निंदा तू न गई मेरे मन से !!

March 1, 2020
निंदा तू न गई मेरे मन से  सहारे के बिना जबसे खड़े होने लगे हो तुम तभी से दॄष्टि में कुछ की, कड़े होने लगे हो तुम अगर आलोचना बढ़कर बड़े करने लगे जब भी समझ लेना कि अब कद में बड़े होने लगे हो तुम।  बंधुओं उपरोक्त मुक्तक से इस आलेख की शुरुआत करता हूँ। …

एक प्रेरणाप्रद कहानी तलाश खुशी की

एक बार एक हष्ट-पुष्ट  किन्तु निराशा के घोर अंधकार में डूबा हुआ व्यक्ति एक पेड़ के नीचे बैठा था।उसी पेड़ की डाल पर आकर एक बुलबुल बैठ गई।उसने देखा कि नीचे एक व्यक्ति  बैठा है।बुलबुल ने उस निराश व्यक्ति से पूछा कि,"तुम दुःखी क्यो हो?" व्यक्ति ने जवाब दिया कि ,"मैं अपनी जिंदगी की राह…

सीरवी समाज को Pre-wedding photoshoot की घातक बीमारी लगी तो पिछले एक-दो सालों से ही हैं लेकिन ये समाज में बहुत तेजी से spread हो रही

February 28, 2020
आजकल सीरवी समाज को Pre-wedding photoshoot की घातक बीमारी लगी तो पिछले एक-दो सालों से ही हैं लेकिन ये समाज में बहुत तेजी से spread हो रही हैं। Pre-wedding photoshoot की शुरुआत होने का कारण बड़ा ही interesting हैं। जैसे interior design वाले अपना importance साबित करने के लिए, कुछ नई design बताने के लिए…

उड़ते पल-बदलता समाज

आकाश में उड़ते रुई के बादल की तरह बड़ी तेजी से समय भाग रहा है। ना हम बादलों को पकड़ पाते हैं, और ना ही समय को। समय के साथ प्रकृति में बदलाव आता गया है। प्रकृति के बदलाव के साथ मानव भी बदलता गया है। मानव के बदलाव के साथ चीजें बदली। प्राकृतिक जल,…

हम और समाज !

February 24, 2020
हर रोज हमारा समाज नवीन विकृतियों से झूझ रहा है, इसका सीधा सम्बंध हमारे मार्गदर्शन और संस्कार पर प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा कर रहा है, आधुनिक युग की प्रणाली का परिणाम प्रत्येक व्यक्ति की मनीषा से प्रदर्शित हो जाता है, वर्तमान समाज का व्यक्ति अपने मूलभूत मौलिक कर्त्तव्यों को भूल कर पाश्चयात सँस्कृति के पथ पर…

समाज मे नए Revolutions की नींव बन सकता है intercaste marriage:—–

February 19, 2020
मैं अपने अनुभवों और अपने कुछ frndz के साथ हुई चर्चा के आधार पर लिख रहा हूं। मेरे लिए यह परेशान करने वाली बात है कि आज के युग में जहां आधुनिकता life के हर पहलू पर असर डाल चुकी है, वहीं marriage में धर्म और जाति का बंधन अभी भी कट्टरता के साथ बरकरार…

नैतिक पतन की राह पर युवा पीढ़ी.

एक शिक्षक और एक अभिभावक के रूप मे मेरे मन में आज के हालात को देखकर मन-मस्तिष्क में अनगिनत प्रश्न उठते है कि आज की युवा पीढ़ी को क्या हो गया है?वह किस राह पर जा रही है?वह अपने सांस्कृतिक आदर्श मूल्यों से परे क्यों जा रही है?पाश्चात्य मूल्यों की ओर इतना लगाव क्यो है?वासना…

समाज एक पढ़ा लिखा अनपढ़ तबका खुद के तानाशाही विचारो को समाज पर जबरदस्ती थोपना

समाज की कुछ छोटी सी मानसिकता जो अक्सर परेशान करती है। यह कहना भी पूर्णतः गलत होंगे कि समाज इन सब से उबरने के लिए कुछ नही कर रहा क्यो कि समाज का एक पढ़ा लिखा तबका समाज को नई दिशा प्रदान करने की कोशिशों में लगा हुआ है और वो निरंतर सफलताओ की अग्रसर…

आखिर नारी क्यों है असुरक्षित???

February 18, 2020
अपना भारत जहाँ नारियों को देवी का दर्जा दिया जाता था औऱ आज भी इस राष्ट्र में नवरात्रि के पर्व नारी शक्ति को समर्पित कर मनाया जाता है औऱ हर शुभ मांगलिक कार्य पर बालिकाओ को खाना खिलाकर शुभारंभ माना जाता है।उसी राष्ट्र में वे आज असुरक्षित महसूस करती है। कलयुग की काली छाया दिनों-दिन…

उज्ज्वल चरित्र मानव जीवन की सर्वश्रेष्ठ सम्पदा है।

February 16, 2020
भारत के महान विचारक और युगप्रवर्तक स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि,"न तो धन का मूल्य है,न ही नाम और यश का।अगर कोई दृढ़ चरित्र है तो उसे कोई अमर होने से नहीं रोक सकता।" इस वाक्यांश से चरित्र की महत्ता को जाना जा सकता है।चरित्र मनुज का सबसे सबल पक्ष होता है।चरित्र में…

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