केंद्रिय मंत्री

किसी विद्वान ने कहा हे:- भाई ग्राम के यशस्वी सपूत तुम, सीरवी समाज के चमकते सितारे हो। पिता श्री प्रभु जी की आंखों के तारे तुम, मां दाखू बाई के लाडले-दुलारे हो। आगलेचा कुल के कुल दीपक तुमने,‌ भारत वर्ष में नाम कमाया है। बने अध्यक्ष अखिल भारतीय महासभा के, सीरवी समाज का गौरव बढ़ाया है । बनकर प्रथम सांसद सीरवी समाज में, एक नया इतिहास बनाया है, केंद्र सरकार में कानून मंत्री बनकर, एक स्वर्णिम इतिहास बनाया है । सीरवी समाज के गौरव एवं समाज रत्न,भावी की पावन मिट्टी के सपूत, आगलेचा गौत्र के कुल दीपक अपने पिता श्री प्रभुरामजी आगलेचा की आंखों के तारे एवं माता श्रीमती दाखू बाई के लाडले दुलारे श्री प्रेम प्रकाश चौधरी का जन्म 12 जुलाई 1953 को ग्राम भावी में एक साधारण किसान परिवार में हुआ । कहावत है :- होनहार वीरवान के होत चिकने पात । परिश्रमी, सरल सौम्य स्वभाव, सेवाभावी श्री प्रभुराम जी आगलेचा एवं वात्सल्य एवं प्यार ममतामयी, धार्मिक विचारों से ओतप्रोत, दयालु माता श्रीमती दाखूू बाई के चार सुपुत्र स्व. श्री जीयारामजी,‌ स्व. श्री जोगारामजी, श्री अन्नारामजी एवं सुपुत्रियों स्व. श्रीमती गंगादेवी, श्रीमती चुन्नीदेवी, स्व. श्रीमती सुखीदेवी में सबसे अनुज पुत्र श्री प्रेमप्रकाश चौधरी हैं । शिक्षा:- श्री चौधरी बाल्यकाल से मेधावी, परिश्रमी एवं जिज्ञासु,लगनशील विद्यार्थी रहे हैं,। आपकी प्रारंभिक शिक्षा 8वीं तक आपने ग्राम भावी की राजकीय विद्यालय में प्राप्त की । आपने 8 वीं कक्षा 1969 में अच्छे अंको से उत्तीर्ण की । आपने 9वीं व 10वीं कक्षा राजकीय विद्यालय सोजत सिटी से सन् 1970-71में प्राप्त की। उच्च शिक्षा:- आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु जोधपुर शहर में आ गए एवं 11 वीं कक्षा आपने सन् 1972 में न्यू गवर्नमेंट विद्यालय से उच्च प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की। इसके पश्चात अपने डिग्री प्राप्त करने हेतु जोधपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया तथा सन 1975 में B.Sc. की डिग्री प्राप्त की । आप विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं और संघ‌ की विचारधारा से काफी प्रभावित हैं । विज्ञान के विद्यार्थी होने के बावजूद आपकी रुचि कानून के प्रति थी और एक अच्छे वकील बनने का सपना था । इसी को अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर एल.एल.बी में प्रवेश लिया तथा सन् 1978 मैं कानून की डिग्री प्राप्त की । जैसा कि हर मेधावी विद्यार्थी की जिज्ञासा होती है कि अपने जीवन में उच्च प्रतियोगी परीक्षा में अपना भाग्य आजमाएं । आपने भी कानून की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात आपकी ईच्छा I.A.S. एव I.P.S. में भाग्य आजमाने हेतु आप भारत की राजधानी दिल्ली में आ गये और कोचिंग क्लासों में प्रवेश लेकर तैयारी में जुट गये । दिल्ली में आप सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से प्रभावित होकर आपकी भी हार्दिक ईच्छा कानून का गहनत्म अध्ययन करके एक सफल वकील बनने की थी । इसीलिए दिसंबर, 1978 में आप बार कौसिंल, जोधपुर में एनरोलमेंट कराया ।

