सरपंच

पूर्व सरपंच श्री शोभारामजी पंवार, आगेवा

गले लगा के दिन दुखी को, गरीबों का उत्थान करें। अपना-पराया समझे न किसी को, विधवा,अबलाओं का उद्धार करें। उक्त पंक्तियों को सार्थक करने वाले सरल स्वभाव, परिश्रमी एवं सेवाभावी जन नेता श्री शोभारामजी पंवार का जन्म सन् 1953 में ग्राम आगेवा के साधारण किसान श्री लुम्बारामजी पंवार के घर हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती चुन्नीबाई हैं। आपने 1967 में 6वीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह श्रीमती केलिदेवी के संग हुआ। शुरू से ही खेती बाड़ी में मेहनती एवं परिश्रमी श्री पंवार के परिवार में 2 पुत्र श्री गोपाराम जिनका विवाह श्रीमती संतोष के संग तथा दूसरे पुत्र स्व. तेजाराम जिनका विवाह श्रीमती विमला संग हुआ। श्री पंवार का भरा पूरा परिवार जिसमे 4 पोत्र कमलेश, नेमीचन्द, विनोद, निर्मल तथा 2 पुत्रियाँ राधिका व गुड्डी है। आपके एक पुत्री सीता है जिसका विवाह श्री सुरेश सैणचा के संग हुआ है। आपने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत सन् 2000 में वार्ड पंच का चुनाव जीतकर की। सन् 2005 में आपने ग्राम पंचायत आगेवा से सरपंच का चुनाव लड़ा, मगर सफलता नहीं मिली। अगली बार हुए पंचायत चुनाव 2010 में सरपंच का चुनाव 146 मतों से जीता । चुनाव जीतने ही आपने जनासनी, आगेवा में G.L.R. से पेयजल समस्या का निवारण करवाकर शुभ शुरुआत की। आप अपने पंचातय क्षेत्र में सड़क निर्माण, सफाई, रोशनी, पेयजल इत्यादि की सुन्दर व्यवस्था करना चाहते हैं। अकाल राहत में चारा डिपो, सम्पर्क सड़क निर्माण भी आपकी प्राथमिकता में है। आपका आगेवा में श्री आईजी कंट्रक्शन एवं सप्लायार्स नामक फर्म तथा दक्षिण भारत में कपड़े एवं गिरवी ज्वैलरी का व्यवसाय है।

पूर्व सरपंच श्रीमती लाली बाई भायल

सरपंच,ग्राम-पंचायत गुड़ा-शुरूसिंह पहना है जन सेवक का ताज,काम विकास के करवायेंगे। बनेंगे जन जन की आवाज, एक इतिहास नया बनायेंगे । अपनी उम्र के 65 बसन्त देख चुकी श्रीमती लाली बाई भायल अपने सुपुत्र श्री पूनाराम भायल की मेहनत, लगन एवं आम मतदाताओं के असीम प्रेम के परिणाम स्वरूप राजनीति में प्रथम कदम रखते हुए सरपंच पद पर असीन हुई,आपने कांटे की टक्कर में 33 मतों से विजयी श्री प्राप्त की। आपका शुभ विवाह गुड़ा शूरसिंह के श्री घीसाराम भायल के संग हुआ। साक्षर श्रीमती लाली एक कुशल ग्रहणी के साथ-साथ कृषि कार्य में दक्ष है आपके दाम्पत्य जीवन में आपके चार पुत्र सर्व श्री पूनाराम,जी श्री हेमाराम जी, श्री चौथाराम जी एवं श्री रतारामजी हैं तथा 6 पुत्रियाँ पानीबाई, टीपूबाई, जिमनी बाई, मैना बाई ,सुखिया बाई, तथा कमला है। आपके दो भाई, तीन बहने एवं दो देवर श्री दुदाराम जी एवं जीतारामजी है। सामाजिक विचारों में आपका विचार है कि मौत मर्तग पर एक मौका प्रथा प्रारंभ की जाय। गंगा प्रसादी, अफीम प्रथा, बाल-विवाह, आदि पूर्णत बन्द हो, हमारे समाज में उन्नति एवं पैसे में वृद्धि के साथ-साथ छूट मेल ( सम्बन्ध विच्छेद ) की घटनाएँ बढ़ रही हैं जो समाज के लिए दु:खदायी पहलू है। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता- क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था, स्वास्थ्य केन्द्र, आपने सड़के बनवाई, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना एवं चारा डिपो खुलवाये इत्यादि है।

पूर्व सरपंच श्रीमती देवी चोयल (दूदौड़ )

सरपंच, ग्राम पंचायत-दुदौड़ / अबला न समझो अब नारी को, नारी कुल की शान है। निकल पड़ी अब जन सेवा को, नारी जाति का सम्मान है। मृदुभाषी, सेवाभावी एवं कुशल ग्रहणी श्रीमती देवी का जन्म 40 वर्ष पूर्व सीधे-सादे किसान बींजाराम जी गहलोत के घर माता श्रीमती अणची बाई की कोख से हुआ । आप का विवाह 34 वर्ष पहले श्री पोकरराम जी चोयल के संग हुआ। श्री पोकरराम जी के पिता का नाम मघाराम जी एवं माता का नाम श्रीमती चुन्नी बाई हैं।आपके एक पुत्र दिलीप एवं एक पुत्री पदमा हैं। आपका पुत्र दिलीप एक होनहार एवं मेधावी छात्र है। जिसको इस वर्ष भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग द्वारा इंस्पायर अवॉर्ड में 5000/- रुपये के चैक से सम्मानित किया गया है। आपके पति श्री पोकरराम जी चोयल एक पढ़े लिखे राजनेता हैं। आपने बांगड़ कॉलेज पाली से B. com. तक शिक्षा प्राप्त की तथा सन् 1992 में ग्राम सेवा सहकारी समिति दुदौड़ के अध्यक्ष बने। आप एक ऐसे भाग्यशाली राजनेता है। जो सन् 1995 में ग्राम पंचायत दुदौड़ के उप सरपंच बने थे। मगर आपने 3 वर्ष तक सरपंच का कार्य किया। आपकी मेहनत,सेवा भावना एवं मिलनसारिता का ही परिणाम है कि इस बार हुए पंचायत चुनाव 2010 में आपकी धर्मपत्नी श्रीमती देवी ग्राम पंचायत दुदौड़ के सरपंच पद पर 180 मतों से विजयी रही। विकास कार्यों में सरपंच श्रीमती देवी की पहली प्राथमिकता रास्तों को चौड़ा करके सम्पर्क सड़कें बनवाए, पजल समस्या का निवारण, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देना इत्यादि।।

