वर्तमान निवास स्थान

सीरवी समाज राजस्थान का निवास

(१) राजस्थान में सीरवी समाज का निवास – सीरवी जाति की उत्पत्ति के आधार पर यह स्पष्ट होता हैं कि सीरवी जालौर से निकलने के बाद उन्हीं क्षेत्रों में बसे, जहां कृषि हेतु पानी की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध थी । यह  ‘लूनी नदी तंत्र’ के आस-पास बसते चले गए, क्योंकि वहां सिंचाई के लिए पानी मिला । धीरे-धीरे इन्होंने पूर्ण आधिवास स्थापित किया । ऐसा मत प्रचलित है कि अकाल के समय जब मारवाड़ से लोग मालवा गए थे, तब जिनके बैल कमजोर थे, वे रास्ते में मेवाड़ में ही ठहर गए, जो आज ‘बनास नदी तंत्र’ के आस पास बसे हुए है । जो लोग मालवा गए थे, उनमें से अधिकांश वापस आ गए और काफी संख्या में वही बस गए इस प्रकार राजस्थान में सीरवी मारवाड़ और मेवाड़ में तथा मध्य प्रदेश के मालवा अंचल में अावासित है । मारवाड़ में जोधपुर व पाली तथा मेवाड़ में राजसमंद व भीलवाड़ा जिले में स्थायी रूप से निवास करते हैं । जोधपुर जिले में जोधपुर शहर, पंचायत समिति बिलाड़ा व पंचायत समिति लूणी में ,पाली जिले की समस्त पंचायत समितियों में व पाली शहर मे ,राजसमंद में खमनोर, में राजसमंद व रेलमगरा पंचायत समिति में तथा भीलवाड़ा की सहाड़ा पंचायत समिति के गांवो में सीरवी मूल निवासी रूप में रहते हैं । यहां इनका मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पशुपालन है ।

बिलाड़ा क्षेत्र ( जिला जोधपुर ) एक समृद्ध क्षेत्र है ‌। कृषि व उद्योग की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं । भूतकाल में मारवाड़ के महाराजा ने मारवाड़ के 2½ (ढाई) घरों में बिलाड़ा को एक पूरा घर बताया था । इस कथन से इस क्षेत्र की प्राचीनकालीन समृद्धि स्पष्ट होती है । बिलाड़ा कस्बा एक नगर नगरपालिका क्षेत्र है तथा शेष ग्रामीण क्षेत्र हैं । बिलाड़ा नगर पालिका सहित इसके 14 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) बिलाड़ा (नगरपालिका) (2) उर्चियार्डा (उप क्षेत्र न.पा.) (3) उदलियावास (4) खारिया मीठापुर (5) पिचियाक (6) भावी (7) बाला (8) जैतीवास (9) जेलवा (10) बींजासनी (11) बड़ीकला (12) कालाऊना की ढाणी (13) बरना (14) बींजवाड़िया । राजस्थान में स्थित कुल सीरवी जाति की 10.26 प्रतिशत जनसंख्या इसी क्षेत्र में निवास करती हैं । यहां बिलाड़ा में, सीरवी जाति का प्रमुख धाम श्री आई माताजी का मंदिर ( बडेर ) स्थित है । इस क्षेत्र का बड़ा बांध ‘जसवंत सागर बांध’ सीरवी बाहुल्य पिचियाक गांव में स्थित हैं । क्षेत्र में ‘लूणी नदी’ प्रभावित होती है ।यह क्षेत्र रेलमार्ग (वर्तमान में ब्रॉडगेज निर्माणाधीन) तथा सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 112 से जुड़ा हुआ है ।

 ‘लुणी पंचायत समिति’ जोधपुर जिले के अंतर्गत आती हैं ‌। यह मंडोर पंचायत समिति के दक्षिण में तथा बिलाड़ा पंचायत समिति के पश्चिम में स्थित है । यहां के चार गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) पालासनी (2) सतलाना (3) माधोपुरा (4) मोडी । पालासनी लूणी पंचायत समिति के पूर्व में तथा शेष तीन गांव पंचायत समिति के दक्षिण में स्थित है । यहां मात्र 0.66 प्रतिशत सीरवी रहते हैं । यह क्षेत्र सम्पनता की दृष्टि से सामान्य है । क्षेत्र रेलवे सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है ।

