स्वर्गीय श्री नारायणराम जी लेरचा

श्री नारायण राम जी लेरचा (सीरवी) का जन्म 01.08.1934 को बिलाड़ा दीवान के तत्कालीन कामदार श्री धुलाराम जी लेरचा, बडेर ,बिलाड़ा के घर हुआ था . श्री नारायण राम जी ने इंटर तक की पढ़ाई की थी और वो पंचायत समिति के शिक्षक नियुक्त हुए. उन्होंने आगे BA तक की पढ़ाई पूरी की और 40 वर्ष की सफल राजकीय सेवाकाल के बाद राजकीय प्राथमिक विद्यालय पिचियाक (बिलाड़ा) से प्रधानाध्याक पद से 1992 में सेवा निवृत हुए। बचपन से ही वो दीवान श्री माधव सिंह जी व उनके परिवार के बहुत करीबी रहे है। और उन्होंने कई वर्ष तक अपने परिवार के साथ श्री आई माताजी के मंदिर में आने वाले जातरू व बाबा मंडली के लिया खाना बनाने व ठहरने कीव्यवस्था देखने का जिम्मा भी उठाया। नौकरी के साथ साथ उन्होंने दीवान साहब के पुराने दस्तावेजों को टटोल कर श्री आई माता जी और दीवान वंश के इतिहास पर हिंदी व राजस्थानी भाषा में बहुत सारी पुस्तके लिखी। दिनांक 14.12.1993 को दिल का दौरा पड़ने से श्री नारायण राम जी का स्वर्गवास हो गया। उनके दो बेटिया व तीन बेटे है। आपकी दोनों बेटियां बड़ी है,और उनका ससुराल बिलाड़ा में ही है।और उनके तीनों बेटों में बड़े बेटे श्री देवेंद्र सिंह जी इंजीनियर है। वर्तमान में जे के टायर,कांकरोली में कार्यरत है, दूसरे बेटे श्री दलपत सिंह जी पाली में एकाउंट्स व् टैक्स कंसलटेंट है। और सबसे छोटे बेटे श्री मनोहर सिंह जी एक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स है वर्तमान में एच.पी.सी.एल. मित्तल एनर्जी, नोएडा में कार्यरत है। उनकी लिखी प्रमुख पुस्तके श्री आई माताजी जी री ओलखाण, ज्योति स्वरूपा श्री आई माता जी की जीवन लीला, श्री आई माता जी का संक्षिप्त इतिहास, आई पंथ में बीज, दीवान श्री रोहित दास जी व जति भगा बाबाजी इत्यादि हैं

 

इन्‍होंने सीरवी समाज को गौरव, गरिमा और ऊचाईयाँ प्रदान की। सीरवी समाज के ऐसे समाज सेवी का नाम सीरवी जाति के इतिहास में सदा के लिए अमर रहेगा ।

 

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