पूर्व सरपंच श्री हरिसिंहजी सीन्दड़ा देवली आऊवा

चुना है जनता ने सरपंच तो, जन-कल्याण के काम करेंगे। करेंगे दीन-दु:खियों की सेवा, काकू का नाम रोशन करेंगे। उत्साही, दबंग, मिलनसार एवं जन सेवक श्री हरिसिंह सीन्दड़ा का जन्म 13 अप्रैल 1972 को ग्राम- देवली आऊवा के रव्याति प्राप्त सीन्दड़ा परिवार में श्री आईदान सिंह सीन्दड़ा के घर माता श्रीमती पेफी बाई कोख से हुआ। आप स्वर्गीय खंगार सिंह जी( पूर्व विधायक खरची) के दत्तक(गोद ) पुत्र है। आपने सन 1989 में 11वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की। आप का विवाह श्रीमती संतोष देवी के संग सन् 1990 में हुआ। शालीन एवं खुशहाल दाम्पत्य जीवन निर्वाह करने वाले श्री सीन्दड़ा के 3 पुत्र सर्व श्री सतीश (9वीं पास), श्री नीरज(7वीं पास ), श्री धनपत(5वीं पास )एवं 2 पुत्रियां सुश्री रीना ( B.A. प्रथम वर्ष) एवं सुश्री भावना (9वीं पास )हैं। श्री हरिसिंह 11वीं पास करने के बाद हैदराबाद चले गए वहां पर हार्डवेयर का व्यवसाय किया। सन् 1993 से 2000 तक घर पर ही खेती बाड़ी का काम संभाला। सन् 2001 में आधे पाली जिले स्वराज ट्रैक्टर की एजेंसी ली तथा ग्राम आऊवा में भारत पेट्रोलियम का पेट्रोल पम्प शुरू किया। व्यापार में प्रगति करते हुए श्री सीन्दड़ा की उदयपुर डिवीजन में आरोमा समर्सिबल पम्प की एजेंन्सी हैं । जो गणपति मार्केटिंग नाम से उदयपुर में स्थित है। आपने स्व. खंगारसिंह जी ( पूर्व विधायक ) की राजनैतिक विरासत को संभालते हुए पंचायत चुनाव 2010 में ग्राम पंचायत देवली आऊवा से सरपंच पद का चुनाव लड़ा तथा शानदार 1260 मतों से विजयी रहे। विकास के कार्यों में आपकी प्राथमिकता नई रोड लाइट लगाना, नालियों का निर्माण कराना, सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना, अस्पताल बनाने हेतु जो जमीन आपके परिवार ने दान में दी हैं, उस जमीन पर अस्पताल बनाना,बी.पी.एल. परिवारों को सरकारी सहायता दिलाना, विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन दिलाना एवं सम्पर्क सड़कें बनाना इत्यादि।।

पूर्व सरपंच श्री नरसिंगराम जी परिहारिया

सरपंच, ग्राम पंचायत-बांसिया (रायपुर) जनता जनार्दन को भगवान समझ कर, नित सेवा में लग जायेंगे । मिटायेगे दुख-दर्द जन-जन के, विकास की नई गंगा बहायेगे। निर्भीक, स्पष्ट वक्ता, मिलनसार एवं सेवाभावी श्री नरसिंगराम परिहारिया का जन्म 42 वर्ष पूर्व ग्राम बांसिया के बेरा रामसागर पर मेहनती पिता श्री रतनाराम जी परिहारिया के घर माता श्रीमती भोलीबाई की खोक से हुआ। आप मेहनती किसान श्री शिवदानराम जी- श्रीमती गोगली देवी के गोद (दत्तक) पुत्र है। आपने सन् 1980 में छठी कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह श्रीमती पपली देवी सुपुत्री श्री उर्जाराम जी काग निवासी लिलाम्बा के संग हुआ। शिक्षा प्रेमी, परिश्रमी एवं खुशहाल दाम्पत्य जीवन में श्री परिहारिया परिवार में दो पुत्र सर्व श्री प्रकाश(२२वर्ष) एवं राकेश (१६वर्ष) तथा एक सुपुत्री गीता है। आधुनिक विचारों के प्रगतिशील किसान श्री नरसिंगराम जी पशुपालन एवं डेयरी मे विशेष रुचि रखते हैं। आप ग्राम बांसिया की डेयरी के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं तथा वर्तमान में आप डेयरी के बोर्ड के सदस्य हैं। इस बार कोई पंचायत चुनाव 2010 में आप ने प्रथम 12 ग्राम पंचायत बांसिया के सरपंच पद पर अपना भाग्य आजमाया तथा शानदार 527 मतों से विजय रहे। आपके विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता, क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था, स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय केंद्र, सम्पर्क सड़के बनवाए, बालिका शिक्षा एवं चारा डिपो खुलवाए इत्यादि है।।

पूर्व सरपंच श्री मांगीलालजी सेपटा झूंठा

सपरपंच पद की गरिमा रखेंगे, जन-जन की भावना का ध्यान रखेंगे। बनकर सेवक दीन दुःखियों के, तन-मन धन से सेवा करेंगे। स्पष्ट वक्ता,धुन के धनी एवं सेवा भावी श्री मांगीलाल सेपटा का जन्म 1 मार्च 1980 को ग्राम झूंठा के बेरा बाड़िया पर एक साधारण किसान पिता श्री चेलारामजी सेपटा के घर माता श्रीमती टीमली देवी की कोख से हुआ। आपने 7 वीं तक शिक्षा प्राप्त की आपका विवाह श्रीमती गीतादेवी सुपुत्री श्री चन्दाराम जी परिहार के संग हुआ। आपके सफल एवं सौहार्दपूर्ण दाम्पत्य जीवन में इकलौता पुत्र दीपाराम है। पशे करने के पशचात् आप खेती के काम में जुट गये। इस बार हुए पंचायत चुनाव 2010 में आप ग्राम पंचायत झूठा से सरपंच पद का चुनाव लड़ा तथा कांटे की टक्कर में मात्र 67 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता पेयजल की व्यवस्था, चारा डिपो खुलवाना, नरेगा में पक्के निर्माण कार्य एवं सम्पर्क सड़के बनाना, बी.पी.एल. परिवारों को सरकारी सहायता दिलाना इत्यादि।

पूर्व सरपंच श्री कालूरामजी परिहार मैसीया

ठोक दी ताल कूदे जंग में, अपनी परवाह कौन करे। लगा दिया जीवन सेवा में, घर की परवाह क्यों करें। मिलनसार, उत्साही एवं सेवाभावी श्री कालूराम परिहार जा जन्म 8 जनवरी 1962 को ग्राम मैसीया में साधारण किसान परिवार में श्री बिरदाराम जी परिहार के घर श्रीमती मुलीदेवी की कोख से हुआ। आपने सन् 1982 में 11 वीं तक शिक्षा प्राप्त की। श्री परिहार का विवाह श्रीमती मैनादेवी पंवार निम्बेड़ा खुर्द के संग हुआ। परिश्रमी एवं कृषि कार्य में दक्ष श्री परिहार दम्पति के सफल दाम्पत्य जीवन में 2 पुत्र सर्वश्री सुगनचंद हार्डवेयर व्यवसायी चेन्नई है, इनका विवाह श्रीमती निर्मला के संग हुआ। दूसरे पुत्र श्री पन्नालाल बी. फार्मा वाराणसी से की हैं। आपके एक पुत्री सुनीता तथा एक पौत्री सुरमिला है। समाज में आप ग्राम मेसियाँ बडेर के कोटवाल तथा परगना समिति रायपुर के सदस्य हैं। गौभक्त श्री कालूराम परिहार गायत्री गौशाला मेसियाँ के कार्यकारिणी सदस्य हैं। आपने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत सन् 1988 में कोपरेटिव सोसायटी मेसियाँ के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होकर की। पंचायत चुनावो में आपने ग्राम पंचायत बुटीवास जिसमें चार ग्राम मेसियाँ, बुटीवास , रामावास, अरणी कडाल के सरपंच पद का चुनाव् लड़ा एवं कांटे की टक्कर जिसमें चार बार मत गणना हुई जिसमें कभी दो मतों से हार तो कभी 2 मतों से जीते परन्तु आखिरकार में आप 4 मतों से विजयीश्री प्राप्त कर ग्राम पंचायत बुटीवास के प्रथम सीरवी सरपंच बनने का गौरव प्राप्त किया। इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं। विकास कार्यों में आपकी पहली प्राथमिकता पेयजल व्यवस्था सी सी रोड़ श्मशान घाट की चार दीवारी ट्यूब वेल एनीकट निर्माण इत्यादि हैं।

