लिंगराजपुरम् में सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट के तत्वावधान में शनिवार को आईमाता मंदिर में उल्लासमय वातावरण में युगादि का पर्व मनाया गया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत यहां लिंगराजपुरम् में सीरवी सेवा संघ ट्रस्ट के तत्वावधान में शनिवार का आईमाता मंदिर में उल्लासमय वातावरण में युगादि का पर्व मनाया गया तथा समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संघ की ओर से अध्यक्ष लक्ष्मण पंवार ने सभी के स्वागत किया तथा कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता के रुप में दर्पण आश्रम के संस्थापक नंदकिशोर तिवारी ने भारतीय संस्कृति में युगादि व नवसंवत्सर के महत्व को समझाते हुए कहा कि जो सदा है वह सनातन है अर्थात् जिसका न आदि है और न अन्त उसको सनातन कहते हैं। उन्होंने मानव जीवन में सत्संग का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि सत्संग आनन्द का मूल है। सत्संग में हमें जो मिलता है वह कहीं और नहीं मिल सकता।नवरात्रि में मातृशक्ति का प्रतीक जगतजननी मां जगदम्बा की पूजा की जाती है। इस मौके पर राष्ट्रवादी कवि जनार्दन पाण्डेय ने बताया कि सनातन धर्म व संस्कृति में आज का दिन विशेष महत्व रखता है। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से सनातन धर्म व संस्कृति के महत्व को रेखांकित किया।संघ की ओर से नंदकिशोर तिवारी, जनार्दन पाण्डेय एवं वेद प्रकाश पाण्डेय का माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान भी किया गया। इस मौके पर सीरवी सेवा संघ लिंगराजपुरम के पूर्व अध्यक्ष चोलाराम चोयल, पोकरराम बर्फा, प्रभुराम काग, तुलसाराम राठौ़ड, ऊदाराम आगलेचा, पूर्व सचिव बाबूलाल राठौ़ड, रामलाल सहित समाज के अनेक लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सचिव अमरचन्द सानपुरा ने किया और अंत में सहसचिव हनुमानराम राठौर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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