राजस्थान :– पाली जिले के सोजत तहसील मुख्यालय से 28 किमी दूर सरदार समंद के पास बीजपुर,खामल,भाटों की ढाणी, सरदार समंद,पांचवा कलां, गागूड़ा और मोडावास के मध्य पंचायत मुख्यालय एवं पुलिस थाना मुख्यालय का गांव है – *शिवपुरा।*

सोजत तहसील मुख्यालय से 28 किमी दूर सरदार समंद के पास बीजपुर,खामल,भाटों की ढाणी, सरदार समंद,पांचवा कलां, गागूड़ा और मोडावास के मध्य पंचायत मुख्यालय एवं पुलिस थाना मुख्यालय का गांव है – *शिवपुरा।*

छत्तीस कौम के लगभग 450 घर की बस्ती के शिवपुरा गांव में देवासी,भाट, गुर्जर, सीरवी, राजपूत, पालीवाल, ब्राह्मण, वैष्णव, मेघवाल, सरगरा, हरिजन, ढोली, तेली एवं धोबी जातियों का बसाव है।

सीरवी समाज के लगभग 60 घर है जिनमें चोयल,आगलेचा काग, गहलोत, परिहार, सिन्दड़ा, राठौड़ और लचेटा गौत्र के सीरवी बंधु यहां बिराजते है।

इनमें से लगभग 20 घर मोडावास के पास भैरो बा चोयल के नाम पर बसी ढाणी भेरजी की ढाणी में बसे हुए हैं जिनमें चोयल, आगलेचा और काग है। भेरजी की ढाणी में श्री आई माताजी मंदिर बना हुआ है।

शिवपुरा में श्री आई माताजी मंदिर बडेर बहुत प्राचीन एवं सामान्य बना हुआ है जिनमें एक कमरे में श्री आई माताजी के पाट की स्थापना की हुई है पास का कमरा स्टोर के काम में लिया जा रहा है। यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा लगभग चालीस पैंतालीस साल पहले भैल और जति बाबा जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा की अधिक जानकारी अब नहीं है एवं अब मंदिर बडेर का जीर्णोद्धार भी अति आवश्यक है। परन्तु अब तक बहुत ढील रखी है, सीरवी समाज की गली है उसी गली में श्री आई माताजी विराजमान हैं लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं है।

यहां पर श्री घीसाराम जी सिंदड़ा कोटवाल है परन्तु अब उनके वयोवृद्ध होने एवं सेवा नहीं हो पाने से आपके छोटे भाई श्री पूनाराम जी सिन्दड़ा कोटवाल का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं।

जमादारी श्री खींवाराम जी लचेटा है, इनके तीन लचेटा परिवार जमादारी परिवार कहलाते हैं जिनके पास श्री आई माताजी की डोली की जमीन और माताजी वाला बेरा हैं,बेरे पर 30-40 बीघा जमीन है, इसलिए यहां पर बडेर का दिवेल खर्च और सेवा पूजा जमादारी परिवार के जिम्मे रहती है अतः श्री खींवाराम जी जमादारी पूजा कर रहे थे पर अब उनसे भी सेवा नहीं हो पा रही है इसलिए आश्चर्य की बात है कि माताजी की सेवा के लिए पुरुष उपलब्ध नहीं होने पर वर्तमान में आपकी 60 वर्षीय प्रौढा भौजाई श्रीमती केलकी देवी धर्मपत्नी स्वर्गीय नारायण लाल जी लचेटा *मातृशक्ति ही मातृशक्ति* श्री आई माताजी मंदिर बडेर में सेवा पूजा कर रही है।

सीरवी समाज के यहां पर लगभग 15-20 बेरे हैं पर जल खारा है।

सरकारी नौकरी में शिवपुरा से वर्तमान में *श्री तुलसाराम जी गहलोत धाकड़ी में उर्जावान प्रधानाचार्य* पद पर आसीन है, श्री तेजाराम जी चोयल भेराजी की ढाणी में अध्यापक है तथा श्री मनोज कुमार जी गहलोत धाकड़ी विद्यालय में कम्प्यूटर अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं।श्री संदीप जस्साराम जी गहलोत यूको बैंक शाखा मेड़ता सिटी में मैनेजर पद पर कार्यरत हैं, श्रीमती संतोष धर्मपत्नी जितेन्द्र गहलोत सिविल अस्पताल अहमदाबाद में ANM पद पर कार्यरत हैं।

शिवपुरा पंचायत में मोडावास, बीजपुर,खामल, भाटों की ढाणी और राईकों की ढाणी सहित छः गांव है फिर भी यहां की राजनीति में सीरवी समाज का भी नाम रहा है यहां से *श्री जोगाराम जी चोयल सरपंच* रहे हैं एवं श्री *घीसाराम जी कोटवाल उप सरपंच* रहे हैं।