 ‘जैतारण पंचायत समिति’ बिलाड़ा पंचायत समिति के पुर्व में स्थित है। यह पाली जिले के अन्तर्गत आता है। इस क्षेत्र में लुणी नदी प्रवाहित होती है। यह क्षेत्र कृषि की दृष्टि से सम्पन्न क्षेत्रों में गिना जाता है। यहाँ के 28 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) जैतारण (नगर पालिका) (2) आगेवा (3) बीरोल (4) कारोलिया (5) ठाकरवास (6) झांझनवास (7) पाटवा (8) देवरिया (9) हुनावास (10) चावण्डिया कलां (11) पृथ्वीपुरा (12) बेड़कलां (13) गरनिया (14) लौटोती (15) निम्बोल (16) कांणेचा (17) खीनावड़ी (18) निमाज (19) जनासनी (20) सांगावास (21) भाकरवास (22) हुनावास खुर्द/कलां (23) निम्बेड़ा (24) खेड़ा देवगढ़ (25) खेड़ा रामगढ़ (26) पातूस (27) पीपलिया खुर्द (28) राजादण्ड । जो राजस्थान में स्थित कुल सीरवी जनसंख्या का 5.69 प्रतिशत है। क्षेत्र में रेलमार्ग का अभाव है। राष्टीय राजमार्ग संख्या – 112 इस क्षेत्र से होकर गुजरता है।

 ‘रायपुर पंचायत समिति’ जैतारण पंचायत समिति के ठीक दक्षिण में पाली जिले में स्थित है। क्षेत्र में लुणी की सहायक ‘सूकड़ी नदी’ प्रवाहित होती है। कृषि की दृष्टि से भी सीरवी जाति के लिए महत्वपूर्ण है। स्वतन्त्रता से पहले यह ठिकाना था, जिनको जागीर प्राप्त थी । यहाँ के 23 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) रायपुर (2) कुशालपुरा (3) बासनी दधवाड़िया (4) पीपलिया कलां (5) मेसिया (6) झुंठा (7) बांसिया (8) गुड़िया (9) देवली कलां (10) मोहरा (11) नोख, बासनी (12) रामपूरा कलां (13) लीलाम्बा (14) निम्बेड़ा कलां (15) करमावास मालियान (16) सिंगला (17) आकेली (18) भिर्चड़ी (19) हाजी (20) धुलकोट (21) खेड़ा, गिरी (22) खेड़ा मामावास (23) बिराटिया खुर्द । राजस्थान में स्थित कुल सीरवी जनसंख्या का 9.52 प्रतिशत इस क्षेत्र में निवास करते हैं। यह क्षेत्र रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 14 इसके मध्य से होकर गुजरता है।

