श्री आई माताजी का जीवन वृतान्त

अवतार – विक्रम सवंत १४७२ भादवी बीच शनिवार बगीचे में फूलों के बीच कन्या रूप में।

अंबापुर – गुजरात में बीकाजी डाबी राजपूत के घर । बचपन का नाम जीजी

वृद्धा रूप में नांदिया ( बैल ) को साथ लेकर धर्म प्रचार करते हुए नारलाई ,डायलाणा , पतालियावास व बिलाडा़ में विविध चमत्कार बनाना ।

बिलाडा़ आगमन-विक्रम संवत १५२१ भादवी बीज शनिवार । बिलाडा़ आने से जीजी का नाम श्री आई माताजी नाम पड़ा।

अखंड ज्योति की स्थापना बिलाडा़ में विक्रम संवत १५२५ भादवी बीज शनिवार

प्रथम दीवान पद की स्थापना- विक्रम संवत १५५७ माघ सुदी बीज शनिवार ।

अन्तर्ध्यान व ज्योति में विलीन – विक्रम संवत् १५६१ चैत्र सुदी बीज शनिवार ।

पुस्तक; – श्री आईजी उपसना
प्रकाशक : कर्नाटक सीरवी समाज मैसूर ( पेज की दर्शक संख्या 31 )

 

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