नवरात्र के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, संत श्री रमनराम

मैसूरु।  शहर के सीरवी समाज (पं.) मैसूरु के केआरएस रोड़ स्थित श्री आईमाता मंदिर परिसर में  सोमवार को नवरात्री के दूसरे दिन संत श्री रमनराम जी महाराज के सानिध्य में सत्संग कीर्तन एंव कथा वाचन हुआ । संत महाराज ने मां ब्रह्मचारिणी की कथा के सार- के बारे में विस्तार से बताया कि जीवन के कठिन संघर्षों में भी मन विचलित नहीं होना चाहिए।  मां श्वेत वस्त्र धारण किए हैं। मां त्याग और तपस्या की देवी हैं। मां अपने भक्तों को ऊर्जा प्रदान करती हैं। जिस तरह मां ने जब तक भगवान शिव को पा नहीं लिया तब तक तपस्या करती रहीं। उसी प्रकार से मनुष्य को भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति तक अपने प्रयास नहीं छोड़ने चाहिए। मां की आराधना से विद्यार्थियों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस दिन मां की अर्चना अवश्य करनी चाहिए। इससे पहले महिला मंडल  द्वारा गरबा डांडिया रास तथा बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।  जिसमे रंग-बिरंगी पोशाक पहने बच्चों ने गरबा रास किया गरबा करते हुए बच्चों को देखकर लोग थिरकने के लिए मजबूर हो गए।  इस मौके पर अध्यक्ष मोटाराम सोलंकी, कोटवाल जिम्मेदारी मल्लाराम परिहार, गोपाराम हाम्बड़, सेवा संघ अध्यक्ष त्रिलोकराम परिहार, सचिव रूपाराम् राठौड़, गैर मण्डल अध्यक्ष मोहनलाल सोलंकी, महिला मण्डल सहित बड़ी संख्या में समाजन उपस्थित रहे।

Recent Posts