शिवपुरा से दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय के लिए सीरवी बंधु आबू रोड़, अहमदाबाद, मुम्बई, पूना, बंगलौर, चैन्नई और उड़ीसा में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं।

शिवपुरा से सर्वप्रथम दक्षिण भारत जाने वालों में श्री डायाराम जी काग एवं नारायण लाल जी काग बंगलौर, जस्साराम जी उर्फ रामलाल जी आगलेचा आमथला आबू रोड़ मुख्य है।

कई वर्षों पहले भैल बंद रही थी उस समय से पूरे मारवाड़ गोड़वाड़ में भैल का पुनः भ्रमण सालों से हो रहा है लेकिन यहां पर बरसों से भैल का आगमन शिवपुरा में नहीं हो रहा है। निजी तौर पर घीसाराम जी कोटवाल के द्वारा भैल और दीवान साहब को नारियल देकर निमंत्रण से बधावा किया गया है।

कई बरसों की शिवपुरा में जात बाकी है, शिवपुरा में 57 सीरवी परिवार भैल दर्शन एवं जात से वंचित है, इस बार धाकड़ी में भैल के पधारने पर श्री बोहराराम जी हाम्बड़ को धाकड़ी से साथ लेकर मैंने शिवपुरा की पड़ताल की, कोटवाल श्री घीसाराम जी सिंदड़ा ने पिछली जात भी करवाने एवं गांव में भैल आगमन के लिए श्री पूना बाबाजी से निवेदन किया, श्री आई माताजी ने शिवपुरा के बांडेरुओं की पुकार सुनी और  दिनांक 02 अक्टूबर को शिवपुरा में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया।

शिवपुरा से गजेटेड अधिकारी तुलसाराम जी प्रधानाचार्य है यहां से दक्षिण भारत में सीरवी बंधुओं के शानदार व्यापार व्यवसाय है,जिनका पूरे भारतवर्ष के सीरवी समाज में बड़ा नाम है अगर सभी एक होकर कमर कस लें तो एक साल में नया बडेर बन सकता है, और प्राण प्रतिष्ठा की लापसी सबको खाने का सौभाग्य मिल सकता है। यहां बडेर की हालत बहुत चिंताजनक है, अब तक भैल का नहीं आना एवं तब तक बडेर का नहीं बनना ये भी रुकावट का कारण रहा है अब भैल आगमन भी हो गया है, रात्रि में माताओं बहनों ने धर्म सभा में पूर्ण मनोयोग से श्री आई माताजी के इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की,सुबह सीरवी समाज शिवपुरा के सीरवी बंधु बडेर में उपस्थित हुए भैल की अब तक की बकाया जात एकमुश्त करवाई गई एवं भैल आगमन पर प्रसन्नता जताई।इस अवसर पर पूना बाबाजी ने बांडेरुओं को एकजुट रहकर समाज द्वारा तय चंदा राशि जमा करवा कर बडेर निर्माण के कार्य का श्रीगणेश की अपील की एवं एकमुश्त राशि जमा नहीं करवा सकते हैं उनसे किश्त में राशि जमा करवाने का अनुरोध किया सबने आपकी बात को शिरोधार्य किया। दीपाराम काग गुड़िया द्वारा सीरवी समाज की एकता पर बल देते हुए बताया कि धर्म के लिए लगाया हुआ धन कभी व्यर्थ नहीं जाता है एवं सभी गांवों में शिवपुरा बडेर की स्थिति बहुत दयनीय है अब समय पर मंदिर छोटा ही बने साथ में सभा भवन बने और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो। बाहर प्रवासी सीरवी चंदा इकट्ठा कर रहे हैं उन्हें नहीं रोकें उन्हें उनका कार्य करने देवें तभी समय पर बडेर निर्माण कार्य शुरू हो कर पूर्ण होगा। सभी ने इन बातों को ग्रहण किया, सीरवी समाज शिवपुरा की ओर से श्री तुलसाराम जी गहलोत प्रधानाचार्य धाकड़ी द्वारा आभार प्रकट किया गया।

सरकारी अधिकारी,व्यापारी और किसान वर्ग के बड़े बुजुर्गो बांडेरुओं से यह आशा करता हूं कि एक बार पुनः भैल का बडेर आगमन करवावें जिससे मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो एवं जिससे मां श्री आई माताजी के आशीर्वाद की बरसात हो और हमारा समाज हमारा गांव खुशहाल रहे, शुभकामनाओं सहित- दीपाराम काग गुड़िया।

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