‘सोजत पंचायत समिति’ रायपुर पंचायत समिति के ठीक पश्चिम में पाली जिले में स्थित है। यह श्रेत्र सीरवी बाहुल्य क्षेत्र है। खारची व रायपुर के साथ यह क्षेत्र सीरवी जाति के लिए राजनितिक गढ़ है। लूनी की सहायक ‘सुकड़ी नदी’ इस क्षेत्र से भी प्रभावित होती हैं । कृषि की दृष्टि से यह क्षेत्र संपन्न है । राजस्थान ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारत में यह क्षेत्र ‘मेहंदी उत्पादन’ के लिए प्रसिद्ध है । यहां मेहंदी की बड़ी मंडी भी हैं । इस क्षेत्र के 48 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) अटबड़ा (2) बिलावास (3) धाकड़ी (4) धिनावास (5) सुरायता (6) शिवपुरा (7) सरदारसमन्द (8) गागुड़ा (9) खारिया नीव (10) सिमरवादा (11) मोड़ाव (12) सोजत रोड़ (13) सियाट (14) बगड़ी (नगर) (15) चण्डावल (नगर) (16) बोयल (17) खोखरा (18) बासणा (19) रामासनी बाला (20) माताजी की बासनी (21) उदेसी कुआ (22) नया गांव (23) लाणेरा (24) कानावास (25) मामावास (26) मण्डला (27) नई ढाणी (28) बागावास (29) हरियामाली (30) सोजत सिटी (नगर पालिका) (31) अजीतपुरा (32) भैसाणा (33) हिंगावास (34) थरासनी (35) सारंगवास (36) साण्डिया (37) नाथलकुण्डी (38) हीरावास (39) मेव (40) गुड़ा कलां (41) गुड़ा रामसिंह (42) केलवाद (43) करमावास पट्टा (44) दोरनड़ी (45) मालपुरिया (46) पाचुण्डा (47) पीपलाद (48) चाड़वास । यहां 17.44 प्रतिशत सीरवी निवास करते हैं । यह क्षेत्र रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है । राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 14 इस क्षेत्र से होकर गुजरता है । विक्रम संवत 1521 में जब श्री आई माताजी अंबापुर से बिलाड़ा पधारे थे तो मार्ग में मां ने बिलावास तथा सोजत में विश्राम किया था ।

 ‘पंचायत समिति मारवाड़-जंक्शन’ सोजत पंचायत समिति के ठीक दक्षिण में स्थित हैं । इसके पूर्व में राजसमंद जिला स्थित हैं । मारवाड़ जंक्शन महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन के रूप में जाना जाता है । राजस्थान में ‘सर्वाधिक सीरवी आबादी’ इसी क्षेत्र में हैं । यहां के 84 गांवों में राजस्थान के कुल सीरवी जनसंख्या का 22.29 प्रतिशत निवास करती हैं (1) आऊवा (2) देवली आऊवा (3) बांता रघुनाथगढ़ (4) धनला (5) गुडांगरी (6) गुड़ा हिम्मता (7) धामली (8) भिमालिया (9) कराड़ी (10) मुकनपुरा (11) हिंगोला खुर्द (12) हिंगोला कलां (13) बिठोड़ा खुर्द (14) बिठोड़ा कलां (15) सुगालिया (16) राजकियावास खुर्द (17) राजकियावास कलां (18) जोगड़ावास (19) अकावास (20) खारची (21) मारवाड़ जंक्शन (22) हेमलियावास खुर्द (23) हेमलियावास कलां (24) खारड़ी (25) जाडन (26) सिनला (27) नरसिंहपुरा (28) आंगदोस (29) कादु (30) गुड़ा रामसिंह (31) गुड़ा केसरसिंह (32) गुड़ा माखमसिंह (33) गुड़ा अजबा (34) गुड़ा नवा (35) गुड़ा दुर्गा (36) मानी (37) गुड़ा सुरसिंह (38) गुड़ा रगुनाथसिंह (39) गुड़ा प्रेमसिंह (40) चोकड़िया (41) चेलावास (42) गादाणा (43) भगवानपुरा (44) जाणुन्दा (45) इसाली (46) रिसाणिया (47) बाड़सा (48) भवाड़िया (49) सवराड़ (50) जेतपुरा (51) चौधरीयों की ढाणी (52) सुर्यनगर (53) कोलपुरा (54) जोजावर (55) नयागांव (56) गोदावास (57) रडावास (58) राणावास (59) राणावास स्टेशन (60) मलसा बावड़ी (61) सिचाणा (62) सिरयारी (63) सारण (64) चिरपटिया (65) बड़ी (66) ठाकुरवास (67) निम्बली माण्डा (68) फुलिया (69) गोपावास (70) माण्डा (71) वोपारी (72) शेखावास (73) कंटालिया (74) मुसालिया (75) मेलावास (76) बोरनाडी (77) मेहलाप (78) ठरला कायवाला (79) वाड़िया (80) सेहवाज (81) ढ़ाढिया (82) बासनी (जोजावर) (83) दूदोड़ (84) बाली । अत: यह ‘सबसे बड़ा राजनीतिक गढ’ भी हैं । यहां से छ: बार सीरवी प्रत्याक्षी ‘विधायक’ बने हैं । यह क्षेत्र कृषि की दृष्टि से सामान्य समृद्ध हैं । क्षेत्र रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है । यहां के ‘सहवास’ गांव में बिलाड़ा आते समय श्री आई माताजी ने विश्राम किया था ।