सफल वकील एवं सीनियर एडवोकेट:-
किसी विद्धान ने कहा है-:

कर्म के रही कर्म किये जा, राह के शोले भस्म किये जा।
अरे होगा वही जो तू चाहेगा, हौसले अपने बुलंद किये जा।

आपने सन 1982 में राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में वकालात शुरू की। अपनी कड़ी मेहनत, प्रतिभा, वाकचातुर्य, कानून का गहनतम अध्ययन एवं अपने व्यवसाय के प्रति लगन एवं ईमानदारी, कर्तव्य परायणता एवं व्यवहार कुशलता के कारण शीघ्र ही आपने वकालत के क्षेत्र में अच्छा नाम कमाया तथा आपकी गिनती जोधपुर हाईकोर्ट के अच्छे वकीलों में होने लगी। आपने सरकारी कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं किसानों के हितो में निर्भीक एवं निडर होकर पैरवी करते रहे। किसानों एवं जनहित के मामले में आपने कई बार निःशुल्क पैरवी की तथा विद्यार्थियों के मामले में रियायती दर से एवं कभी-कभी तो बिना फ़ीस से पैरवी करके उनको प्राथमिकता से न्याय दिलाया। आप देर रात तक अपने क्लाईन्ट के मुकदमों की पूर्ण तैयारी हेतु कानून की पुस्तकों का अध्ययन करते एवं पूर्ण तैयारी के साथ कोर्ट में जाते थे एवं कई बार तो पूर्ण ढृढ़ता एवं मजबूती के साथ कानून पर अच्छी पकड़ होने के कारण न्याय के लिए क़ानूनी बिन्दुओं की व्याख्या करके न्याय प्राप्ति हेतु अड़ जाते थे और अपने क्लाईन्ट के हिट में ऑर्डर पास कराकर ही दम लेते थे।

आप सन 1990 से 2000 तक राजस्थान हाईकोर्ट में भारत सरकार के स्थायी अधिवक्ता रहे और आपने भारत सरकार के हित में प्रभावी ढ़ग से पैरवी करके सरकार के हितों की रक्षा करके न्याय दिलाते रहे। आप सन 1990 से सुप्रीम कोर्ट में भी वकालात कर रहे है। जब अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल में किसानों के हित में नदियों को आपस में जोड़ने की योजना बना रहे थे, तब श्रीमान पी पी चौधरी ने नदियों, तालाबों एबं बांधो से संरक्षण के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में क़ानूनी बिन्दुओं पर किसानों के हित में निःशुल्क पैरवी करते रहे है। जसवन्त सागर बांध, रायपुर बांध एवं जवाई बाँध इसके ज्वंलत एवं उत्कृष्ट उदाहरण है। जिसमे आपने निःशुल्क पैरवी करके हजारों किसानो के हितों की रक्षा करते हुए न्याय दिलाया। वर्तमान में आप जनवरी, 2011 में राजस्थान हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट है। पारिवारिक पृष्ठभूमि:- जब आप दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान आप हरियाणा के जिला रोहतक निवासी सूबेदार श्री गणपतसिंह के परिवार के सम्पर्क में आये तथा उनकी सुपुत्री वीणा पाणी गहलोत के संग 15 मई, 1983 को शुभ विवाह हुआ। आपके सफल दाम्पत्य जीवन से 2 पुत्र रत्न सर्वश्री भीष्म चौधरी जन्म 1984 एवं श्री अनिरुद्ध चौधरी जन्म 1985 हैं।

