मानव सेवा का कार्य ग्राम पंचायत बडग्यार के 65 वर्षीय किसान नारायण मुलेवा सिर्वी पिछले 24 सालों से कर रहे

मध्यप्रदेश बडग्यार / जहा एक ओर लोगो को भिषण गर्मी में जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है। लोग 44 डिग्री तपती धूप में पानी कि जुगाड़ दिन रात लगे रहते हैं। वही गर्मी में मुबोले मवेशियों के लिए पानी कि व्यवस्था बिरले लोग हि करते है। ऐसा हि मानव सेवा का कार्य ग्राम पंचायत बडग्यार के 65 वर्षीय किसान नारायण मुलेवा सिर्वी पिछले 24 सालों से कर रहे है।
( किया टंकी व हौद का निर्माण )
24 साल पहले बडग्यार से नदिपुरा, कवडियाखेडा आदि गावो कै लोग 12 किलोमीटर दूर तहसील मुख्यालय कुक्षी जाने हेतु इसी कच्चे मार्ग से पैदल आना जाना करते थे। तब गांव मैं वाहन संसाधन नही थे। तब पैदल आना – जाना करने वाले पैदल राहगिरों व मुबोले मवेशियों को प्यास से तडपते देखा। तब मेने अपने कुए के पास टंकी व मवेशियों के लिए खुद के खर्च से हौद का निर्माण करवाया। तब से अब तक राहगीरों व मवेशियों को प्यास बुझाते देख मन को शान्ति मिलती हैं।
(भिषण गर्मी में भी नही सुखता यह कुआँ।)
जहाँ एक ओर गर्मी में कुएँ, बावडी, तालाब सभी सुख जाते है। वही ईश्वर कि कृपा ओर प्यास से अपने कंठ तर करने वाले राहगीरों व मुबोले मवेशियों सहित पशु पक्षियों कि दुआओं से आज भी भिषण गर्मी मै इस किसान के कुएँ का पानी कभी नही सुखता।
( छाव हेतू लगाए पेड पौधे)
बडग्यार से नदिपुरा होकर कुक्षी जाने वाले मार्ग पर नदिपुरा से बडग्यार तक 3 किलोमीटर कच्चे मार्ग पर लोगों को छाव कि तलाश में भटकना पड़ रहा था। ऐसै मै नारायण मुलेवा ने अपने कुए के आसपास व सड़क के नजदीक पिपल, नीम, सिताफल, जाम आदि के पेड पौधे लगाए। जो आज वृक्ष का रुप लेकर घनी छाव दे रहे है। जहा राहगिर पिने का पानी व घनी छाव एक ही जगह पाकर अपनी थकान मिटाते हैं।
( मित्र से मिली मानवता की प्रेरणा )
श्री नारायण मुलेवा ने बताया कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है उनको यह प्रेरणा उनके मित्र सुरेशचंद्र मोतीलाल बडजात्या कुक्षी से मिली। उन्हीं से प्रेरणा से मैंने 24 साल पहले मवेशियों के लिए पानी का हौद व राहगीरों के टंकी का निर्माण कराया।मानवता का कार्य करते हुए वै आज भी सुबह व शाम को कुए से पानी की टंकी व होद भरते हैं। 1995 मै खेत पर कुएँ के समिप पानी की टंकी व हौद का निर्माण कराया था। जहा पैदल राहगिर व मवेशियों के अलावा आसपास के खेतों में काम करने आने वाले किसान व मजदूर भी इसी जगह पर आकर अपनी प्यास बुझाते हैं।
( परिवार के सदस्य भी करते हैं सहयोग )
प्यास से तडपते राहगिरों व मवेशियों के लिए कि पानी कि व्यवस्था करने मैं श्री नारायण मुलेवा सिर्वी का सहयोग परिवार के सदस्य भी करते हैं। मानव सेवा के पुण्य प्रताप से श्री नारायण मुलेवा का परिवार सामाजिक कार्यों में सहभागिता कर रहा हैं। वे आगे भी पर्यावरण व जल सरंचना आदी के जनहित कार्य करते रहेगें।

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