 ‘रोहट पंचायत समिति’ सोजत पंचायत समिति के पश्चिम में स्थित हैं । इसके पश्चिम तथा दक्षिण पश्चिम में क्रमशः बाड़मेर व जालौर जिले स्थित हैं । यहां के मात्र 10 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) काला पीपल (2) इन्दरों की ढाणी (3) भाकरीवाला (4) माडपुरिया (5) झीतड़ा (6) खारड़ा बांध (7) केरला (8) चाटेलाव (9) सिणगारी (10) खारड़ा । जो राजस्थान में स्थित कुल सीरवी जनसंख्या का 0.55 प्रतिशत हैं । यह कृषि की दृष्टि से सामान्य क्षेत्र हैं । यह क्षेत्र सड़क व रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है । राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 65 इस क्षेत्र से होकर गुजरता है । यहां झीतड़ा गांव धार्मिक आस्था का धाम है ।

 ‘पंचायत समिति पाली’ रोहट पंचायत समिति के दक्षिण में स्थित हैं । इसके पूर्व तथा उत्तर पूर्व में क्रमशः मारवाड़ जंक्शन व सोजत स्थित हैं । यहां जिला मुख्यालय, पंचायत समिति मुख्यालय, नगर पालिका मुख्यालय आदि स्थित हैं । यहां एक हेमावास नामक बांध बना हुआ है । कृषि की दृष्टि से यह क्षेत्र संपन्न है । राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 65 इस क्षेत्र से होकर गुजरता है । इसके 32 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) गुड़ा एन्दला (2) गुड़ा नारकान (3) सोडावास (4) मण्डिया (5) डेन्डा की ढाणी (6) डेन्डा (7) कूरना (8) कानलाव (9) पड़ासला कलां (10) गिरादड़ा (11) खेतावास (12) आकेली (13) तोगावास (14) वडेरावास (15) शिवपुरा (16) डिगाई (17) गुन्दोज (18) बाणियावास (19) आकड़वास कलां (20) ऐन्दड़ा की ढाणी (21) नवी ऐन्दड़ा (22) जूनी ऐन्दड़ा (23) केनपुर (24) सापुनी (25) रामपूरा (26) लाम्बिया (27) हेमावास (28) सवाईपुरा ढाणी (29) बुमादड़ा (30) पड़ासलां खुर्द (31) निम्बला (32) केरला । जो राजस्थान के कुल सीरवी जनसंख्या का 4.09 प्रतिशत हैं । ‘सुकड़ी नदी’ इसके दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र से होकर गुजरती हैं । यह क्षेत्र परिवहन परिवहन की दृष्टि से रेल व सड़क मार्ग सुविधा से संपन्न है ।

‘सुमेरपुर पंचायत समिति’ पाली पंचायत समिति के दक्षिण में तथा बाली के पश्चिम में स्थित हैं । यहां ‘मीठड़ी नदी’ प्रवाहित होती हैं । यहां सुमेरपुर नगरपालिका सहित 14 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) बड़ली (2) धणा (3) अनोपपुरा (4) दौलपुरा (5) कोसेलाव (6) बिरामी (7) ढोला (8) पावा (9) बाबागांव (10) लापोद (11) बिठुड़ा पीरान् (12) पिचावा (13) बड़गांवड़ा (14) बलवाना । जो राजस्थान के कुल सीरवी का 3.21 प्रतिशत हैं । यह छात्र सड़क व रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है । रेल मार्ग दक्षिण में कुछ किलोमीटर तक ही सीमित है ।