पूर्व सरपंच श्री दयाराम गहलोत, निम्बेड़ा कलां

जीवन है अनमोल रत्न, दीन दुखियों की पीड़ा हरे। जन सेवा की राह पर चले। रुके न कदम तुम्हारे। उपरोक्त पंक्तियों को सार्थक करने वाले निभींक, नेकदिल, मिलनसार एवं दबंग स्वभाव के धनी श्री दयाराम गहलोत का जन्म ग्राम निम्बेड़ा कलां के बेरा थलों की ढिमडी के सक्षम एवं सरल स्वभाव के किसान श्री चुन्नीलाल गहलोत के घर 12 जून 1955 को हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती धापुदेवी है। श्री गहलोत का विवाह सन् 1975 में श्रीमती अणचीदेवी काग के संग हुआ। सम्पन्न खेती एवं कुशल कृषक परिवार के सफल दाम्पत्य जीवन में चार पुत्र सोहन लाल 9वीं पास जो कृषि व्यवसायी है उनका विवाह श्रीमती भुरीदेवी के संग, दूसरे पुत्र श्री कालूराम 6वीं पास जिनका बेंगलुरु में व्यवसाय है एवं इनका विवाह श्रीमती पुष्पा के संग, तीसरे पुत्र श्री तुलसीराम 10वीं पास जिनका चेन्नई में व्यवसाय तथा इनका विवाह श्रीमती पिस्ता के संग तथा चौथे पुत्र श्री रमेश कुमार 12वी पास आपका भी चेन्नई में व्यवसाय तथा इनका विवाह श्रीमती इन्द्रा के संग हुआ है। श्री गहलोत साहब का भरा पूरा परिवार जिसमें 6 पोत्र लक्ष्मण, राहुल, गणपत, हेमन्त, ललित, सूरज तथा 3 पुत्रियाँ सुनीता, ममता, पूजा है। आपने अपने राजनैतिक जीवन का श्री गणेश सन् 1995 में ग्राम निम्बेड़ा कला कोपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होकर किया। सन् 1997 में आप ग्राम पंचायत निम्बेड़ा कला के निर्विरोध उप सरपंच निर्विचित हुए। सन् 2002 में आपने रायपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव समता पार्टी से लड़ा। जिनके चुनाव प्रचार में भारत के रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाडिस हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार करने आये। सन् 2004 में हुए पंचायत चुनाव में आप पुनः उप सरपंच चुने गये। अगली बार हुए पंचायत चुनाव 2010 में आप ग्राम पंचायत निम्बेड़ा कला के सरपंच पद पर 381 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों में आपकी पहली प्राथमिकता कुओं पर जाने के लिए ग्रेवल सड़क बनाना तथा रास्ते चोड़ा कराना, सी सी रोड़ बनाना। बेरों पर टांको का निर्माण करवाएं। किसान परिवारों को बी.पी.एल. परिवार में चयनित करवाएं।

पूर्व सरपंच श्री कालूरामजी चोयल, बिरोल

किसी ने कहा है- लीक-लीक गाडी चले,लीक चले कपूत । लीक छोड़ तीनों चले, शायर, शेर, सपूत। इन पंक्तियों को सार्थक करने वाले मिलनसार, हंसमुख एवं सेवाभावी श्री कालूराम चोयल का जन्म 15 जुलाई 1957 को बेरा बन्दिया ग्राम बिरोल के साधारण किसान श्री रायाचन्र्दजी चोयल के यहाँ हुआ। आपकी माता का नाम श्रीमती अमरीबाई है। शिक्षा में शुरू से ही मेघावी रहे श्री कालूरामजी ने सन् 1976 में 10वीं कक्षा अच्छे अंको से उर्तीण की। सन् 1971 में आपका विवाह श्रीमती सुखीदेवी काग कुशालपुरा के संग हुआ। सुखी एवं सफल दाम्पत्य जीवन निर्वाह कर रहे आपके चार पुत्रियाँ चम्पा, राजूदेवी, ममता, सन्जु एवं एक होनहार एवं मेघावी पुत्र श्री दिनेश है। आपने अपने राजनिति जीवन की शुरुआत 1992-93 में ग्राम सेवा सहकारी समिति मिशेल के अध्यक्ष पद से की है। इस बार हुए पंचायत चुनाव 2010 में ग्राम पंचायत बिरौल जिसमे पाँच ग्राम बिरोल, मालपुरिया, करोलिया, ठाकुरवास, पातुर से सरपंच का चुनाव लड़ा तथा कांटे की टक्कर में 58 मतों से विजयी रहें। विकास के कार्यों में आपकी सर्व प्रथम प्राथमिकता पेयजल समस्या का निवारण करना रहा। नरेगा कार्यों में सम्पूर्ण सड़कों का निर्माण, एनीकट निर्माण इत्यादि रहा। समाज में संगठन मजबूत हो एंव समाज में कुरीतियाँ दूर हो इसमे सीरवी सन्देश पत्रिका महती निभा सकती है।

पूर्व सरपंच श्री कालूरामजी चोयल ( जाणुन्दा )

सरपंच, ग्राम-पंचायत जाणुन्दा(तह. मारवाड़ जंक्शन) भटकों को सदपत दिखलाएँ, तम में किरण बन जाये। निर्बल को संम्बल दे बाहें, सहलाएँ दुखियों की आहें । धीर गंभीर,अनुभवी , मिलनसार एवं सेवाभावी श्री कालूराम जी चोयल का जन्म सन् 1954 में ग्राम जाणुन्दा के परिश्रमी किसान श्री भीकाराम जी चोयल के घर हुआ । आपकी माताजी का नाम श्री मति तुलसी बाई है। आपने सन 1969 में 8वीं तक शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह श्रीमती भंवरी बाई के संग सन 1972 में हुआ। परिश्रमी, अतिथि सत्कार में रुचि एवं खुशहाल दांपत्य जीवन का निर्वाह करते हुए आपके 3पुत्र सर्व श्री अशोक कुमार (12वीं पास, हैदराबाद में हार्डवेयर का व्यापार विवाह श्रीमती सुशीला के संग हुआ) दूसरे पुत्र श्री सुरेश कुमार(10वीं पास हैदराबाद में व्यवसाय, इनका विवाह श्रीमती सीता देवी के संग हुआ) तीसरे पुत्र श्री नरेंद्र (9वीं पास, हैदराबाद में व्यवसाय, इनका विवाह श्रीमती रेखा कुमारी के संग हुआ)। भाग्यशाली श्री कालूराम जी चोयल के 4पौत्र- पुनीत, महेश, संजय,हेमन्त एवं 1पौत्री- ज्योति है। आप व्यापार में अपना भाग्य आजमाने सन 1971 में हैदराबाद चले गये। वहां पर आपने सर्विस की तथा 1976 में स्वयं का व्यवसाय किराणा एवं कपड़े की दुकान श्री पुखराज जी देवड़ा की भागीदारी में की। 1998 में आप पुनःजाणुन्दा आकर खेती के काम में लग गये। राजनीति में आप सन1989 में आये एवं प्रथम बार पंचायत जाणुन्दा में वार्ड पंच रहे। इस बार हुए पंचायत चुनाव 2010 में आपने ग्राम पंचायत जाणुन्दा ( जिसमें 3 ग्राम जाणुन्दा, मुकनपुरा,जैतपुरा शामिल है ) से पंचायत पद का चुनाव लड़ा तथा शानदार 219 मतों से विजयी रहे । जनसेवा में आपकी गहरी रुचि हैं। स्वयं कृषक होने के कारण जल संग्रहण आपकी प्राथमिकता रही हैं। नदी में एनीकट बनाकर भूमिगत जल संरक्षण करना, बाढ़ बचाव हेतु पाल बनाई, ग्राम बस स्टेण्ड तक सी.सी रोड, ग्राम में नालियाँ बनाई, सफाई की व्यवस्था इत्यादि।।

