श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल

April 7, 2024
श्री आईमाता जी ने अपने भक्तों को धर्म व आध्यात्म के उत्तम नियम बताए जिन्हें हम श्री आईपंथ के सिद्धान्त या नियम कहते है।श्री आईमाता जी ने श्री आईपंथ के नियमों के प्रचार-प्रसार के लिए भेल(धर्म रथ) की शुभ शुरुआत की। आध्यात्मिक धर्म रथ ने समाज में धर्म, आध्यात्म और जीवन दर्शन की त्रिवेणी का…

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, मणिपुर में सहायक आचार्य / वैज्ञानिक के पद पर चयन होने के उपलक्ष पर डॉ. दिनेश सीरवी साहब को हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाऐं

February 28, 2024
*केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, मणिपुर में सहायक आचार्य / वैज्ञानिक के पद पर चयन होने के उपलक्ष पर डॉ. दिनेश सीरवी साहब को हार्दिक बधाई एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाऐं* प्रेरणात्मक दृष्टी से निवेदन है कि.. डॉ. दिनेश जी सीरवी ने प्रारंभिक शिक्षा मूल निवास गांव बांता के राजकीय माध्यमिक विद्यालय से प्राप्त की व तत्पश्चात…

।।श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल(१३)।।

February 23, 2024
श्री आईमाता जी का भेल(धर्म रथ) की शुभ शुरुआत ने समाज में धर्म व आध्यात्मदर्शन की पावन सरिता का प्रवाह किया है।श्री आईमाता जी द्वारा की गई इस शुभ शुरुआत ने समाज के जन-जन में धार्मिक आस्था और विश्वास में अभिवृद्धि की और श्री आईपंथ के नियमों के प्रचार-प्रसार से लोग नैतिक मूल्यों से आबद्ध…

श्री आईमाता जी भेल (धर्म रथ):- एक युगान्तकारी पहल

February 18, 2024
श्री आईपंथ का नवाँ नियम है:-"नव पर नारी माता जाणो।" आराध्य देवी श्री आईमाता जी ने धर्म व आध्यात्मदर्शन का उपदेश देते हुए कहा था कि -"आप सगळा लोग नेकी पर चालजो और नारी जाति रो मान राखजो तथा पर नारी को माता समझना।" भारतीय संस्कृति में उज्ज्वल चरित्र को सर्वोच्च पायदान पर रखा है…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल

February 16, 2024
श्री आईपंथ के सिद्धान्त या नियम सुकूनदायी व आनंददायी जिंदगानी का अमृत रस पान है।जो व्यक्ति श्री आईपंथ के सिद्धांतों या नियमों की पूर्णतःपालना करता है उसका जीवन सदा सुख-समृद्धि से सुवासित हो जाता है।उस व्यक्ति के जीवन में सुख-चैन और शान्ति छा जाती है। श्री आईपंथ के नियम सुखद जिंदगानी का सार तत्व है।…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):- एक युगान्तकारी पहल (१०)

February 10, 2024
श्री आईपंथ के ग्यारह नियमों में सातवां नियम है:-" सात गुरू की आज्ञा मानो।" भारतीय सनातन संस्कृति में गुरू की महिमा अनंत व अपरम्पार है।भारतीय सनातन दर्शन में गुरू को ईश्वर से बढ़कर बताया गया है क्योंकि गुरू ही ईश्वर प्राप्ति का पथ प्रदर्शक होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि, " गुरूर ब्रह्मा,गुरूर…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल

February 3, 2024
श्री आईपंथ के सिद्धान्त अर्थात नियम की पालना करने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को सुकूनदायी और आनंददायी कर जाता है। श्री आईपंथ के नियम बहुत ही सरल है जिसकी पालना हर व्यक्ति कर सकता है। जो व्यक्ति अपनी ईमानदारी और सच्चाई से श्री आईपंथ के सिद्धांतों की पालना कर जीवन जीता है उसका जीवन…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल

January 31, 2024
श्री आईपंथ के ग्यारह नियमों में पाँचवा नियम "पंचम मात-पिता की सेवा।" की पालना हो जाय तो जीवन सुखदायी और आनंददायी हो जाता है। भारतीय शास्त्रों में मात-पिता को देवता के समान माना गया है।मातृ देवो भवः!पितृ देवो भवः!!कहा गया है। माता-पिता को संतान का प्रथम गुरु माना गया है।बच्चा अपने जीवन में संस्कार परिवार…

श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल(७)

January 21, 2024
श्री आईपंथ के ग्यारह नियमों में चौथा नियम है:-"चौथे जुआ कभी न खेलो।"यह नियम व्यक्ति को सदा सद्मार्गी रहने की प्रेरणा देता है तथा व्यक्ति को गलत आदतों से दूर रहने की सीख देता है।मनुष्य के जीवन मे सुख-शांति का साधन जुआ नहीं बल्कि शारीरिक या मानसिक कर्म है। जो व्यक्ति गलत आदतों में पड़कर…

।।श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल(६)।।

January 16, 2024
।।श्री आईमाता जी भेल(धर्म रथ):-एक युगान्तकारी पहल(६)।। श्री आईमाता जी ने श्री आईपंथ के नियम हमारे जीवन को सुख-समृद्धि एवं सुकूनदायी बनाने के लिए बताए है।ये नियम धर्मग्रंथों का सार तत्व है।ये नियम सुखी जीवन के लिए बड़े ही अनमोल है।हम सबका दायित्व बनता है कि हम श्री आईपंथ के नियमों को आत्मसात कर जीवन…

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