 ‘पंचायत समिति बाली’ रानी पंचायत समिति के दक्षिण में स्थित है । यह पाली जिले का दक्षिणतम छोर हैं । इसकी पूर्वी व दक्षिण पूर्वी सीमा उदयपुर से लगती है । यह अरावली की पश्चिम तलहटी में स्थित हैं, जो पाली जिले का सबसे बड़ा उपखंड है । प्राचीन काल में यह सामन्तवादी व्यवस्था से अछूता रहा है तथा इस पर जोधपुर महाराजा का सीधा नियंत्रण था । भौतिक दृष्टि से प्राय: समतल उपजाऊ भू-भाग है। बाली कस्बे के बीचो-बीच छोटी सी पहाड़ी है, जिस पर ऐतिहासिक किला है जो यहां के निवासियों को विरासत में मिला है । अधिकतर सीरवी कृषि कार्य करते हैं । धार्मिक आयोजन के रूप में भादवी बीज महोत्सव व माघ बीज महोत्सव मनाये जाते हैं । भादवी बीज को श्री आई माताजी की वरघोड़े के रूप में शोभायात्रा निकाली जाती है । माघ सुदी बीज को ‘बाली से बिलाड़ा पैदल यात्रा’ का आयोजन किया जाता है । यह क्षेत्र ग्यारहवें ‘उपराष्ट्रपति’ श्री भैरोंसिंहजी शेखावत का दो बार विधानसभा क्षेत्र रहा है । बाली नगर पालिका सहित यहां के 23 गांवों में सीरवी निवास करते हैं (1) बाली (नगर पालिका) (2) श्रीसेला (3) कोटबलियान (4) चामुण्डरीन मेड़तीयान (5) दांतीवाड़ा (6) माताजीवाड़ा (7) धणी (8) गुड़ालास (9) फतापूरा (10) मिरगेशवर (11) केरापुरा (12) रमणिया (13) बमणिया (14) भीटवाड़ा (15) पांचलवाड़ा (16) मोकमपुरा (17) धाणदा (18) सादलवा (19) सेसली (20) पुनाड़िया (21) पातावा (22) खिमेल (23) सेवाड़ी । जो राजस्थान के सीरवी जनसंख्या का 4.93 प्रतिशत है । यह रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा है । राज्य राजमार्ग संख्या – 16 इस क्षेत्र से होकर गुजरता है‌ ।

‘देसुरी पंचायत समिति’ बाली के पूर्व में स्थित है । इसकी पूर्वी सीमा राजसमंद जिले से लगती हैं । श्री आई माताजी के दो धाम नारलाई व डायलाना इसी क्षेत्र में स्थित है । यह कृषि की दृष्टि से सामान्य संपन्न है । यहां 24 गांवों में सीरवी रहते है (1) ढालोप (2) नाडोल (3) लापी (4) बड़ोद (5) देसूरी (6) विरमपुरा माताजी (7) कोटड़ी (8) छोड़ा (9) विरमपुरा खोरीपान (माताजी ढाणी) (10) उन्दरथल (11) सांसरी (12) वारा सोलंकियान (13) नारलाई (14) सरथूर (15) दादाई (16) डायलाना कलां (17) डायलाना खुर्द (18) गिराली (19) पदमपुरा (20) विरमपुरा रेबारिया (21) गुड़ा अखेराज (22) नवागुड़ा (23) गुड़ा पृथ्वीराज (24) वाड़का । जो राजस्थान सीरवी जनसंख्या का 6.52 प्रतिशत हैं । क्षेत्र में रेल मार्ग का अभाव है । यह क्षेत्र सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है ।