पूर्व सरपंच श्री वगतारामजी मुलेवा

कड़े मेहनत से खेती करते, जन सेवा भी करते हैं। लेते नहीं रिश्वत, कमीशन,  सादगी से जीवन बिताते हैं। उक्त पंक्तियों पर खरे उतरने वाले मेहनती किसान मिलनसार एवं सेवाभावी श्री वगतारामजी मुलेवा का जन्म ग्राम किशनपुरा के साधारण किसान श्री डायाराम जी मुलेवा के घर माता श्रीमती चुन्नीबाई की कोख से हुआ। आपने तीसरी तक शिक्षा प्राप्त की।आपका विवाह 40 श्रीमती मांगीबाई के संग हुआ। कृषि व्यवसाय से जुड़े मेहनती किसान दम्पति श्री मुलेवा के चार पुत्र एवं एक पुत्री है। सबसे बड़े पुत्र श्री रमेशकुमार है एवं पूना में अपना व्यवसाय चला रहे हैं। दूसरे पुत्र श्री मुकेशकुमार है, जो मुम्बई में मेडिकल का व्यवसाय करते हैं।तीसरे पुत्र श्री सुरेशकुमार है जो 12वीं पास एवं टुलिफ बीमा एजेन्ट है तथा सबसे छोटे पुत्र नरेश है। आपके एक पुत्री ममता है जो 10वीं पास है एवं इनका विवाह श्री मोडारामजी हाम्बड़ के संग हुआ।आपके एक पौत्र हितेश है। पंचायत चुनाव 2005 में आपकी धर्मपत्नी श्रीमती मांगीबाई ग्राम पंचायत किशनपुरा की सरपंच रही है और अपने कार्यकाल में करीब 3 करोड़ 70 लाख के विकास कार्य सफलता पूर्वक करवाये। राजनीति का अच्छा अनुभव रखने वाले एवं स्वयं कृषि कार्य को बखूबी से करने वाले श्री वगतारामजी ने वर्ष-2010 के पंचायत राज चुनावों में किशनपुरा ग्राम पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ा और कांटे की टक्कर में 17 मतों से विजयी रहे। समाज में सामूहिक विवाह के पक्षधर श्री मुलेवा फिजूल खर्ची के विरोधी हैं। व्यापार व्यवसाय के साथ समाज की राजनैतिक पहचान भी बने व संगठन मजबूत हो। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता रास्ते चौड़े करवाना,सम्पर्क सड़कें बनाना तथा चारा डिपो खुलवाना,सी.सी.रोड बनाना इत्यादी महत्वपूर्ण कार्य करवाया।

पूर्व सरपंच श्री थानाराम जी लचेटा

सबसे युवा सरपंच बनने का, खिताब थानजी ने जीत लिया। अव्वल रहे एल.आई.सी. में, सीरवी समाज का दिल जीत लिया। परिश्रमी, मृदुभाषी नेक दिल एवं मिलनसार स्वभाव के धनी श्री थानाराम लचेटा का जन्म 4 जनवरी 1988 को ग्राम गेनड़ी के साधारण किसान श्री डूँगारामजी के घर माता श्रीमती बरदू बाई की कोख से हुआ। आपने सन्‌ 2004 में इ.अ. प्रथम वर्ष तक की शिक्षा प्राप्त की।आपका विवाह श्रीमती लीला देवी पुत्री श्री देवारामजी आगलेचा निवासी सांवलता के संग 1998 में हुआ। आपके खुशहाल दाम्पत्य जीवन में 1 पुत्री सुश्री करिश्मा एवं एक पुत्र सुमित है। आपने सन्‌ 2004 में नाडोल में हरि ओम क्लोथ स्टोर्स के नाम से दुकान शुरू की। कपड़ा व्यवसाय के साथ-साथ आपने भारतीय जीवन बीमा निगम में अभिकर्त्ता का कार्य भी शुरू किया एवं LIC का एजेन्ट बनते ही पहले दिन में 155 पॉलिसियां करके जोधपुर डिवीजन में प्रथम स्थान प्राप्त किया। पंचायत चुनाव 2010 में आपने ग्राम पंचायत घेनड़ी (जिसमें घेनड़ी ,पीलोवणी दो गाँव हैं) से पहली बार सरपंच का चुनाव लड़ा तथा शानदार 384 मतों से विजयी रहे। आप सीरवी समाज में सबसे युवा सरपंच हैं। विकास कार्य में आपकी प्राथमिकता अस्पताल का निर्माण कार्य सफलता पूर्वक रहा है, पिचका को गहरा कराना तथा गरीबों को सरकारी सहायता उपलब्ध कराना, सम्पर्क सड़कें बनाना तथा पेयजल समस्या का स्थायी समाधान करने के साथ चारा डिपो खुलवाना इत्यादि कार्य करवाया।

पूर्व सरपंच श्रीमती सुखीदेवी हाम्बड़

छोड़ रसोई चली पंचायत, ग्राम विकास कराना है। बन के उदाहरण नारी जाति का, सपना साकार बनाना है।। मृदुभाषी, परिश्रमी एवं सेवाभावी श्रीमती सुखी देवी का जन्म ग्राम वरकाणां के साधारण किसान श्री लूम्बाजी गहलोत के घर माता श्रीमती सोनी देवी की कोख से हुआ। साक्षर सुखी देवी का विवाह रानी गाँव निवासी मिलनसार एवं सेवाभावी श्री नेनारामजी हाम्बड़ के संग हुआ। आपके सफल एवं खुशहाल दाम्पत्य जीवन में हाम्बड़ दम्पति के 2 पुत्र – सर्व श्री बालाराम (10वीं पास, मुम्बई में व्यापार एवं इनका विवाह श्रीमती मंजू के संग हुआ) एवं दूसरे पुत्र श्री अशोक तथा एक पुत्री सुमन है, जिसका विवाह श्री कानारामजी काग (धाणदा) के संग हुआ। पंचायत चुनाव 2010 में आपने ग्राम पंचायत रानी कलां (जिसमें दो ग्राम रानी कलां, एवं दूदवर है) से प्रथम बार सरपंच पद पर चुनाव लड़ा एवं शानदार 337 मतों से विजयीश्री प्राप्त की। आपके पति श्री नेनारामजी सन्‌ 1995 से 2000 तक ग्राम पंचायत रानी कलां के उप सरपंच रह चके हैं। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता- सफाई व्यवस्था, बिजली (रोड लाईट)  पेयजल व्यवस्था, सड़क निर्माण एवं महिला शिक्षा, बी.पी.एल परिवारों को सरकारी सहायता दिलाना इत्यादि सफलता पूर्वक कार्य करवाया। सीरवी-सन्देश के बारे में राय प्रकट करते हुए बताया कि यह पत्रिका समाज के हर घर तक पहुँचे। समाज का हर बच्चा-बच्चा इसे पढ़े। हमारी जाति व धर्म की जानकारी इससे प्राप्त करे एवं अपने ज्ञान को इस पत्रिका के माध्यम से जन-जन तक बांटे। समाज सेवा एवं समाज में कुरीतियों को मिटाने के प्रति जागरूक श्रीमती सुखीदेवी का विचार है कि समाज में बाल-विवाह बंद हो तथा ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को पढ़ाना चाहिये।।

पूर्व सरपंच श्री मांगीलाल जी गहलोत

जो अपना सब कुछ दे देते हैं, त्यागी वे कहलाते हैं। जनहित का जो काम करे, महान्‌ वे हो जाते हैं। मृदुभाषी , मिलनसार, अतिथि सत्कार में दक्ष एवं सेवाभावी श्री मांगीलाल गहलोत का जन्म 1जुलाई 1964 को ग्राम जीवन्द कलां के साधारण किसान श्री हकारामजी गहलोत के घर पर माता श्रीमती मगनी बाई की कोख से हुआ। आपने सन्‌ 1983 में 11वीं कक्षा पास की। आपका विवाह सन्‌ 1988 में श्रीमती प्यारी बाई(रामपुरिया) के संग हुआ। व्यवसायी एवं परिश्रमी श्री गहलोत दम्पति अपने खुशहाल एवं सफल दाम्पत्य जीवन का निर्वाह करते हुए तीन पुत्र सर्व श्री दिनेश (फारमेसी की डिग्री लेकर मुम्बई में मेडिकल की दुकान तथा इनका विवाह श्रीमती ममता के संग हुआ) दूसरे पुत्र श्री नरेन्द्र तीसरे पुत्र श्री दीपेश है। श्री गहलोत 11 वीं पास के बाद सन्‌ 1983 में मुम्बई चले गये, वहाँ 1988 तक सर्विस की तथा फिर अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू किया।व्यवसाय के साथ-साथ आप समाज सेवा में भी गहरी रूचि रखते हैं। आप श्री आईजी युवा मंडल गोरेगाँव के उपाध्यक्ष एवं सीरवी विकास मंडल के कार्यकारिणी सदस्य रहे हैं। ग्राम पंचायत का चुनाव आपके लिए नया नहीं है। आपकी माता श्री मगनी बाई पूर्व में वार्ड पंच रह चुकी है। ग्राम पंचायत चुनाव 2005 में आपने सरपंच पद का चुनाव लड़ा मगर सफल नहीं हुए। पंचायत चुनाव 2010 में आपने ग्राम पंचायत जीवन्द कलां से सरपंच पद चुनाव लड़ा एवं कांटे की टक्कर में 192 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों में आपकी पहली प्राथमिकता पेयजल समस्या का निवारण, सड़क निर्माण, चारा डिपो खोलना, एनीकट बनाना, BPL परिवारों को सरकारी सहायता दिलाना इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य करवाया। सीरवी समाज में संगठन एवं सहयोग की भावना होनी चाहिये। समाज में नशा प्रवृत्ति पर रोक लगे। बाल-विवाह पर भी रोक लगे एवं इसे रोकने पर सख्ती लगे।समाज में ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का प्रचार हो।।

