राजस्थान:– 24 सितंबर 2023 को सुरायता में श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का सुरायता में भव्य स्वागत बधावा किया गया शाम को संध्या आरती में भी अच्छी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे एवं रात्रि में माताओं बहनों के साथ सीरवी बांडेरु धर्म सभा के लिए आकर डट गए तब स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होते हुए जोश का संचार हुआ एवं रात्रि में साढ़े ग्यारह बजे तक श्री आई माताजी के इतिहास को सुनाया गया सबने भाव से इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की।

सोजत से 17 किमी दूर मोडावास, गागूड़ा, संडारड़ा, अजीतपुरा, धाकड़ी, बागावास और मालपुरिया के मध्य पंचायत मुख्यालय का गांव है- *सुरायता।*
छत्तीस कौम के लगभग 700-800 घरों की बस्ती में सीरवी, चौकीदार, गुर्जर, देवासी, राजपुरोहित, राजपूत, कुम्हार, मालवीय लौहार,राव, मेघवाल, सरगरा, वादी, तेली, पठान और गाडोलिया लौहार यहां पर बसे हुए हैं।
यहां पर सीरवी समाज के लगभग 180 घर है जिनमें *आध में चोयल* है, बाक़ी में आगलेचा,बरफा, परिहार, हाम्बड़, गहलोत, भायल, सैणचा, राठौड़, पंवार, लचेटा और सोलंकी गौत्र के सीरवी बंधु निवास करते हैं।
*इस गांव में सभी जातियों के दो-दो बास है, सीरवी समाज के भी यहां दो बास है।*
सुरायता में श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा लगभग 16 वर्ष पूर्व,28अप्रेल 2007 को श्री आई माताजी के धर्म रथ भैल और परम पूज्य दीवान साहब श्री माधव सिंह जी के कर कमलों से हर्षोल्लास से सम्पन्न हुई थी। बडेर में बोलियों के पट्ट पर केवल दिनांक अंकित है तिथि का विवरण नहीं मिला।
श्री आई माताजी का मंदिर बडेर बहुत भव्य बनाया गया है जिसमें श्री आई माताजी और आपके दाहिने हाथ की ओर खेतलाजी विराजमान हैं। मंदिर में दीवारों पर शानदार पेंटिंग, चित्रकारी की हुई है सामने चौक है मंदिर के बायीं तरफ चारभुजा जी मंदिर निर्माण करवाया जा रहा है, बडेर के पास ही गली में न्याति नौहरा मय सभी सुविधाओं के बनाया हुआ है जो सीरवी समाज सुरायता के विकास का सूचक है।
सीरवी समाज के दूसरे बास में भी अलग से चारभुजा जी मंदिर बना हुआ है एवं शानदार सीरवी समाज का न्याति नौहरा मय हाॅल, कमरे रसोई घर आदि सभी सुविधाओं युक्त निर्माण कार्य करवाया हुआ है जिसे देखकर बहुत प्रसन्नता होती है।
दोनों ही जगह पर विकास होने से सामाजिक समारोह के लिए बहुत अच्छी सुविधा उपलब्ध है।
यहां पर श्री रुपाराम जी परिहार कोटवाल, श्री ढगलाराम जी चोयल जमादारी एवं श्री मांगीलाल जी चोयल पुजारी के रूप में अपनी सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं।
सरकारी नौकरी में भी इस गांव के सीरवी बंधुओं ने गांव का नाम रोशन किया है श्री भूराराम जी परिहार बेरा कांकड़िया CPWD से सेवानिवृत सहायक अभियंता है, डूंगाराम जी एक्स फ़ौजी है, छैलाराम जी सोजत रोड से उर्जावान एनएसएस प्रभारी एवं सेवानिवृत्त व्याख्याता है, अर्जुन जी परिहार एवं महेन्द्र जी परिहार सोजत नगर में एडवोकेट है, कन्हैयालाल जी परिहार सोजत नगर न्यायालय में वरिष्ठ लिपिक है, श्रीमती संगीता परिहार फीमेल नर्स जोधपुर में सेवा दे रहीं हैं तथा रामलाल जी परिहार सिंचाणा में अध्यापक पद पर सेवा दे रहे हैं।