‘रानी पंचायत समिति’ बाली के उत्तर में स्थित है । यह क्षेत्र कृषि की दृष्टि से सामान्य संपन्न है । इस क्षेत्र के 55 गांवों में श्री निवास करते है (1) घेनड़ी (2) माण्डल (3) खूनी का गुड़ा (4) नवा गुड़ा (5) सिवास (6) देवली पाबूजी (7) सांवलता (8) बिजोवा (9) बूसी (10) चांचोड़ी (11) राबड़ीया (12) सालरिया (13) भगवानपुरा (14) आकड़ावास (15) गुड़ा महाराम (16) ढारिया (17) बोलाकुड़ा (18) नाढाणा जोधान (19) नीपल (20) खटुकड़ा (21) इटन्तरा चारणान् (22) किशनपुरा (23) इटन्तरा मेड़तिया (24) इन्दरवाड़ा (25) खारड़ा (26) सेढरिया (27) गुड़ा भीमसिंह (28) सांगवा (29) दूदवड़ (30) कल्याणपुरा (31) खोड़ (32) जगली (33) प्रतापगढ़ (34) रूंगड़ी (35) सेपटावा (36) डुठारिया (37) भादरलाऊ (38) ऐलानी (39) टोकरला (40) कीरवा (41) वणदार (42) गुड़ा रूपसिंह (43) गुड़ा केशरसिंह (44) जीवन्दकलां (45) केरली (46) जीवन्द खुर्द (47) रामाजी का गुड़ा (48) पीलोवनी (49) भरी (50) रायपुरिया (51) गुड़ा तेजसिंह (52) गजनीपुरा (53) खिवाड़ा (54) गुड़ा ठाकुरजी । जो राजस्थान के सीरवी जनसंख्या का 12.31 प्रतिशत हैं । क्षेत्र सड़क तथा रेल सेवा से जुड़ा हुआ है । रेल मार्ग लगभग मध्य से होकर गुजरता है ।

भीलवाड़ा जिले की ‘सहाड़ा पंचायत समिति’ मैं सीरवी निवास करते हैं । इसके आठ गांवों में सीरवी बसे हुए है (1) भुजास (2) कोशीथल (3) ठोसर (4) लाखोला (5) साखारिया (6) बागफरा (7) बकाण (8) भीलवाड़ा शहर । जो कुल सीरवियों का 0.16 प्रतिशत है । यहां सर्वाधिक भुजास गांव में निवास करते हैं । क्षेत्र में इनका मुख्य व्यवसाय कृषि ही है । राज्य राजमार्ग संख्या – 43 इस क्षेत्र से गुजरता है । बनास की सहायक नदी चंद्रभागा इस क्षेत्र से होकर बहती है ।

 राजसमंद जिले के ‘खमनोर’ में दो, (1) कोठारिया (2) खिमाखेड़ा ‘राजसमन्द’ में (1) कांकरोली पं,स, व ‘रेलमगरा’ में (1) पीपली अहीरान पं,स,गांव में सीरवी आबाद है । इस जिले का सर्वाधिक सीरवी जाति से आबाद गांव पीपली-अहिरान है, जहां श्री आई माता जी का भव्य मंदिर बना हुआ है । राजस्थान में सबसे कम सीरवी राजसमंद पंचायत समिति में 0.01 प्रतिशत निवास करते हैं । यह क्षेत्र रेल व सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है‌ । क्षेत्र में बनास नदी बहती है ।

नोट:- सभी सीरवी समाज बंधुओं से निवेदन है कि अगर यहाँ पर दिये गये जिला,तहसील, गाँव की सूची में कोई नाम नहीं हो तो हमे उचित माध्‍यम से सूचित करे । ताकि इसे पूर्ण किया जा सके ।

 

 

सीरवी समाज मध्यप्रदेश का निवास

मध्यप्रदेश में सीरवी जाति के लोग जिला धार, बड़वानी, खरगोन, झाबुआ, देवास, उज्जैन, रतलाम (मालवा) में मूल निवासी के रूप निवास करते हैं । ये मूलत: मध्य प्रदेश की 15 तहसीलों में आबाद है । ये तहसीलें मनावर, कुक्षी, बदनावर, गंधवानी, सरदारपुर, बड़वानी, डीकरी, राजपुर, महेश्वर बड़वाह, खरगोन, बागली, पेटलावद, बड़नगर व रतलाम है, जो मालवा के अन्तर्गत आती है। ये इन तहसीलों के 217 गांवों में रहते हैं। यह क्षेत्र रेल व सड़क से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग भी इस क्षेत्र से गुजरता है। क्षेत्र कृषि की दृष्टि से सम्पन्न है। यहाँ चम्बल तथा इसकी सहायक नदियाँ व माही नदी प्रवाहित होती है।