पूर्व सरपंच श्री हरिकृष्णजी परमार

श्री हरिकृष्ण सुपुत्र श्री मगारामजी परमार ( जवाली ) सरपंच ग्राम पंचायत ( जवाली ) हौँसले बुलन्द और दिल में जोश है, मौका मिला है जन सेवा का।करके दिखायेंगे काम नया, होगा उद्धार अबला बेवा का। उत्साही, बुलन्द हौसले, दृढ़निश्चयी एवं सेवा भावना से ओत प्रोत श्री हरिकृष्ण परमार का जन्म 12 मई 1973 को जवाली ग्राम में समाज सेवी श्री मगारामजी परमार के घर माता श्रीमती राजवन्ती की कोख से हुआ। आपने सन्‌ 1995 में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की एवं 1997 में ( DMLT ) की डिग्री हासिल की। आपका विवाह श्रीमती भंवरी देवी के संग सन्‌ 1995 में हुआ। आपके खुशहाल दाम्पत्य जीवन निर्वाह में 2 पुत्र सर्व श्री राहुल एवं निखिल है। अपने मामा डॉ. श्री नन्दकिशोरजी (जिला क्षय रोग अधिकारी, जोधपुर) की प्रेरणा से पीड़ितों की सेवा में हस्तीमल अन्नराज बच्चावत आरोग्य केन्द्र, रानी गाँव में 2 वर्ष तक सेवाएं दी।इसके पश्चात्‌ खींवाडा अस्पताल में 2 वर्ष सेवाऐं दी। सन्‌ 2000 में रानी स्टेशन पर संजीवनी मेडिकल स्टोर का श्री गणेश किया। राजनीति में आपके नानाजी श्रीगमनारामजी लचेटा (पूर्व उप-प्रधान, प.स. रानी) जिन्होंने लम्बे समय तक सामन्ती प्रथा के विरूद्ध संघर्ष कर लोकतंत्र को मजबूत किया, से प्रेरणा पाकर पंचायत चुनाव 2010 में आपके ग्राम पंचायत जवाली से प्रथम बार सरपंच पद पर भाग्य आजमाया और कांटे की
टक्कर में 87 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों की प्राथमिकता में जवाली ग्राम को एक निर्मल गाँव बनाना है। पेयजल हेतु पानी की टंकी बनाना तथा जवाली बाँध से जोड़ना, नई बस्ती में पाईप लाईन डलवाना, सम्पर्क सड़कें बनाना, चारा डिपो खोंलना इत्यादि सफलता पूर्वक कार्य करवाया। आपने सरपंच पद द्वारा जनता की सेवा का अवसर पाया है तो आपके छोटे भाई श्री अशोकजी इन्स्पेक्टर ( CRPF ) के रूप में राष्ट्र की सेवा / सुरक्षा के लिए श्रीनगर में कार्यरत हैं।।

पूर्व सरपंच श्री कानारामजी परिहार

महेनत की रोटी खाते हैं, फिर भी रहते है जन सेवा में लीन। कमीशन रिश्वत से कोसों दूर, सरकारी अफसरों के नहीं है अधीन। मेहनती मिलनसार हंसमुख एवं सेवाभावी श्री कानाराम परिहार का जन्म 2 मई 1956 को ग्राम खारिया स्वामी के साधारण किसान श्री तुलछारामजी परिहार के घर माता श्रीमती चोथिदेवी की कोख से हुआ। आपने सन् 1970 में 8 वीं तक शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह श्रीमती पानी देवी आगलेचा सियाट के संग 1971 में हुआ। आपके सफल दाम्पत्य जीवन में 2 पुत्र सर्वश्री बाबूलाल जिनका मुम्बई में व्यापार है एवं इनका विवाह श्रीमती भुडिदेवी के संग हुआ तथा दूसरे पुत्र श्री रमेश कुमार B.Sc. एवं राजकीय विद्यालय में सेवारत है तथा इनका विवाह श्रीमती मुलीदेवी के संग हुआ। आपके एक पुत्री कमलादेवी है । जिसका विवाह श्री गमनारामजी सैणचा के संग हुआ। पंचायत चुनाव 2010 में आपने ग्राम पंचायत खारिया स्वामी सोडा जिसमे 7 ग्राम शामिल है बासनी जोधराज बासनी भदावता मामावास खारिया सोढा खारिया स्वामी बिजलिया वास बासनी नृसिंह के सरपंच पद पर प्रथम बार चुनाव लड़ा और शानदार 655 मतों से विजयी श्री रहे। विकास कार्यों में आपकी पहली प्राथमिकता पेयजल समस्या दूर की। आपने हेण्ड पम्प रिपेयर करवाये पानी की कमी वाले हेण्ड पम्प मृत घोषित कराये सड़क निर्माण चारा डिपो इत्यादि महत्पूर्ण कार्य करवाये।

पूर्व सरपंच श्री छेलाराम जी हाम्बड़

प्रथम बार बने हैं सरपंच तो, ज्योति नई जालायेंगे। करेंगे ग्राम विकास के काम, सबको राहत पहुँचायेंगे। होठों पर मुस्कान, सरल ह्रदयी एवं सेवाभावी श्री छेलाराम हाम्बड़ ग्राम गागुड़ा निवासी पिता श्री पुखाराम जी हाम्बड़ के घर माता श्रीमती अणची बाई की कोख से हुआ। आपने 7 वीं तक प्राप्त की। आपका विवाह श्रीमती सायरीदेवी पुत्री चौथाराम जी भेल के संग हुआ। परिश्रमी एवं सेवाभावी दम्पति के तीन पुत्र सर्वश्री सोहनलाल श्री ओमप्रकाश एवं श्री जगदीश हैं। आप शुरू से ही खेती के कार्य में जुटे हैं। पंचायत चुनाव 2010 में अपने ग्राम पंचायत गागुड़ा जिसमे 5 गांव गागुड़ा, संडारड़ा, हिंगावास, बरियाला एवं विरावास आते है के सरपंच पद का चुनाव लड़ा और 241 मतों से विजयी रहे। देश आजाद होने के बाद से इस ग्राम पंचायत गागुड़ा के पहली बार सीरवी सरपंच चुने गए थे। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता है। पेयजल,सम्पर्क, सड़के , एनीकट बनाना बी पी एल परिवारों को सरकारी साहयता दिलाना इत्यादि सफलता पूर्वक कार्य करवाया। सीरवी संदेश को समाज बताते हुए सम्पादक मंडल के कार्यों की भूरी भूरी प्रंशसा की एवं पटरी के निरंतर प्रकाशन की कामना की।

