राजस्थान :– पाली/पनोता चौराहे से धनला के बीच स्थित गांव आखर (आशापुरा) में इस बार गांव के फीले से ही ढोल बजाकर छत्तीस कौम द्वारा श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया

राजस्थान :– पाली/पनोता चौराहे से धनला के बीच स्थित गांव आखर (आशापुरा) में इस बार गांव के फीले से ही ढोल बजाकर छत्तीस कौम द्वारा श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया….

पनोता चौराहे से धनला के बीच बसा हुआ गांव है -आखर (आशापुरा)

इस गांव में कोई समय में सीरवी समाज का बाहुल्य था, सभी सीरवी आसपास के गांवों में जाकर बस गए, लेकिन अब यहां पर केवल पंवार और काग परिवार के दो घर है, जिनमें भारम जी काग कोटवाल एवं जीवाराम जी परमार जमादारी है। मुख्य मार्ग पर बहुत प्राचीन बडेर बनी हुई है और 24 अगस्त 2023 गुरुवार के दिन इस बार गांव के फीले से ही ढोल बजाकर छत्तीस कौम द्वारा श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया तब ऐसा नज़ारा देखने में आया कि छत्तीस कौम का अपार भाव माताजी पर है।

माताजी की बडेर के सामने मांगूसिंह जी चौहान राजपूत के रावले में सभी के लिए चाय पानी की व्यवस्था की गई एवं सीरवी समाज के साथ छत्तीस कौम ने माताजी के भेंट की।

यहां पर श्री सुमेर सिंह जी सोलंकी राजपूत ने बताया कि आपकी पोल में पच्चीस तीस रावले है जहां पिछले सैकड़ों वर्षों से अनवरत रूप से श्री आई माताजी के मंदिर में पूजा अर्चना की जा रही है और सभी की बिलाड़ा में जात,झड़ूले के लिए धोक लगाई जाती है।

इस तरह से यहां पर श्री आई माताजी के उपासक सीरवी दो और सोलंकी राजपूत तीस है। इनके अलावा छत्तीस कौम का निवेदन था कि अगली बार से माताजी के धर्म रथ भैल का यहां पर रात्रि विश्राम किया जाये सभी मिलकर भजन संध्या का कार्यक्रम रखेंगे और अगले दिन भैल की विदाई करेंगे अगली बार एक घंटे के लिए जोत ढाल कर आगे धनला नहीं जाने देंगे।

आखर की छत्तीस कौम को नमन।

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