जिला – रतलाम तहसील – रतलाम (1) रतागढ़ खेड़ा (2) बिरिया खेड़ी (3) बिरमावल (4) धराड़ (5) रतलाम शहर

जिला – उज्जैन तहसील – बड़नगर (1) बालोदा (2) पिटलावदियों (3) बगरेड़ (4) अरण्डीयां (5) जसाखेड़ी (6) बड़नगर (7) उटवास (8) उज्जैन नगर (9) बिरियाखेड़ी (10) टोकरा (11) जाफला

जिला – खरगौन तहसील – महेश्वर (1) पाडल्याॅ (2) धरगांव (3) पिपलियां खुर्द (4) पालदा (5) छोटी खरगौन (6) पिपलियां बुजुर्ग (7) हरसगांव (8) कोदल्यां खेड़ी (9) बडेरा (10) महेश्वर

जिला – देवास तहसील – बागली (1) नीमनपुर (2) उदयनगर (3) पुंजापुरा (4) आनन्द नगर (5) रतनपुर (6) किशनगढ़ (7) सोबलियापुरा (8) पोटला (9) भीकुपुरा (10) पांजरिया

जिला – बड़वानी तहसील – बड़वानी (1) करी (2) बड़वानी (3) लोनसरा खुर्द (4) बालकुंआ (5) तलून (6) कल्याणपुरा (7) बोरलाय (8) तलवाड़ा बुजुर्ग (9) सेगांव (10) सजवानी (11) रेहगुन

जिला – झाबुआ तहसील – पेटलावद (1) रूपगढ़ (2) बिजोरी (3) पेटलावद (4) पालेड़ी (5) सेमलिया (6) झकनावद (7) रायपुरिया (8) अमरकोट (9) जुनापानी

जिला – धार तहसील – मनावर (1) गांगली (2) अजंदा (3) बड़दा (4) बोरुद (5) मेहता खेड़ी (6) टोंकी (7) बामनपुरी (8) एक्कलवारा (9) मनावर (10) बालीपुर (11) कुराडाखाल (12) लूणेरा (13) बनेडिया (14) कुवाड (15) सिंघाना (16) कोसवाड़ा (17) पीपलाज (18) कलवानी (19) गुलाटी (20) बोरली (21) झापड़ी (22) दसवी (23) निगरनी (24) बुदिया खेड़ी (25) सेमल्दा (26) साला (27) जाजम खेड़ी (28) सेमला (29) सातललाई

तहसील – बड़बाह (1) किठुद (2) नवलपुरा (3) सिरलाय (4) नादिया (5) उमरिया (6) रमठान (7) बरजर (8) कोदबार खुर्द (9) रावत पलासिया (10) अमलाथा (11) हमीरपुरा (12) बागफल (13) नाया (14) सुरपाला (15) बरखेड़ा (16) सोरठी बारूल (17) सोली खेड़ा (18) काटकुट (19) बेलम बुजुर्ग (20) रतनपुर (21) खोड़ी (22) नरसिंहपुरा (23) बागोद (24) बड़वाह (25) खमकी बारुल (26) घांघला (27) बड़ेल (28) गंगवाड़ा

तहसील – खरगौन (1) गोपालपुरा (2) मोहम्मदपुरा (3) मेहरजा (4) जेतापुर (5) घुंघरिया खेड़ी (6) पीपरी (7) जामली (8) गंगवाड़ा (9) शिवनगर (10) सुरपाला (11) पीपरखेड़ा (12) खरगौन

तहसील – ठीकरी (1) हतोला (2) सुराणा (3) चिबानी (4) हरीबड़ (5) पाडला (6) फत्यापुर (7) तलवाड़ा देब (8) अंजड़ (9) सजवाय (10) मण्डवाड़ा

