आदर्श प्रतिमानों को खोता सीरवी सामाज
February 2, 2020
सीरवी समाज जिसके मूल में "सीर" की भावना है।सीर का अर्थ सहभागिता,सहकारिता औऱ सहयोग की भावना। हमारे पुरखे कहते थे कि "हम तो हीरवी है,सबो रो हीर है।" वे लोग इस भावना से कार्य करते थे,समाज मे भले ही शिक्षा का स्तर न्यून था लेकिन उनकी समझ बहुत बड़ी थी।उन लोगो की इस विराट सोच,विशाल…