विधान देख सदैव प्रसन्न रहूँ.
6.हे आई माताजी !अपने ऊपर महान से महान विपत्ति आने पर भी दूसरों को सदैव सुख ही दिया करू.
7.हे आई माताजी ! अगर कभी किसी कारणवश मेरे वजह से किसी को दुःख पहुँचे तो उसी समय उससे हाथ जोड़कर क्षमा माँग लू.
8.हे आई माताजी !आठो पहर रोम रोम से केवल आपके नाम का ही जप होता रहे.
9.हे माता जी मेरे आचरण मे आई पंथ वैद श्रीमद्भगवद्गीता और श्रीरामचरितमानस के अनुकूल हो.
10.हे आई माताजी हर एक परिस्थिति में मुझे आपके ही दर्शन हो।
हे माताजी ! हे शक्ति स्वरूप जगत जननी ! ! मैं आपको कभी न भूलूं ! ! !
पूव सम्पादक
सीर वी सन्देश पत्रिका
महेन्द्र कुमार राठौड़ कापसी