तहसील – राजपुर (1) बुदरा (2) बिलवानी (3) चितावल (4) ओझर (5) कुसमरी (6) बकवाड़ी (7) कांसेल (8) सालखेड़ा (9) छोटी खरगौन (10) राजपुर (11) मण्डला (12) भागसुर (13) रेलवा बुजुर्ग (14) बड़गांव (15) पीपरी बुजुर्ग (16) नरावला (17) खजुरी (18) बिलवा डेम (19) सिवई (20) नांगलवाड़ी (21) साली (22) मोयदा (23) नंदगांव‌

तहसील – गंधवानी (1) पीपली (2) जाहेड़ी (3) गंधवानी

तहसील – कुक्षी (1) टाण्डा (2) बड़ग्यार (3) बाग (4) डेहरी (5) खण्डवा (6) लोहारी (7) नवाजपुरा (8) सुसारी (9) अमलाल (10) बांकी (11) चीखल्दा (12) देशवाल्या (13) कोणदा (14) नर्मदा नगर (15) तलवाड़ा (16) आली (17) लोणी/खराजना (18) बड़दा (19) दोगांव (20) कापसी (21) लोहारा (22) ननोदा (23) सीलकुआं (24) कुक्षी (25) खराजुना

तहसील – बदनावर (1) भैसोला (2) खजूरिया (3) सेमलिया (4) बिडवाल (5) मुंगेला (6) बामन्दा (7) बालोदा (8) पाना (9) भुवानी खेड़ा (10) बौराली (11) कंकराज (12) बदनावर (13) रुणी (14) मुलथान (15) सनोली (16) दानखेड़ी (17) पंचकवासा (18) चांमुडाखेड़ी (19) जवास्या

तहसील – सरदारपुरा (1) दंतोली (2) दतिगांव (3) रतनपुरा (4) कंजरोटा (5) सोनगढ़ (6) अमोदिया (7) दसई (8) करनावद (9) मोलाना (10) धुलेट (11) दलपुरा (12) गुमानपुरा (13) पिपरई (14) छड़ावद (15) रिंगनोद (16) टिमायची (17) राजगढ़ (18) राजपुरा (19) चालनी (20) उमरकोट (21) अमझेरा (22) राजोद (23) सरदारपुर (24) बिजौरी (25) सेमलिया

तहसील – कसरावद (1) पानवा (2) फुलगांव (3) बोरगांव (4) कसरावद

जिला – भोपाल (1) भोपाल शहर

जिला – इन्दौर (1) इन्दौर शहर (2) सुदामा नगर (3) द्वारकापुरी (4) प्रजापति नगर (5) फुटी कोठी (6) भवरकुआं (7) विष्णुपुरी (8) सचिदानंद नगर (9) गुमाश्ता नगर

तहसील – अंजड़ (1) हथोला (2) सुराणा (3) चिबानी (4) हरीबड़ (5) पाडला (6) फत्यापुर (7) तलवाड़ा डेब (8) अंजड़ (9) सजवाय (10) मण्डवाड़ा (11) उचावद (12) बड़गाँव (13) भमोरी (14) नवलपुरा (15) बिलवा खेडी (16) आंवली

(३) गणमान्य प्रवासी सीरवी :-

भारत के विभिन्न राज्यों में तथा विदेश में कई उद्यमी एवं रोजगार की उपलब्धता के अनुसार सीरवी जाति के लोग, राजस्थान व मध्य प्रदेश के अतिरिक्त सेवारत एवं स्थायी रूप से आवासित है, जिनके संदर्भ में सूचनाएं एकत्र की जा रही है। यथा संभव अग्रिम प्रयास द्वारा उनके विविध आंकड़ों का संकलन शीघ्र आलेखित कर ससम्मान प्रकाशित किया जायेगा ।

नोट:- सभी सीरवी समाज बंधुओं से निवेदन है कि अगर यहाँ पर दिये गये जिला,तहसील, गाँव की सूची में कोई नाम नहीं हो तो हमे उचित माध्‍यम से सूचित करे । ताकि इसे पूर्ण किया जा सके।

 

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