पूर्व सरपंच श्री कानारामजी आगलेचा

अपना-पराया कोई नहीं यारों, सबका संग ले चलना है। करके दीन-दुःखियों की सेवा, भला सभी का करना है। सरल ह्रदयी, व्यवहार कुशल एवं स्पष्टवक्ता श्री कानाराम आगलेचा का जन्म ग्राम बिलावास के साधारण किसान पिता श्री लच्छारामजी के घर माता श्रीमती जमलिबाई की कोख से हुआ। आपने 7वीं तक शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह श्रीमती भीकीबाई पुत्री श्री गोमारामजी भायल निवासी धिनावास के संग हुआ। पति-पत्नी दोनों परिश्रमी एवं खुशहाल दाम्पत्य जीवन यापन करते हुए आपके 2 पुत्र सर्वश्री प्रतापराम एवं श्री राजुराम है तथा एक पुत्री चन्द्रा । खाद बीच का व्यवसाय करने वाले श्री आगलेचा इसके साथ-साथ प्रोपर्टी डीलिंग का भी कार्य करते हैं। समाज सेवी श्री कानाराम शुरू से ही राजनीति में रहे है। आप पिछले 10वर्ष पंचातय समिति सदस्य रहे तथा भाजपा के अच्छे कार्यकर्ता थे। पंचायत चुनाव 2010 में आपने ग्राम पंचातय बिलावास से सरपंच पद का चुनाव लड़ा तथा शानदार 699 मतों से विजयी रहे। विकास के कार्यों में आपकी प्राथमिकता पेयजल समस्या का निवारण BPL परिवारों की मदद, सम्पर्क सड़को का निर्माण विधवाओं एवं वृद्धावस्था पेन्शन इत्यादि कार्य करवाया है। सीरवी सन्देश सीरवी समाज की प्रकाशपुंज है समाज के विकास एवं गति देने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। सम्पूर्ण सम्पादक मण्डल को सेवा कार्य के लिए साधुवाद और पत्रिका के उज्जवल भविष्य की शुभकामना।

पूर्व सरपंच श्री नारायणलालजी सोलंकी

जन सेवा में खिल उठे जीवन वह जीवन ही पूंजी फल है। करते हैं दिन दुखियों की सेवा, यही तो मेरा कर्म फल है। उपर्युक्त पंक्तियों को सार्थक करने वाले मृदुभाषी मिलनसार एवं सेवाभावी श्री नारायणलाल सोलंकी का जन्म 1951 को ग्राम मंडला के साधारण किसान परिवार श्री जस्साराम जी सोलंकी के यहाँ माता श्रीमती दाखु बाई की कोख से हुआ। आपने सन 1968 में 10 वीं की शिक्षा प्राप्त की. आपका विवाह सन 1970 में श्रीमती भंवरी देवी पंवार रामासनी बाला के संग हुआ। राजनितिक जीवन की शुरुआत सन कोपरेटिव सोसायटी मंडल के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने से हुई। आप 1981 में दुबारा अध्यक्ष चुने गये। जनवरी 1982 में आप ग्राम पंचायत मंडला के सरपंच निर्वाचित हुए। 1995 में आप पंचायत समिति सदस्य चुने गए। पंचायत चुनाव 2010 में आप ग्राम पंचायत मंडला जिसमे 4 मंडला आसन्न धनधेड़ी सरदारपुरा के सरपंच पर शानदार 620 मतों से विजयी हुए। विकास कार्यों में आप की प्राथमिकता मंडला में 10 वीं स्कूल धनधेड़ी में 8 वीं स्कूल चिकत्सालय का निर्माण सी सी रोड नालियों का निर्माण प्रसूति गृह का निर्माण एवं लड़कियों के स्कूक की बाउण्ड्री इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य करवाया। आप अपने क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या का समाधान करवाया है। अकाल वर्ष में आपने ज्यादा से ज्यादा चारा डिपो खुलवाया एवं एनीकट निर्माण इत्यादि सफलता पूर्वक कार्य करवाया। आप अपने सरपंच काल में काफी विकास के कार्य करवा चुके हैं. आप एक ऐसे सीरवी समाज में राजनेता है ,जो लगातार किसी न किसी पद पर रहे है। यह आपकी भलमनसाहत मिलनसारिता एवं सब कौम को साथ लेकर चलने एवं नेतृत्व की क्षमता का प्रतिक है। सीरवी संदेश के बारे में राय प्रकट करते हुए बताया की यह पत्रिका समाज के हर घर तक पहुंचे समाज का हर बच्चा बच्चा इसे पढ़े हमारी ज्ञान को इस पत्रिका के माध्यम से जन जन तक बांटे  प्रवृति के श्री सोलंकी श्री आईमाताजी एवं धर्मगुरु के परम भक्त हैं। आई धर्म के प्रति लोगों की ज्यादा से ज्यादा आस्था एवं श्रद्धा बढ़े यही आपकी कामना हैं।

पूर्व सरपंच श्री थानारामजी चोयल

उत्साही, युवा एवं कर्मठ कार्यकर्त्ता श्री थानाराम चोयल का जन्म ग्राम वोपारी के साधारण किसान पिता श्री नानक राम जी चोयल के घर माता श्रीमती नोजीबाई की कोख से हुआ। आपने सन् 1989 में 8वीं तक शिक्षा प्राप्त की। आपका विवाह श्रीमती लीलादेवी पुत्री डगरा राम जी सातपुरा निवासी मांडा के संग हुआ। आपके खुशहाल एवं सफल दाम्पत्य जीवन में एक पुत्री दुर्गा एवं एक पुत्र ललित है। मेहनती श्री थानाराम जी चोयल की वोपारी में खाद बीज की दूकान तथा सीमेंट की एजेन्सी भी है राजनैतिक जीवन की शुरुआत भी आपने धमाकेदार की। आपने अपने जीवन में पहली बार ही मारवाड़ जंक्शन खारची विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधायक का चुनाव लड़ा मगर सफलता नहीं मिली। पंचायत चुनाव 2010 में आपने ग्राम पंचायत वोपारी से सरपंच पद का चुनाव लड़ा और शानदार 702 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों में आपकी पहली प्राथमिकता पेयजल समस्या का निवारण कराया है। चारा डिपो खुलवाना, नरेगा में पक्के निर्माण, सम्पर्क सड़कें एवं तालाब की खुदाई इत्यादि कार्य सफलता पूर्व करवाया। बालिका शिक्षा स्वास्थ्य सेवाएं तथा बी पी एल परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया। समाज सुधार में आप नशा प्रवृति रोक बाल विवाह पर रोक तथा पंच पंचायती एवं छुटतणी पर रोक लगे।

पूर्व सरपंच श्रीमती कमला देवी गहलोत

अबला नहीं अब हम सबला हैं, जन सेवा करना है मेरा कर्म । दीन दु:खियों की पीड़ा हरना, यही एकमात्र है मेरा धर्म। श्रीमती कमला देवी गहलोत का जन्म 15.4.1966 को ग्राम -खौड़ के साधारण किसान श्री डायाराम जी सातपुरा के घर माता श्रीमती गवरी देवी की कोख से हुआ। साक्षर श्रीमती कमला का शुभ विवाह ग्राम-खटुकड़ा निवासी श्री केसाराम जी गहलोत के संग हुआ।आपके खुशहाल एवं सफल दाम्पत्य जीवन में एक पुत्र श्री पुष्पेन्द्र ( फार्मेसी डिप्लोमा उत्तीर्ण एवं पाली में मेडिकल व्यवसायी हैं एवं एक पुत्री प्रियंका(12वीं पास )हैं। आपके पति श्री केसाराम जी गहलोत परिश्रमी व्यवसायी, मिलनसार तथा समाज के प्रति सेवाभावी है। आपका समाज के बारे में विचार हैं की जिला मुख्यालय और समाज का निजी भवन और धर्मशाला हो ताकि समाज के लोगों ठहरने में एवं रात्रि विश्राम में सुविधा हो। पंचायत चुनाव में 2010 में श्रीमती कमला देवी गहलोत ने प्रथम बार ग्राम पंचायत नादाणा भाटान ( जिसमें 4 ग्राम नादाणा भाटान,नादाणा जोधान, खटुकड़ा,गुड़ा गंगा शामिल है)से सरपंच पद का चुनाव लड़ा तथा कांटे की टक्कर में मात्र 29 मतों से विजयी रही। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता पेयजल समस्या, चारे की व्यवस्था हेतु चारा डिपो खुलवाना, संपर्क सड़के बनाना,बी.पी.ल. परिवारों की मदद करना, विधवा- वृद्धों को पेंशन दिलाना इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य करवाया । समाज में स्त्री शिक्षा में जागरूकता लाना, महिलाओं को सामाजिक कार्यों में आगे लाने का है।।