श्री भीष्म चौधरी:- बड़े सुपुत्र भीष्म चौधरी ने 10वीं कक्षा जोधपुर से एवं 11वीं 12वीं कक्षा ऋषि वेली मदनपल्ली जिला चितूर आंधप्रदेश से अच्छे प्रतिशत अंको से उतीर्ण की। इसके पश्चात उच्च शिक्षा हेतु अमेरिका चले गये। वहाँ पर भीष्म चौधरी ने तीन डिग्रियां एक साथ “बेचलर आफ मैनेजनेंट इन फॉर फाइनेंस, जिसका कोर्स 4 वर्ष का है, जिसे भीष्म चौधरी ने 3 वर्ष में 95 प्रतिशत अंको से उतीर्ण किया और इसके पश्चात जर्मन बैंक Doys bank न्यूयार्क में नौकरी की। इसके पश्चात भीष्म चौधरी ने सेन फ्रांसिस्को में Doys bank में ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर एनालिसिस पद पर रहे। वर्तमान में भीष्म चौधरी वर्ल्ड बैंक में इंटरनेशल फाइनेन्स कापरीशन में consultant पद पर कार्यरत है। श्री अनिरुद्ध चौधरी:- अनुज पुत्र श्री अनिरुद्ध चौधरी ने भी 10वीं कक्षा जोधपुर से एवं 11वीं, 12वीं कक्षा ऋषि वेली मदनपल्ली जिला चितूर आंध्रप्रदेश से उतीर्ण की। इसके पश्चात् श्री अनिरुद्ध चौधरी उच्च शिक्षा हेतु अमेरिका चले गये। अमेरिका में श्री अनिरुद्ध ने 4 वर्ष में 2 डिग्री कोर्स मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम एवं मैनेजमेंट ऑपरेशन की डिग्री 85 प्रतिशत अंको से उतीर्ण की। इसके पश्चात श्री अनिरुद्ध जर्मन बैंक Doys bank में Assistant Vice President पद पर रहे। वर्तमान में श्री अनिरुद्ध चौधरी BNP Paribas Bank फ्रेंच बैंक जो एक Investment Bank है, जिसमे एसोसिएट वॉयस प्रेसिडेंट पद पर है तथा स्वयं की फर्म LAMA (Health Managment For Investment) है।

श्रीमान पी पी चौधरी की धर्मपत्नी श्रीमती वीणा पाणी स्वयं अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. तथा Tax Magazine (Sencns Publlcation) में 2 वर्ष तक Joint Editor पद पर रही। इस प्रकार प्रकार श्री पी पी चौधरी का पूरा परिवार उच्च शिक्षित हैं। सीरवी समाज के इतिहास में 5 जुलाई 2016 का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा । देश आजाद होने के पश्चात प्रत्येक समाजवादी का एक सपना था, एक जिज्ञासा थी, एक अभिलाषा थी कि सीरवी जाति बहुल्य पाली संसदीय क्षेत्र से समाज को लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का सुनहरा अवसर मिले । 68 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद 5 जुलाई 2016 को एक ऐतिहासिक दिवस भी आया “जब माननीय पी.पी. चौधरी को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति महामहिम श्री प्रणव मुखर्जी ने राज्यमंत्री (कानून एवं न्याय, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी) भारत सरकार की शपथ दिलाई । प्रत्येक समाज वासी के चेहरे पर मुस्कान एवं दिलों में हर्ष एवं समाज का सपना साकार हुआ। जब श्रीमान पी.पी. चौधरी राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत कर रहे थे, आपके वकालत काल का शानदार दौर एवं सीनियर एडवोकेट के रूप में स्वर्णिम कॉल एवं अखिल भारतीय सीरवी महासभा के अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुना जाना एवं पाली संसदीय क्षेत्र से भारी मतों से विजयश्री प्राप्त कर सीरवी समाज के इतिहास में प्रथम बार सांसद बनकर लोकसभा में पहुंचना एवं अपनी विदता ताकि छाप छोड़ना, संसद में सक्रिय भूमिका निभाने की कारण संयुक्त संसदीय समिति (लोकसभा एवं राज्यसभा) का सभापति बनना तथा 15 जुलाई 2015 में सांसद रत्न एवं निवेदित सांसद रत्न अवार्ड से सम्मानित करना एवं दूसरी बार फिर लगातार सांसद रत्न अवार्ड से सम्मानित करना। तथा अंतर्राष्ट्रीय कामनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के लंदन में आयोजित कॉन्फ्रेंस मैं भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करना । संपूर्ण सीरवी समाज एवं किसान वर्ग के लिए गौरव की बात है ।

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