इस गांव की राजनीति में लगातार बीस साल सरपंच रुप में एक छत्र राज का रिकार्ड स्वर्गीय *श्री नेनाराम जी चोयल* और उनकी धर्मपत्नी भंवरी देवी के नाम है,आप जब तक सरपंच रहे तब तक थानेदार भी आपसे बात कर गांव में कोई कार्यवाही करते थे।आपकी अच्छाई यह थी कि आपने अपने कार्यकाल में किसी से भी एक पैसा नहीं लिया बिना खर्चा लगाये आप जन जन के प्रिय रुप में चुनाव जीतते परन्तु एक ऐब मद्यपान से आज आपके घर का नाम मिटने की नौबत आई हुई है।इस बार भैल दौरे पर इनके घर की जात करवाने वाला कोई नहीं मिला।
श्री आई माताजी ने जन साधारण के लिए आज से साढ़े पांच सौ साल पहले जो नियम बताए एवं उन पर चलने का आग्रह किया वे सभी आज के दिन भी सभी के लिए आवश्यक है आपके द्वारा बताए बेल के दूसरे नियम – *दूजो तो मद मांस छुड़ाई।* का जरुर पालन करें अन्यथा घर में से क्लेश नहीं मिटेगा एवं घर का कभी नामोनिशान मिट जायेगा।
श्रीमती *प्रेम देवी* धर्मपत्नी अमराराम जी सोलंकी वर्तमान में सरपंच है तथा पूर्ण समर्पण से गांव की सेवा कर रहे हैं। श्रीमती कविता धर्मपत्नी श्री हरीश जी चोयल पंचायत समिति सदस्या है हरीश जी चोयल भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।
यहां से दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय हेतु बंगलौर, हैदराबाद, पूना, सूरत, मुम्बई और चेन्नई में सीरवी बंधु सफलतम रूप से अपने गांव का नाम रोशन कर रहे हैं।
दक्षिण भारत में सर्वप्रथम जाने वालों में स्वर्गीय मेहराराम जी आगलेचा, अमराराम जी आगलेचा, डूंगाराम जी सोलंकी पूना, गणेशराम जी परिहार, भंवरलाल जी चोयल, अमराराम जी चोयल गणेशराम जी चोयल, भेनाराम जी चोयल और नथाराम जी आगलेचा बंगलौर गये।
सीरवी समाज का ग्राम विकास में भी पूर्ण योगदान रहा है जिनमें डूंगाराम जी सोलंकी द्वारा श्मशान घाट में हाॅल निर्माण करवाया, हिम्मताराम जी चोयल द्वारा धाकड़ी मार्ग पर टांका निर्माण, राजाराम जी भायल द्वारा भीनानाडा पर टांका और प्याऊ निर्माण,हारी बाई धर्मपत्नी हीराराम जी सोलंकी बेरा खांडिया वाला के नाम से स्कूल में प्याऊ बनवाई, चेनाराम जी आगलेचा द्वारा विद्यालय में एक कमरा निर्माण करवाया गया। इस प्रकार सीरवी समाज का हर जगह विकास कार्य में योगदान रहा है।
श्री घीसाराम जी परगना समिति के पंच रहे। *श्री भूराराम जी परिहार (दाढ़ी वाले)* अखिल भारतीय सीरवी महासभा के लम्बे समय तक महासचिव रहे,आप सोजत पश्चिम परगना के अध्यक्ष रहे, एवं सीरवी छात्रावास जोधपुर के नींव के पत्थर से आज तक एक मजबूत स्तंभ बन कर कंधा टिकाये हुए हैं।
श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का सुरायता में भव्य स्वागत बधावा किया गया शाम को संध्या आरती में भी अच्छी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे एवं रात्रि में माताओं बहनों के साथ सीरवी बांडेरु धर्म सभा के लिए आकर डट गए तब स्वास्थ्य अनुकूल नहीं होते हुए जोश का संचार हुआ एवं रात्रि में साढ़े ग्यारह बजे तक श्री आई माताजी के इतिहास को सुनाया गया सबने भाव से इतिहास को सुना एवं प्रसन्नता व्यक्त की।
मां श्री आई माताजी से सुरायता गांव की खुशहाली की कामना करता हूं -दीपाराम काग गुड़िया।

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