पूर्व सरपंच श्रीमती हिगली देवी हाम्बड़

बीती उम्र परिवार सेवा में, वृद्धावस्था में जन सेवा करें। बात सुने दीन दु:खियों की, अब अपना जीवन सफल करें। सरल स्वभाव एवं धार्मिक प्रवृत्ति वाली सेवाभावी श्रीमती हिगली देवी का जन्म ग्राम कुशालपुरा के साधारण किसान श्री नेनाराम जी मुलेवा के यहां श्रीमती हारकी की कोख से हुआ। आपका का विवाह ग्राम देवरिया निवासी मेहनती एवं सीधे सरल स्वभाव वाले श्री इंदाराम जी हाम्बड़ के संग हुआ। पति-पत्नी दोनों ही मेहनती एम कृषि कार्य में निपुण हाम्बड़ दंपत्ति के चार पुत्र सर्व श्री रतनलाल, श्री गणपतलाल, श्री ओमदत्त एवं श्री भंवरलाल P.E.T( रा.उ.प्रा.वि.सब्जी मंडी,जैतारण ) हैं। आपके पुत्र कृषि व्यवसाय के साथ संचार क्रांति के इस युग में भारत कम्युनिकेशन, आईजी कम्युनिकेशन, भारत ट्रैवल्स का व्यवसाय कर रहे हैं, इसके अलावा आपके सूर्या कपूर नामक फर्म भी है। श्रीमती हिंगली देवी का पौत्र प्रकाश सुपुत् रतनलाल जी । श्रीमती हिंगली देवी ने पंचायत चुनाव 2010 में ग्राम पंचायत देवरिया में महिला आरक्षित सीट से पहली बार ही सरपंच का चुनाव लड़ा एवं शानदार 674 मतों से विजय श्री प्राप्त की। विकास के कार्यों में आपकी पहली प्राथमिकता पेयजल समस्याओं का निवारण करना तथा बेरों को सम्पर्क सड़क से जोड़ना, बी.पी.ल.परिवारों की मदद करना,रोशनी एवं सफाई की व्यवस्था सफलता पूर्व करवाई। समाज में महिलाओं की भागीदारी रखने वाली सरपंच महोदया का मानना है महिलाएं भी समाज विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें।।

पूर्व सरपंच श्री पूनारामजी सोलंकी

लगे रहे नित जन सेवा में, ग्राम ढोला का सरपंच बना। जागा भाग्य, गरीबों की दुआ से, ऐसा सुन्दर योग बना । उक्त पंक्तियां को सार्थक करने वाले निर्भीक, मिलनसार और सेवाभावी श्री पुनाराम जी सोलंकी का जन्म 20 जून 1961 में ग्राम ढोला के साधारण किसान श्री कलाराम जी सोलंकी के घर हुआ। आप की माता का नाम अणची बाई हैं। आपने सन् 1976 में 8वीं पास की। आपका विवाह सन 1978 धन्नी बाई के संग हुआ। सुखमय दाम्पत्य जीवन यापन करने वाले श्री सोलंकी दम्पति के 2 पुत्र हैं। सबसे बड़े श्री भंवर लाल 12वीं पास हैं एवं मुंबई में व्यापारी हैं, जिनका विवाह पप्पी देवी की संग हुआ, तथा दूसरे पुत्र नरेश हैं। आप की दो पुत्रियां है बड़ी मंजू है जिसका विवाह श्री प्रेम प्रकाश जी के संग वह दूसरी लीला है, जिसका विवाह श्री ओगड़राम जी के साथ हुआ। आप के एक पौत्र अमृत व एक पौत्री सारिका है। शुरू से ही राजनीति में सक्रिय श्री पुनाराम जी सन 1976 से राशन की डीलरशिप करते हुए, सन् 1986 में कोपरेटिव के अध्यक्ष बने। सन् 1995 लगातार वार्ड पंच रहे श्री सोलंकी सन् 2010 में हुए पंचायत चुनाव में आप ग्राम पंचायत ढोला के सरपंच पद पर 334 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता पीने के पानी जिसमें जल योजना लागू करना, जल संरक्षण, सड़क निर्माण नालियाँ निर्माण, पशु चिकित्सालय इत्यादि करवाया।

पूर्व सरपंच श्री कूपारामजी देवड़ा

मिला आरक्षण ओ.बी.सी को, भाई लोगों को पद मिला। बने पंच, सरपंच, मंडल सदस्य, जन सेवा का सौभाग्य मिला। मिलनसार, मेहनती, पशुप्रेमी एवं सेवाभावी श्री कूपारामजी देवड़ा का जन्म 1 जनवरी 1962 को ग्राम बिरामी के मेहनती किसान श्री केसाराम जी देवड़ा के घर माता श्रीमती दौली बाई की कोख से हुआ। आपने सन्‌ 1975 में 6वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की।आपका विवाह श्रीमती मोहनी देवी के संग हुआ। खेती कार्य में दक्ष तथा पशु पालन के शौकीन देवड़ा दम्पत्ति के 2 पुत्र सर्व श्री मांगीलाल एवं दूसरा पुत्र श्री नितेश हैं। पंचायत चुनाव 2010 में श्री कूपाराम देवड़ा ने पंचायत समिति सुमेरपुर के वार्ड संख्या 18 से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर प्रथम बार पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा एवं 229 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता- जल बचाओ अभियान, जल संग्रहण पेयजल व्यवस्था एवं चारा डिपो इत्यादि महत्पूर्ण कार्य करवाया

पूर्व सरपंच श्रीमती सुकली देवी काग

महिलाओं को मिला आरक्षण, महिला बनी पंच, सरपंच । छूटे चूल्ला चौकी घर आंगन, हथिया लिया पुरूषों का मंच। परिश्रमी, सेवा भावी एवं सरल स्वभाव वाली श्रीमती सुकली देवी का जन्म साधारण किसान श्री वनाराम जी लचेटा के घर माता श्रीमती कंकूदेवी की कोख से हुआ था। श्रीमती सुकली देवी का विवाह डायलाणा के साधारण किसान श्री केसारामजी काग के संग हुआ। श्री केसारामजी के पिता का नाम खरतारामजी एवं माता का नाम मूली बाई है। पति-पत्नी दोनों ही परिश्रमी एवं कृषि कार्य में दक्ष काग दम्पति के एक पुत्र एवं एक पुत्री है। पुत्र श्री लालाराम है एवं पुत्री श्रीमती भंवरीदेवी का विवाह श्री जगारामजी बर्फा के संग किया है। पंचायत चुनाव में आपने ग्राम पंचायत डायलाणा ( जिसमें तीन ग्राम डायलाणा कलाँ, डायलाणा खुर्दम, गुंडा रावतान) से प्रथम बार सरपंचें का चुनाव लड़ा और कांटे की टक्कर में 59 मतों से विजयी रही। आपकी ग्राम पंचायत विकास कार्यों में नालियां बनाना, अकालग्रस्त इलाकों में चारा डिपो खुलवाना, जल संग्रहण हेतु एनीकट बनवाना रास्ते चोड़े करवाना हैंडपंप लगवाना इत्यादि सफलता पूर्वक कार्य करवाया । समाज में महिलाओं को आगे आना चाहिये तथा महिला शिक्षा अवश्य बढ़नी चाहिए। साथ ही महिलाओं को राजनीति राजकीय सेवा में भी आना चाहिये।।

सरपंच श्री बाबुलालजी लचेटा (गिराली)

