श्री चन्द्रसिंह जी चोयल

श्री चन्द्रसिंह चोयल का जन्म 30 अप्रैल 1940 को ग्राम अटबड़ा में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री डांवर रामजी तथा माता का नाम तीजा देवी है सन् 1959 में राज्य सरकार द्वारा अध्यापक पद पर आपको नियुक्ति मिली। आपने जीवन निरंतर प्रगति की तथा आप, व्याख्याता, व्याख्याता हिंदी साहित्य के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवाकाल से लेकर वर्तमान तक आप साहित्य साधना में मंगल रहते हुए समाज सेवा में लगे हुए हैं। श्री चोयल साहित्य की गहराई में जाकर महत्वपूर्ण सामग्री प्राप्त करते है। इन्होंने सीरवी जाति के व प्रसार सम्बन्धी अनेक तत्वों की महत्वपूर्ण खोज-कर रचना की । श्री आईजी गीति नाटिका,खारड़िया सीरवियों रौ इतिहास, चमत्कारी दीवान रोहितदासजी,सरकारी पदों पर आसीन सीरवी जाति के प्रमुख व्यक्ति, सैकडों राष्ट्रभक्ति पूर्ण गीतों, कविता, लोकगीत, एकांकी,निबन्ध, हास्य व्यंग्य, पत्र लेखन व इतिहास आदि की रचना की।

आकाशवाणी पर प्रसारित :-

(१) बीस सूत्री कार्य क्रम, (२) श्वेत क्रांति’ वार्ता व गीत व
(३) अकाल व किसान सम्बल गीत’।

चन्द्रसिंह सीरवी ने सम्मान प्राप्त किया।

जनगणना सन् 1981 में राष्ट्रपति पदक व सम्मान-पत्र प्राप्त किया। शैक्षिक व जन सहयोग कार्यों पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों (जिला शिक्षा अधिकारी, उपनिदेशक, अतिरिक्त निदेशक व निदेशक) एवम् मुख्य मंत्री, मंत्री, विधायक, पंचायत -समिति प्रधान, सरपंच व ग्राम समाओं द्धारा समय-समय पर इनकी प्रशंसा हुई। साहित्य प्रेमी श्री चन्द्रसिंह चोयल ने अपनी लेखनी द्धारा महत्वपूर्ण लेख,साहित्य इतिहास की रचना की ।

इनकी साहित्य साधन को महसूस करने पर साहित्य रत्न श्री शिवसिंहजी चोयल की याद अा जाती है। श्री चन्द्रसिंह चोयल वर्तमान में भी साहित्य साधन में लीन है।

 

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