पाली:–बाली तहसील मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर पांचलवाड़ा, रमणिया, बमणिया,धणी और दांतीवाड़ा के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – गुड़ा लास

बाली तहसील मुख्यालय से करीब 12 किमी दूर पांचलवाड़ा, रमणिया, बमणिया,धणी और दांतीवाड़ा के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है – *गुड़ा लास*।
छत्तीस कौम के लगभग 450 घर की बस्ती में एक तिहाई सीरवी एवं दर्जी यहां पर श्री आई माताजी के डोरा बंद है। अन्य जातियों में देवासी, मेघवाल, सरगरा, राजपूत,रावल ब्राहमण, श्रीमाली ब्राह्मण, वैष्णव, मालवीय लौहार, सुथार, कुम्हार,नाई, माली, जणवा, जोगी, ढोली हाटिया और भाट आदि यहां पर बसे हुए हैं।
*गुड़ा लास सीरवी समाज में काग गौत्र के बाहुल्य का गांव है* दो तिहाई काग के अलावा गहलोत, परिहार, मुलेवा, परमार, हाम्बड़ और देवड़ा गौत्र के सीरवी यहां निवास कर रहे हैं।
यहां पर *श्री आई माताजी का मंदिर बडेर श्वेत मार्बल में बहुत भव्य बना हुआ है* सामने सीरवी समाज भवन बना हुआ है जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यहां पर *श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत २०८०मिति जेठ सुदी पंचमी, बुधवार दिनांक 24 मई 2023 को श्री आई माताजी धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के दो किमी दूर से विशाल बधावे के साथ दीवान जी और पूना बाबाजी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई थी। यहां पर आयोजित धर्म सभा में विशाल जनसमूह ने मेरे द्वारा सुनाये गये सीरवी समाज के इतिहास और श्री आई माताजी के इतिहास को गोड़वाड़ क्षेत्र में पहली बार सुना।*
यहां पर वर्तमान में *कोटवाल श्री जेठारामजी चमनाजी काग, जमादारी श्री अचलारामजी पूराजी काग और पुजारी श्री वरदाराम जी वजाजी काग* अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
यहां से सरकारी सेवा में श्री मोटाराम जी पूराजी काग सेवानिवृत ईओ है, श्री फुआराम जी हीराजी काग सेवानिवृत वरिष्ठ अध्यापक है, स्वर्गीय वक्ताराम जी हीराजी काग तहसील कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक थे, स्वर्गीय पोमाराम जी वजाजी काग वन विभाग में केटल गार्ड रहे, श्री घीसाराम जी रताजी काग आबकारी से सेवानिवृत है।
श्री देवाराम जी डायाजी परमार भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं, श्री मूलाराम जी चेनाजी काग आबकारी में नियुक्त है, श्री मोटाराम जी वजाजी काग जलदाय विभाग में हेल्पर है, श्री नत्थाराम जी इन्दाजी गहलोत मर्चेंट नेवी में सेवा दे रहे हैं।
गुड़ा लास की राजनीति में सीरवी समाज की हिस्सेदारी रही है यहां से *श्री रताराम जी वेलाजी काग, स्वर्गीय हकारामजी हीराजी काग एवं फुआराम जी मास्टर साहब पुत्र श्री हीराजी काग गुड़ा लास के सरपंच रहे*। श्री अचलारामजी पूराजी काग दस साल तक कोपरेटिव सोसाइटी के उपाध्यक्ष रहे थे।
यहां से व्यापार व्यवसाय में सीरवी बंधु रानी, बाली, जोधपुर, अहमदाबाद, बड़ौदा, भरुच, सूरत, मुंबई, पुणे और नाशिक में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।
यहां से *सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री पूनाराम जी वीरमजी गहलोत, श्री कूकाराम जी नवाजी काग और श्री मोटाराम जी भीकाजी काग मुंबई* गये थे।
ग्राम विकास के कार्य में श्री भूराराम जी नवाजी काग द्वारा पिचका पर अवाला निर्माण करवाया गया, श्री वरदाराम जी वजाजी काग द्वारा मठ में हाॅल बनवाई गई, स्वर्गीय दौला महाराज नेमाजी काग द्वारा काकरनाडा पर प्याऊ बनवाई गई गई। श्री पूराराम जी धूलाजी काग एवं वरदाराम जी वजाजी काग द्वारा विद्यालय में प्याऊ बनवाई गई।
*श्री दौला महाराज ने बाली, देवली आउवा, बिलाड़ा बडेर एवं सतलाना में श्री आई माताजी की कई वर्षों तक पूजा की* लेकिन आज से लगभग 30 वर्ष पूर्व रानी बाजार में एक सीरवी बंधु के दुकान पर अपना थैला रखकर वापस आने का कहकर निकले आज तक कहीं नहीं मिले और गुमशुदा है।
वर्तमान में यहां के विकलांग *श्री भूरा महाराज काग सतलाना बडेर में पुजारी* के रूप में सेवा पूजा कर रहे हैं।
गुड़ा लास का बिलाड़ा से गहरा रिश्ता रहा है। *आई पंथ के पन्द्रहवें दीवान साहब श्री लक्ष्मण सिंह जी जब गुड़ा लास पधारे तब गुड़ा लास के भाकर में महादेव जी द्वारा परचा मिलने पर आप द्वारा यहां पर भगवान भोलेशंकर महादेव के भव्य मंदिर का निर्माण आप द्वारा करवाया गया जिन्हें काटवाजी महादेव के नाम से जाना जाता है*। यहां पर दीवान साहब की घोड़ी के शरीर छोड़ देने पर परचे के रूप में एक बार घोड़ी के पुनर्जीवित होकर पुनः शरीर छोड़ने पर घोड़ी का चबूतरा एवं छतरी बनी हुई है। यहां पर देवासी बन्धु द्वारा पूजा अर्चना की जाती है। *यहां से भाकर पर हिंगलाज माता मंदिर रास्ता जाता है*।
गुड़ा लास में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया रात में धर्म सभा का आयोजन बहुत शानदार रहा। माताओं बहनों और बांडेरुओं की जबरदस्त उपस्थिति दर्ज हुई।
गांव गुड़ा लास के चंहुमुखी विकास और खुशहाली की मां श्री आईजी से कामना करता हूं-दीपाराम काग गुड़िया।

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