श्री रतनलाल जी आगलेचा

प्रतिभा किसी परिचय की मौहताज नहीं होती है आदर्श प्रतीभा अपने जीवन की हर सांस से सारे जहां को महका देती है । श्री रतनलाल जी आगलेचा का जन्म 05 मई 1982 को गांव – भावी तहसील बिलाड़ा में श्री शिम्भू राम जी आगलेचा के घर हुआ। माता श्रीमती माडी बाई के स्नेह आंचल में संस्कारो की लोरियाँ सुनकर बड़े हुए । आपके एक भाई व एक बहन , आपके भाई शंकरलालजी ( पुणे व्यवसायी) बहिन श्याम w/o अर्जुन लाल जी जी बर्फा ( हैदराबाद) आपका मांगलिक विवाह संतोषी देवी के साथ हुआ। आपके दो सन्तान- 1.पुत्र – प्रफुल्ल आगलेचा 2.पुत्री- महिमा सीरवी , आपकी उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा पैतृक गांव भावी मे हुई। तत्पश्चात जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी से बी.ए. व एम.ए.(भूगोल)की डिग्री हासिल की। साथ ही भूगोल मे UGC द्वारा आयोजित NET उत्तीर्ण की। दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा मद्रास से गोल्ड मेडल के साथ सर्वोच्च अंको से बी.एड.की डिग्री प्राप्त की। वर्तमान महावीर खुला विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य मे एम.ए.की डिग्री और कम्प्यूटर प्रमाण-पत्र की शिक्षा हासिल की। एक शिक्षक व अध्यापक के रूप मे आप सरकारी सेवा मे-30/03/2005 सरकारी सेवाओं में रहकर सरकार और समाज के हित में अपना समर्पित सेवा कार्य कर रहे है। विद्यालय में आपकी पहचान एक कर्तव्यनिष्ठ अध्यापक के रुप में हैं। आप अपना सारा काम समयावधि में पूर्ण करते रहे हैं। बच्चों के आप चहेते हैं , और आपका पितृ तुल्य प्यार बच्चो को सतत मिलता रहा है। आप पदौन्नति प्राप्त कर वर्तमान मे आप एक वरिष्ठ अध्यापक (अंग्रेजी) पद पर राजकीय माध्यमिक विद्यालय अरटिया खुर्द,भोपालगढ(जोधपुर)मे कार्यरत है।

आप समाज और राष्ट्र के  प्रति गहरी संवेदनाए रखते है। आप एक ईमानदार, कुशल व सफल अध्यापक के अलावा मानवीय भावनाओं से ओतप्रोत एक सच्‍चे समाज सेवी और लेखक के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। सन 2007 में आपने एक पुस्तक ” सीरवी समाज का उद्भव एवं विकास “ नाम से एक ग्रन्थ प्रकाशित किया। जो सीरवी जाति कि उत्पत्ति-नामकरण- गौत्र,भौगोलिक अवस्थिति, जनसंख्या व साक्षरता,संस्कृति, धार्मिक आस्था, आर्थिक राजनीतिक एवं शैक्षणिक विकास के साथ-साथ समाज के लोकवीर, लोकसंत, समाज सुधारक आदि की स्थिति प्रदर्शित करने वाला यह ग्रन्थ सीरवी जाति पर्याप्त जानकारी देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। इसके अलावा आपने अतिरिक्त राष्ट्रीय एव अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार में आपके 10 पेपर पब्लिश हुए। जिनमे भी किसी तरह सकारात्मक रूप मे सीरवी समाज की गौरवपूर्ण उपलब्धि जोड़ता है। कुछ पुस्तके अभी प्रक्रिया अधीन है जो समाज से प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष सम्बन्धित है।

पुस्तक के अनुक्रमणिका
(1) राजस्थान का परिचय
(2) सीरवी समाज का निवास
(3) सीरवी समाज का परिचय
(4) सीरवी समाज सांस्कृतिक विरासत
(5) सीरवी समाज के धार्मिक आयाम
(6) संस्थाएँ एवं सामाजिक भवन
(7) साहित्य क्षितिज पर सीरवी सितारें
(8) समाज के पुरोधा
(9) सीरवी समाज की प्रगाति: एक झलक
(10) सीरवी समाज – जनसंख्या
(11) सीरवी समाज एवं साक्षरता

परिशिष्ट 
(1) संदर्भ ग्रन्थ सूची
(2) सीरवी जाति निवास स्थल (गांवों की सूची)

प्रस्तुति:- सुरेश सीरवी सिन्दडा़ (चैन्नई रामापुरम)
संस्थापक निर्देशक – सीरवी समाज संपूर्ण भारत डॉट कॉम

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