ज़रा सुन लो करुण पुकार को, ना खिलाओ मुझे प्लास्टिक की रोटी।
March 24, 2020
हे मेरे लाल, मैं हूँ नहीं गिर गोवन्त्री! मैं हूँ गौरव गरिमा का राजतिलक तुम्हारा।। हे मेरे लाल, ज़रा समझों आँखों के मनभावो को, ना बाँधो धर्म की डोरी से। मैं माता हूँ तुम सब की ही, ना देखूँ तुम्हें किसी धर्म की टोपी से।। हे मेरे लाल, ज़रा सुन लो करुण पुकार को, ना…