सौभाग्य न सब दिन सोता है देखें आगे क्या होता है  बने सरपंच ग्राम ढालोप के, भविष्य में क्या-क्या होता है उपर्युक्त पंक्तियों को सार्थक करने वाले मृदुभाषी, मिलनसार हंसमुख एवं सेवाभावी श्री बाबूलाल लचेटा का जन्म 15 मार्च 1969 को ग्राम गिराली के साधारण किसान श्रीकानाराम जी लचेटा के घर माता श्रीमती राजीबाई की कोख से हुआ। आपने सन्‌ 1988 में 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की।आपका विवाह सन्‌ 1992 में श्रीमती कमलादेवी पुत्री भोलारामजी सेपटा के संग हुआ। आपके सफल दाम्पत्य जीवन में एक पुत्र श्री अक्षय एवं एक पुत्री अपेक्षा है।आप सन्‌ 1988 में मुम्बई चले गये एवं वहाँ सर्विस की। सन्‌ 1993 में स्वयं का व्यवसाय संगम मेडिकल स्टोर भाईंदर (मुम्बई) में शुरू किया। पंचायत चुनाव 2010 में आप ने ग्राम पंचायत ढालोप ( जिसमें चार ग्राम ढालोप, गिराली, पदमपुरा, माताजी विरमपुरा) से प्रथम बार सरपंच पद पर चुनाव लड़ा तथा शानदार 756 मतों से विजयी रहे। राजनीति में श्री लचेटा का भले ही प्रथम प्रयास है, मगर आप अच्छे व्यापार व्यवसाय के साथ-साथ समाज सेवा में भी सक्रिय रहे हैं। आप भाईन्दर सीरवी समाज में कोषाध्यक्ष पद पर अपनी सेवाऐँ दी है। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता-पेयजल समस्या, सड़क निर्माण, चारा डिपो,B.P.Lपरिवार की इत्यादि समस्या का हल करवाया।

पूर्व सरपंच श्रीमती कंकुदेवी ( नारलाई )

महिला आरक्षण का देखो कमाल, नई क्रान्ति आयी है। बनी पंच सरपंच, प्रधान, नई रोशनी लायी है। मृदुभाषी, मिलनसार एवं सेवाभावी श्रीमती कंकूदेवी का जन्म ग्राम राबड़िया के साधारण किसान श्री टीकमजी काग के घर माता श्रीमती तुलसी बाई की कोख से हुआ। साक्षर श्रीमती कंकूदेवी का विवाह नारलाई निवासी श्री शोभारामजी परिहार के संग हुआ। श्री शोभारामजी के पिताजी का नाम श्री भगाजी एवं माता का नाम श्रीमती चमनी बाई है। आपके सफल दाम्पत्य जीवन में दो पुत्र सर्व श्री मांगीलाल (9वीं पास मुम्बई में बिंदिया का व्यवसाय है।इनका विवाह श्रीमती पुष्पादेवी के संग हुआ) दूसरे पुत्र श्री रमेश (9वीं पास है एवं इनका भी मुम्बई में व्यापार है तथा इनका विवाह श्रीमती इन्द्रा के संग हुआ) तथा एक पुत्री श्रीमती पिंकी है जिसका विवाह श्री शेषारामजी लचेटा के संग हुआ है। आपके खुशहाल परिवार में दो पौत्र महेन्द्र एवं सुरेश है। 2010 के पंचायत चुनावों में श्रीमती कंकूबाई ने प्रथम चुनाव ग्राम पंचायत नारलाई के सरपंच पद पर लड़ा और शानदार434 मतों से विजयी रही।आपके पति श्री शोभारामजी सन्‌ 1999 से 2004 तक वार्ड पंच रहे। विकास के कार्यों में आपकी पहली प्राथमिकता मेला मैदान को समतल कराना, माईनर नहर निकलाना,पानी की टंकी महत्वपूर्ण कार्य करवाया।

पूर्व सरपंच श्री मोतीलालजी राठौड़

पूँजी नहीं है तो क्या हुआ यारों, शेरों का सा दिल रखते हैं। करते है दीन दुखियों की सेवा, गरीबों के संग रहते हैं उक्त पंक्तियों को सार्थक करने वाले निर्भीक, गरीबों के साथी मिलनसार एवं सेवाभावी श्री मोतीलाल राठौड़ का जन्म ग्राम देसूरी के साधारण किसान श्री हीरारामजी राठौड़ के घर हुआ। आपकी माता का नाम अणची बाई है। आपने सन्‌ 1969 में 11 वीं तक शिक्षा प्राप्त की। सन्‌.1972 में आपका विवाह श्रीमती कंकूबाई के संग हुआ।आपके सफल एवं सौहार्दपूर्ण दाम्पत्य जीवन में 3 पुत्र सर्व श्री मोहनलाल ( 12वीं पास है एवं पूना में व्यापार करते हैं इनका विवाह श्रीमती जमना देवी के संग हुआ) , दूसरे पुत्र श्री जगदीश (12 वीं पास है एवं पूना में व्यापार करते हैं एवं इनका विवाह सुगनादेवी के संग हुआ) एवं तीसरे पुत्र श्री सुरेश (B.com है एवं सर्विस करते हैं, इनका विवाह श्रीमती गंगादेवी के संग हुआ) तथा एक पुत्री शान्ति है। [जिसका विवाह श्री रामलालजी काग के संग हुआ है। आप शुरू से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। 1985 में कांग्रेस पार्टी के नगर अध्यक्ष रहे, 1991 में किसान ब्लॉक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तथा 1999 में ग्राम पंचायत देसूरी के सरपंच निर्वाचित हुए। उस समय देसूरी ग्राम में सी.सी. रोड तथा अम्बे माता मन्दिर को सी.सी. रोड से जोड़ा। सन्‌ 2010 में हुए पंचायत चुनाव में आप ग्राम पंचायत देसूरी से सरपंच पद पर 8 प्रतिद्वन्दियों के कड़े मुकाबले में 301 मतों से विजयी हुए। विकास कार्यों में आपकी प्राथमिकता ग्राम सौन्दर्यकरण, राठेलाव तालाब का सौन्दर्यकरण, जाग्रति युवा सेवा संघ के सहयोग से पीने के पानी की व्यवस्था कराना, सी-सी रोड़ बनाना इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य करवाया । राजनीति के साथ आप समाज के कर्मठ एवं निष्ठावान कार्यकर्ता हैं। समाज के संगठन को मजबूत करना व शिक्षा को बढ़ावा देना वर्तमान की प्रमुख जरूरत समझते हैं।।

पूर्व सरपंच श्री तेजारामजी लचेटा

सदस्य, पंचायत समिति-रानी (वार्ड -5भाजपा ) जनता ने चुना सेवक, अपना धर्म निभायेंगे । जन-जन की आवाज बनकर, जन सेवा धर्म निभायेंगे ।।
उत्साही, मिलनसार, एवं सेवाभावी श्री तेजाराम लचेटा का जन्म 1 जुलाई 1966को ग्राम बिजोवा के परिश्रमी एवं सीधे सरल किसान श्री सुजा राम जी लचेटा के घर माता श्रीमती नाथी बाई की कोख से हुआ। आपने सन 1983 में दसवीं तक शिक्षा प्राप्त की। आपका शुभ विवाह श्रीमती पुष्पा देवी निवासी ढालोप के संग हुआ। आपकी सफल दाम्पत्य जीवन में दो पुत्र सर्व श्री सुरेश एवं दूसरे पुत्र श्री ललित हैं। आप सन 1984 में मद्रास चले गये तथा 1987 मैं आपने स्वयं का व्यवसाय शुरू किया। सन् 1990 में आप मद्रास से पुणे चले गये और पुणे में ज्वेलर्स की दुकान शुरू की। आप 1995 में ई समाज सेवा दी । पंचायत चुनाव 2010 में आपने पंचायत समिति रानी के वार्ड संख्या 5 से भाजपा के टिकट पर पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा और 365 मतों से विजयी रहे। विकास कार्यों में पीने के पानी की व्यवस्था, चारा डिपो खुलवाना, ट्यूब वेल खुदवाना, संपर्क सड़के बनाना, एनीकेट बनाना, तालाब खुदवाने इत्यादि महत्वपूर्ण कार्य करवाये।

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