समाज के राजनीतिज्ञ

जब से मानव की उत्पत्ति हुई है तब से लेकर अब तक हर क्षेत्र में कुछ लोगों ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है। चाहे वह विज्ञान हो, संगीत हो, मनोरंजन हो, अर्थव्यवस्था हो या राजनीति, कुछ मनुष्यों ने इन सभी क्षेत्रों में अपने नेतृत्व से अमिट चाप छोड़ा है| भारतीय राजनीति में भी स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर अब तक ऐसे तमाम नेता हुए हैं जो लोगों के बीच बहुत प्रसिद्द हुए।

हमारे देश ने सैकड़ों वर्षों पश्चात् सन् 1947 में अंग्रेजी दासत्व से आजादी पाई थी । आजादी के समय देश के समस्त नेताओं ने गाँधी जी के ‘रामराज्य’ के स्वप्न को साकार करने का संकल्प किया था। किसी भी समाज में सफल लोकतंत्र के लिए राजनीतिक में होना आवश्यक है।राजनैतिक क्षेत्र में सीरवी जाति ने प्रारम्भ में तेज तथा बाद में मंद प्रगति की है। राजस्थान राज्य विधानसभा के दूसरे सत्र (1957) में तीन विधायक चुने गये। अब तक सीरवी जाति के 9 व्यक्ति विधायक रह चुके है। लेकिन 12 वीं विधानसभा में इनके अभाव है। नगरपालिका चेयरमैन के रूप में वर्तमान में श्री मिश्रीलाल जी राठौड (बिलाडा), व जगारामजी गहलोत (बाली) चुने गए हैं। इनके पूर्व श्री तुलछाराम राठौड (बिलाडा) श्री नारायण बाबा (बिलाडा) श्री मोतीसिंह परिहार (बिलाडा ) श्री मदन सिंह जी राठौड़ (बिलाडा) श्री चुन्नीलाल (बाली) आदि नगरपालिका के चेयरमैन रह चुके हैं। पंचायत राज में सीरवी सक्रिय है परंतु आशानुरूप प्रगति नहीं हुई है। वर्तमान में श्री गुणाराम सोलंकी पाली जिला परिषद के ‘उप प्रमुख’ है। इनके पूर्व श्री चतराम जी सीरवी पाली के जिला प्रमुख पद पर रह चुके हैं। इस भाग में हम उन सभी प्रसिद्ध हमारे समाज के राजनेताओं के जीवन और कार्यों के बारे में जानेंगे|

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